
।। सुप्रभातम
।।ॐ आज का पंचांग ॐ।।
तिथि — नवमी
वार. ——– शनिवार
मास —— पौष
पक्ष ——– शुक्ल
सूर्योदय ——-०७-२३
सूर्यास्त —– १८-००
चन्द्रोदय —– १३-१९
चन्द्रास्त —- २६-१९+
सूर्य राशि —— धनु
चन्द्र राशि—– मीन अभिजीत मुहूर्त – १२-२०से १३-०३ तक।
राहुकाल १०-०२
से ११-२२ तक ।
कलियुगाब्द……५१२४
विक्रम संवत्…. २०७९
ऋतु….. शिशिर
नक्षत्र.. रेवती
योग… परिघ
करण… कौलव
आंग्ल मतानुसार
३१ दिसम्बर सन् २०२२
आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो।
।।ॐ।।सुभाषित।।ॐ।।
एक श्लोक
न धैर्येण विना लक्ष्मीर्न शौर्येण विना जयः।
न ज्ञानेन विना मोक्षो न दानेन विना यशः॥
धैर्य के बिना धन, वीरता के बिना विजय, ज्ञान के बिना मोक्ष और दान के बिना यश प्राप्त नहीं होता है।
लघुकथा – बेटी
सरपंच साहब भी पधारे थे। स्कूल का पूरास्टाफ एक कतार में खड़ा था।सबसे आगे नई चमचमाती साईकले और पीछे सारी छात्राएं, हमेशा की तरह अनुशासन में बंधी हुई जिसके कारण उनकी खुशी चेहरे पर बस हल्की सी मुस्कान से ही पहचानी जा सकती थी।
सरकारी स्कूल में साईकल वितरण का कार्यक्रम था । बेटियों को पढ़ाने, आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उनको साईकल दी जा रही थी।
वो बेटी साईकल घर पैदल ही ले गयी । चलाना नही आता था पर मन में उत्साह इतना कि उसको लग रहा था कि साईकल के रूप में, अपने भाई की तरह जो महंगे प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाता था, एक आश्वासन मिल गया है किलड़की होने के बावजूद उसको भी अपने भविष्य को सँवारने का मौका और हक दोनों मिलेगा।
उसने सोचा कि घर में मां की मदद करके और घर का काम करके शाम को वो साईकल सीखेगी और फिर स्कूल ले जाया करेगी।ऐसी शाम कभी नही आयी । न फुर्सत मिली न घर की तरफ से प्रोत्साहन |

एक बड़ा भाई और एक छोटा ही बहस करते रहे कि कौन चलायेगा और कब चलायेगा। फिर मां ने ही दोनों बेटों के बीच समय का बंटवारा कर दिया। उस बेटी के हाथ कुछ न आया।
अब सुबह को बड़ा भाई साईकल स्कूल ले जाता है और शाम को छोटा भाई गांव में घुमाता रहता है और नौसिखिया होने के कारण साईकल भिड़ाता लड़ाता रहता है।
वो बेटी अपने स्कूल पैदल ही आया जाया करती है।
साईकल वितरण की खबर अखबार में छपी । अखबार में छपी फ़ोटो की कटिंग काट कर स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगा दी गयी है।
वो बेटी जब उस फोटो को आते जाते देखती है तो एक पल मन ही मन जरूर खुश होती है, उतनी ही जितनी वो उस दिन साईकल पाकर हुई थी।
लेखक परिचय
श्री अवतार सिंह

!! ज़िन्दगी में ठक-ठक !!
