आईएसएसआर परियोजना
आईएसएसआर
(इन-सीटू स्लम पुनर्विकास)
- निजी भागीदारी के साथ संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करते हुए स्लम पुनर्विकास
- केंद्र सरकार की जमीन/राज्य सरकार की जमीन/यूएलबी की जमीन पर झुग्गियां
- स्लम पुनर्वास अनुदान रुपये। प्रति घर औसतन 1 लाख।
- पुनर्विकास की जा रही अन्य मलिन बस्तियों के लिए इस केंद्रीय अनुदान को लागू करने के लिए राज्यों/शहरों को लचीलापन
- राज्यों/शहरों को परियोजनाओं को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए अतिरिक्त एफएसआई/एफएआर या टीडीआर प्रदान करना होगा
- जमीन की कीमत केंद्र सरकार द्वारा वसूल नहीं की जाएगी। एजेंसियों
- निजी स्वामित्व वाली भूमि पर मलिन बस्तियां
- राज्यों/शहरों को अपनी नीति के अनुसार जमीन के मालिक को अतिरिक्त एफएसआई/एफएआर या टीडीआर प्रदान करना होगा
- कोई केंद्रीय सहायता नहीं
पोस्ट किया गया: 06 अप्रैल 2023 दोपहर 1:36 बजे पीआईबी दिल्ली द्वारा
‘भूमि’ और ‘उपनिवेशीकरण’ राज्य के विषय हैं। अपने संबंधित क्षेत्रों में आवास से संबंधित योजनाओं को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। हालांकि, भारत सरकार जून, 2015 से प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत चार वर्टिकल के माध्यम से सभी पात्र शहरी लाभार्थियों को बुनियादी नागरिक सुविधाओं के साथ पक्का घर प्रदान करने के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करके राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरा कर रही है।
- (i)लाभार्थी के नेतृत्व वाले व्यक्तिगत घर निर्माण या वृद्धि (बीएलसी)
- (ii) साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी)
- (iii) क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) और
- (iv) “इन-सीटू” स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर)।
- पीएमएवाई-यू के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान और परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की है। सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें पीएमएवाई-यू के योजना दिशानिर्देशों के अनुरूप मांग के अनुसार परियोजना प्रस्ताव तैयार करती हैं।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर, 20.03.2023 तक पीएमएवाई-यू के आईएसएसआर वर्टिकल के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए कुल 2,10,552 घरों को मंजूरी दी गई है।
पीएमएवाई-यू के तहत, 20.03.2023 तक 1.20 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। स्वीकृत आवासों में से 109.40 लाख निर्माण के लिए रखे गए हैं; जिनमें से 72.72 लाख पूर्ण/लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं। 20.03.2023 तक 72.72 लाख पूर्ण घरों में से 52.78 लाख घरों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लाभार्थियों को मंजूरी दी गई है।
यह जानकारी आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।