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एक सिपाही गुर्वित अपने घोड़े पर सवार होकर राज्य की सीमाओं का निरीक्षण करने निकला। घंटों चलने के कारण सिपाही और घोड़ा दोनों ही थक गए थे। सिपाही ने तो अपने पास रखे पानी से प्यास बुझा ली पर बेचारे घोड़े के लिए कहीं पानी नहीं दिख रहा था।
पानी की तलाश में दोनों आगे बढ़ गए। थोड़ी देर चलने के बाद कुछ दूर पर एक बूढ़ा किसान अपने बैल के साथ दिखा। वह खेतों की सींचाई करने के लिए रहट चला रहा था।
सिपाही उसके समीप पहुँच कर बोला, “काका, मेरा घोड़ा बड़ा प्यासा है इसे जरा पानी पिलाना था।” “पिला दो बेटा!”, किसान बोला।
सिपाही घोड़े को रहट के पास ले गया ताकि वो उससे गिरता हुआ पानी पी सके। पर ये क्या घोड़ा चौंक कर पीछे हट गया। “अरे! ये पानी क्यों नहीं पी रहा?”, किसान ने आश्चर्य से पूछा।
सिपाही कुछ देर सोचने के बाद बोला, “काका! रहट चलने से ठक-ठक की जो आवाज़ आ रही है उससे यह चौंक कर पीछे हट गया।” “आप थोड़ी देर अपने बैल को रोक देते तो घोड़ा आराम से पानी पी लेता।”
किसान मुस्कुराया, बेटा ये ठक-ठक तो चलती रहेगी… अगर मैंने बैल को रोक दिया तो कुंएं से पानी कैसे उठेगा… यदि घोड़े को पानी पीना है तो उसे इस ठक-ठक के बीच ही अपनी प्यास बुझानी होगी।
सिपाही को बात समझ आ गयी, उसने फिर से घोड़े को पानी पिलाने का प्रयास किया, घोड़ा फिर पीछे हट गया… पर दो-चार बार ऐसा करने के बाद घोड़ा भी समझ गया कि उसे इस ठक-ठक के बीच ही पानी पीना होगा और उसने इस विघ्न के बावजूद अपनी प्यास बुझा ली।
शिक्षा:-
दोस्तों, इस घोड़े की तरह ही यदि हमें अपनी इच्छित वस्तु पानी है तो जीवन में चल रही ठक-ठक पर से ध्यान हटाना होगा। हमें सही समय के इंतज़ार में अपने प्लान्स को टालना छोड़ना होगा… बहानों के पीछे छुप कर ज़रूरी काम से मुंह मोड़ना छोड़ना होगा… हमें ये कंडिशन लगाना छोड़ना होगा कि हम आइडियल कंडिशन में ही काम करेंगे… क्योंकि ज़िन्दगी में ठक-ठक तो हमेशा ही चलती रहेगी, हमें तो इसी परिस्थिति में अपनी प्यास बुझानी होगी।
प्रेम छिपाये ना छिपे,जा घट परगट होय ।
प्रेम छिपाये ना छिपे,जा घट परगट होय ।जो कुछ मुख बोले नहीँ,नैन देत है रोय ।।कबीरा…नैन देत है रोय ।।
सन्त श्री कबीरदास जी
शब्दार्थ
लौकिक प्रेम के संदर्भ में/कबीर जी कहतें हैं कि
प्रेम छिपाने से छिपता नहीं है। जिसके हृदय में प्रेम उमड़ता है,चाहे वह मुख से कुछ भी न कहे परन्तु उसके नेत्र सब कुछ बता देतें हैं।अर्थात प्रेम की भाषा नेत्रों से व्यक्त हो जाती है।
शब्दों की भाषा या वाणी से प्रेम अभिव्यक्त नहींं होता। प्रेम की महिमा ही अनन्त है । इसको वही समझ सकता है । जिसके हृदय में वह प्रगट होता है ।
भाव यह है कि प्रेम कोई छुपाने की विषयवस्तु नही है अपितु उस मॉलिक की अनुभूति का एक सशक्त माध्यम है
ये आंखें भी दो प्रकार से अश्रु धारा बहाती है प्रेम और मोह यह दोनों एक ही सिक्के के पहलू है प्रेम के बिगड़े हुए स्वरुप को ही मोह कहते हैं और मोह के सुधरे हुए स्वरुप को प्रेम कहते हैं ।
प्रेम में अश्रु धारा के आनंद के वर्णन में निशब्द हूं इसका आनंद अगर लेना है तो श्री गुरु महाराज जी की गोद में अपने सर को रखकर समर्पण करने में ही है।
☘️ मरीच्यासन : शरीर की अकड़न को दूर करने वाला आसन जानिए इस योग का तरीका, फायदे और सावधानियां। डॉ राव पी सिंह जी द्वारा

मरीच्यासन ऋषि मरीचि के नाम पर रखा गया है। योगासन एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिये कमर दर्द को आसानी से दूर किया जा सकता है और यह शरीर के दूसरे अंगों को भी एक्टिव कर देता है।
आजकल घंटों एक जगह बैठकर काम करने, व्यायाम न करने और अनियमित लाइफस्टाइल के कारण कमर दर्द की समस्या आम होती जा रही है। मेट्रो शहरों में लोग घंटों एक ही जगह पर बैठकर काम करते हैं, इसलिए वहां समस्या और गंभीर हो गई है। इसे दूर करने के लिए दवाओं का सहारा लेना ठीक नहीं है।
मरीच्यासन न केवल कमर दर्द को दूर करता है बल्कि यह शरीर की दूसरी समस्याओं के लिए भी फायदेमंद होता है। यह आसन किसी पेनकिलर से अधिक प्रभावी होता है और इससे तुरंत आराम मिलता है।
यह मन को भी शांत करता है जिससे तनाव नहीं होता। इसके नियमित अभ्यास से कमर मजबूत होती है और कमर दर्द की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है। इस आसन का नाम मरीचि नामक सन्यासी के नाम से लिया गया है, जिसका मतलब रोशनी की किरण है।
मरीच्यासन करने की विधि
सर्वप्रथम किसी शांत, समतल, स्वच्छ व सुरक्षित स्थान पर उचित आसन लगाकर उस पर दोनों पैरो को आगे की ओर सीधा फैला कर बैठ जाएं।
अपनी गर्दन और कमर को सीधा रखें तथा दोनों हाथों को बगल में रख दें।
फिर दाहिने पैर को घुटने की तरफ से मोड़ें।
आपके पैर का घुटना आपके सीने से स्पर्श होना चाहिए, दूसरे पैर को सीधा रखें।
अब बाए पैर की तरफ अपने उपरी शरीर को झुकाएं।
अब अपने हाथों को पीछे की और मोड़कर पैर के घुटने को जकड़े रखें।
अब गहरी सांस लें, फिर सांस रोककर इस स्तिथि में 20-60 सेकंड तक बने रहें।
फिर सांस छोड़कर साधारण स्तिथि में आ जायें।
इस प्रकार एक चक्र पूरा हुआ
इस क्रिया को अब बाए पैर से भी दोहराए तथा बारी-बारी से दोनों पैरो के साथ करें।
इस आसन का अभ्यास कम से कम 5 चक्र करें।
मरीच्यासन करने के लाभ
- मरीच्यासन के नियमित अभ्यास से तनाव खत्म होता है।
- यह कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाकर, कमर दर्द में राहत दिलाता है।
- इसे करने से महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में कमी आती है।
- इसे नियमित रूप से करने पर दिमाग शांत रहता है तथा सिरदर्द नहीं होता।
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में भी यह आसन मदद करता है।
- यह कंधे, कमर और हैमस्ट्रिंग को मजबूत बनाता है।
7 इससे पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है तथा पेट संबंधी समस्याओ में भी फायदा मिलता है। - माइग्रेन के मरीजों को इसे करने से फायदा पहुंचता है।
- यह शरीर के वजन को संतुलित करने में मददगार है। इससे शरीर पर अतिरिक्त चर्बी नहीं जमती है।
- यह आसन आपकी किडनी और लिवर को उत्तेजित करता है।
- इसका अभ्यास करने से आपकी भीतरी जांघों में मजबूती आती है और यह टोन होती है।
- मरीच्यासन के नियमित अभ्यास से मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
मरीच्यासन में सावधानिया
गर्भवती, हाल ही में सर्जरी किए रोगी, उच्च रक्तचाप की समस्या,पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कंधों में चोट हो तो मरीच्यासन न करें।
यदि आपको दस्त या दमे की परेशानी हो तो मरीच्यासन न करें।
अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगाएं।
हीराबेन | एक आदर्श को राष्ट्र की सच्ची श्रद्धांजलि
इस दुनिया में किसी व्यक्ति की पहचान दो तरह से स्थापित होती है:-
१. माॅं-बाप के नाम से औलाद की पहचान(वो अमुक का बेटा/बेटी है )
और
२. औलाद के नाम से माॅं- बाप की पहचान(वो अमुक के माता/पिता हैं)

इनमें से पहली पहचान सामान्य है, जबकि दूसरी पहचान असामान्य/असाधारण होती है।
अर्थात्
मां-बाप के पीछे अपनी पहचान बनाना तो आसान (अनायास) है जबकि अपने नाम से इस दुनिया में अपने मां-बाप की पहचान कायम करना बेहद मुश्किल(सायास)।
जो महिला एक अत्यंत साधारण परिवार की बेटी/बहू बनकर दुनिया में आई,लेकिन आज एक यशस्वी प्रधानमंत्री की माॅं के रूप में इस दुनिया से विदा हुई,यह निश्चित ही अद्भुत अनुभूति है।
स्वर्गीय आत्मा को सादर श्रद्धांजलि!!
इतिहास की 31 दिसम्बर 2021 तक की मुख्य घटनाओं सहित पञ्चांग-मुख्यांश ..
📜 31 दिसम्बर 2022
शनिवार
🏚नई दिल्ली अनुसार🏚
🇮🇳शक सम्वत- 1944
🇮🇳विक्रम सम्वत- 2079
🇮🇳मास- पौष
🌓पक्ष- शुक्लपक्ष
🗒तिथि- नवमी – 18:35 तक
🗒पश्चात्- दशमी
🌠नक्षत्र- रेवती – 11:47 तक
🌠पश्चात्- अश्विनी
💫करण- कौलव – 18:35 तक
💫पश्चात्- तैतिल
✨योग- परिघ – 08:18 तक
✨पश्चात्- शिव
🌅सूर्योदय- 07:13
🌄सूर्यास्त- 17:34
🌙चन्द्रोदय- 12:58
🌛चन्द्रराशि- मीन – 11:47 तक
🌛पश्चात्- मेष
🌞सूर्यायण – उत्तरायण
🌞गोल- दक्षिणगोल
💡अभिजित- 12:03 से 12:44
🤖राहुकाल- 09:48 से 11:06
🎑ऋतु- शिशिर
⏳दिशाशूल- पूर्व
✍विशेष👉
🔅आज शनिवार को 👉 पौष सुदी नवमी 18:35 तक पश्चात् दशमी शुरु , पंचक 11:47 तक , मूल संज्ञक नक्षत्र जारी , सर्वदोषनाशक रवियोग 11:47 से , आचार्य जिनानन्द सागर पुण्य दिवस (खतरगच्छ जैन , पौष शुक्ल नवमी), श्री कृष्ण बल्लभ सहाय जयन्ती , श्री रवि शंकर शुक्ल स्मृति दिवस व ईस्वी वर्ष 2022 पूर्णता महोत्सव।
🔅कल रविवार को 👉 पौष सुदी दशमी 19:14 तक पश्चात् एकादशी शुरु।
🎯आज की वाणी👉
🌹
यस्य मन्त्रं न जानन्ति
बाह्याश्चाभ्यन्तराश्च ये।
स राजा सर्वतश्चक्षुश् –
चिरम् ऐश्वर्यम् अश्नुते।।
★महाभारतम् उद्योगपर्व ३८-१५
अर्थात्👉
जिस राजा की मन्त्रणा को उसके बहिरंग एवं अन्तरंग कोई भी मनुष्य नहीं जानते, सब ओर दृष्टि रखनेवाला वह राजा चिरकालतक ऐश्वर्य का उपभोग करता है।
🌹
31 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ👉
1492 – इटली के सिसली क्षेत्र से 100,000 यहूदियों को निकाला गया।
1600 – ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई।
1711 – जॉन चर्चिल मार्लबोरो के पहला राजा के रूप में अंग्रेजी सेना को बहार जाने का आदेश दिया।
1744 – अंग्रेजी खगोल विज्ञानी जेम्स ब्रैडली ने पृथ्वी की नाटकीय गति की खोज की घोषणा की।
1756 – रूस वरसेल्स गठबंधन में शामिल हुआ।
1758 – ब्रिटिश अभियान सेना ने गोरे (डाकर) सेनेगल पर कब्जा कर लिया। इस पंचांग को सीधे हमसे प्राप्त करने एवं विविध तथा शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट ” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।
1775 – अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध में क्यूबेक की लड़ाई: अमेरिकियों ने ब्रिटिश गढ़ को ले जाने की कोशिश की।
1781 – अमेरिका में पहला बैंक ‘बैंक ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ में खुला।
1783 – उत्तरी अमेरिका के सभी राज्यों ने अफ्रीकी से दासों के आयात पर रोक लगाई।
1802 – पेशवा बाजीराव द्वितीय को ब्रिटिश संरक्षण प्राप्त हुआ।
1827 – ब्रिटेन के अविष्कारक जान वाकर के द्वारा माचिस का आविष्कार हुआ।
1857 – महारानी विक्टोरिया ने कनाडा की नई राजधानी के लिए ओटावा को चुना।
1861 – चेरापूँजी ( 22990 मिमि बारिश हुई जो विश्व में किसी भी स्थल पर होने वाली सर्वाधिक वर्षा है।
1902 – दक्षिण अफ्रीका के बोअरों तथा ब्रिटेन की सेना ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
1911 – मैरी क्यूरी ने अपना दूसरा, रसायन विज्ञान के लिए, नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।
1929 – महात्मा गाँधी के नेतृत्व में काँग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लाहौर में पूर्ण स्वराज्य के लिए आंदोलन शुरू किया।
1944 – अमेरिकी राज्य उताह के ओगडन में रेल दुर्घटना में 48 लोगों की मौत।
1944 – द्वितीय विश्व युद्ध में हंगरी ने जर्मनी के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा की।
1949 – विश्व के 18 देशों ने इंडोनेशिया को मान्यता दी।
1962 – हालैंड ने दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप न्यू गिनी को छोड़ा।
1964 – डोनाल्ड कैम्पबेल ने अपनी जेट नाव में बैठ कर पानी में सबसे तेज गति तय करने का विश्व रिकार्ड बनाया।
1964 – इंडोनेशिया को संयुक्त राष्ट्र से निष्कासित किया गया।
1981 – घाना में सैनिक क्रान्ति द्वारा राष्ट्रपति डाक्टर लिम्मान सत्ताच्युत एवं फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट जेरी रालिंग्स ने सत्ता संभाली।
1983 – ब्रुनेई को ब्रिटेन से आजादी मिली।
1984 – राजीव गाँधी 40 वर्ष की उम्र में भारत के सातवें प्रधानमंत्री बने।
1984 – मो. अज़हरुद्दीन ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेलकर अपने अंतर्राष्ट्रीए क्रिकेट जीवन की शुरुआत की। बाद में वे भारतीय टीम के कप्तान भी बने।
1988 – परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले रोकने के लिए भारत और पाकिस्तान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया जो 27 जनवरी 1991 से प्रभावी हुआ।
1992 – चेकोस्लोवाकिया का चेक गणराज्य और स्लोवाकिया में शांतिपूर्ण विघटन हुआ।
1997 – मोहम्मद रफ़ीक तरार पाकिस्तान के 9वें राष्ट्रपति निर्वाचित।
1998 – रूस द्वारा कज़ाकिस्तान अंतरिक्ष केंद्र से तीन उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण।
1999 – रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येलत्सीन ने त्यागपत्र दे दिया और विलादमीर पुतीन उनके उतराधिकारी बने।
1999 – इंडियन एयरलाइंस के विमान 814 का अपहरण कर अफ़ग़ानिस्तान के कंधार हवाई अड्डे ले जाया गया। सात दिन के बाद 190 लोगों की सुरक्षित रिहाई के साथ यह बंधक संकट टला।
2001 – भारत ने पाकिस्तान को 20 वांछित अपराधियों की सूची सौंपी ।
2001 – अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति फ़र्नांडों रूआ ने अपने पद इस्तीफ़ा दिया।
2003 – भारत और सार्क के दूसरे देशों के विदेश सचिवों ने शिखर सम्मेलन से पहले वार्ता शुरू की।
2004 – ब्यूनर्स आयर्स (अर्जेन्टीना) के एक नाइट क्लब में आग लगने से 175 लोगों की मौत।
2005 – सुरक्षा कारणों से संयुक्त राज्य अमेरिका ने मलेशिया में अपने दूतावास को अनिश्चित काल के लिए बंद किया।
2007 – म्यांमार की सैन्य सरकार ने सात विपक्षी नेताओं को गिरफ़्तार किया।
2008 – ईश्वरदास रोहिणी को दूसरी बार मध्य प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई।
2014 – चीन के शंघाई शहर में नए साल की पूर्व संध्या पर मची भगदड़ में कम से कम 36 लोग मारे गए और 49 अन्य घायल हो गये।
2019 – सीआरपीएफ के महानिदेशक सेवानिवृत्त : आईटीबीपी प्रमुख को मिला अतिरिक्त प्रभार।
2020 – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स की आधारशिला रखी।
2021 – अमेरिका के कोलोराडो राज्य में आग लगने के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया।
2021 – चीन के शंघाई प्रांत में दुनिया की सबसे लंबी मेट्रो लाइन खोली गई।
31 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति👉
1514 – बेल्जियम के प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक वोज़ैलियस का ब्रसेल्ज़ में जन्म हुआ।
1738 – लॉर्ड कॉर्नवालिस फोर्ट विलियम प्रेसिडेंसी के गवर्नर जनरल रहे व बंगाल के गवर्नर जनरल थे ।
1875 – डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेग में पूर्वी मामलों के विशेषज्ञ आर्थर क्रिस्टीनसिन का जन्म हुआ।
1898- कृष्ण बल्लभ सहाय- बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी (1866 का भी वर्णन)।
1915 – यमुनाबाई वाईकर – भारत की प्रसिद्ध लोक कलाकार थीं। उन्हें ‘लावणी की क्वीन’ कहा जाता था।
1925 – व्यंग्य के लिए मशहूर हिंदी लेखक श्रीलाल शुक्ल का जन्म हुआ था।
1926 – सैयद ज़हूर क़ासिम – एक भारतीय समुद्री जीवविज्ञानी थे ।
1940 – त्रिदिब मित्रा – बांग्ला साहित्य के ‘भूखी पीढ़ी’ (हंगरी जेनरेशन) आंदोलन के प्रख्यात कवि।
1951 – अरविंद गणपत सावंत – भारतीय राजनीतिज्ञ , मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बने।
1965 – भारत के पूर्व स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन का जन्म हुआ।
1979 – अंशु जमसेन्पा – भारत की पर्वतारोही जो 2017 में पांच दिन में दो बार माउंट एवरेस्ट की चोटी तक चढ़ाई करके इस विश्व कीर्तिमान को स्थापित करने वाली विश्व की पहली महिला बनी।
31 दिसंबर को हुए निधन👉
1691 – आयरलैंड के प्रसिद्ध रसायनशास्त्री और भौतिक शास्त्री राबर्ट बोयल का निधन हुआ।
1926 – विश्वनाथ काशीनाथ राजवाडे – प्रसिद्ध भारतीय लेखक, इतिहासकार, श्रेष्ठ वक्ता और विद्वान् थे।
1956 – रविशंकर शुक्ल – मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री।
1965 – वी. पी. मेनन – भारतीय रियासतों के एकीकरण में सरदार पटेल के सहयोगी थे।
1979 – ज्ञान सिंह रानेवाला – भारतीय राजनीतिज्ञ थे।
2017 – अरविंद कृष्ण जोशी – पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग में कंप्यूटर और संज्ञानात्मक विज्ञान के हेनरी सालवेटोरी प्रोफेसर थे।
2019 – असम के प्रख्यात नाटककार रत्न ओझा का निधन।
2020 – कर्नल नरेंद्र “बुल” कुमार ( एक भारतीय सैनिक और पर्वतारोही थे ) का निधन हुआ।
2020 – ओलंपिक 1972 की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे माइकल किंडो का उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते निधन हुआ।
31 दिसंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव👉
🔅 आचार्य जिनानन्द सागर पुण्य दिवस (खतरगच्छ जैन , पौष शुक्ल नवमी)।
🔅 श्री कृष्ण बल्लभ सहाय जयन्ती।
🔅 श्री रवि शंकर शुक्ल स्मृति दिवस।
🔅 ईस्वी वर्ष 2021 पूर्णता महोत्सव।
🌻आपका दिन मंगलमय हो जी ।🌻
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