कक्षा एक व दो की पूरी किताबें नई आएगी-
प्रदेश में कक्षा एक व दो की किताबों में संशोधन होने से 100 फीसदी नई किताबों का वितरण किया जाएगा, ऐसे में नई किताबें छपने के बाद ही वितरण के लिए पहुंचेगी। इन किताबों में शिक्षा विभाग व एनसीआरटीई ने संशोधन किया। प्रदेश में अब कक्षा एक से 12वीं तक पूरी तरह से एनसीआरटीई का पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा। किताबों के वितरण के लिए परिवहन की व्यवस्था केन्द्र से नोडल तक पाठयपुस्तक मंडल की रहेगी।
पांचवीं बोर्ड का रिजल्ट जल्द
आठवीं बोर्ड के बाद अब पांचवीं बोर्ड का रिजल्ट भी इसी सप्ताह में जारी हो सकता है। करीब दस लाख स्टूडेंट्स ने पांचवीं बोर्ड एग्जाम दिया था। शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के चलते पांचवीं बोर्ड में कोई भी स्टूडेंट्स फेल नहीं होगा।
पांचवीं बोर्ड का रिजल्ट आठवीं बोर्ड से भी बेहतर रखने का प्रयास किया जा रहा है। आठवीं बोर्ड में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स के बी और सी ग्रेड आए हैं, जबकि इसके विपरीत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के बारहवीं के विज्ञान व वाणिज्य का रिजल्ट उलट रहा। वहां फर्स्ट डिविजन ज्यादा है और सेकंड डिविजन कम है। थर्ड डिविजन तो नगण्य है। ऐसे में अब पांचवीं का रिजल्ट बेहतर रखने का प्रयास हो रहा है। माना जा रहा है कि शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला की बीकानेर यात्रा का इंतजार किया जा रहा है। जिस दिन डॉ. कल्ला बीकानेर आएंगे, उसी दिन पांचवीं बोर्ड का रिजल्ट भी जारी हो सकता है।
9वीं में प्रवेश के लिए नेट से जनरेट आठवीं की अंक तालिका मान्य होगी
शिक्षा विभाग की ओर से आठवीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। आगामी कक्षा में प्रवेश के लिए मूल अंक तालिका के बिना इंटरनेट से जनरेट आठवीं की अंक तालिका टीसी काटने व प्रवेश के लिए मान्य होगी। दरअसल, मूल अंक तालिका छपने तथा वितरण में समय लगेगा। ऐसे में 9वीं कक्षा में प्रवेश तथा आठवीं की टीसी काटने में कोई असुविधा ना हो इसलिए प्रत्येक इंटरनेट से जनरेट होने वाले अंक तालिका में इस संबंध में नोट भी अंकित किया गया है।
सीटेट के लिए 26 तक आवेदन किए जा सकेंगे
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा(सीटेट) के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है। 26 मई तक आवेदन किए जा सकेंगे। सीबीएसई द्वारा सीटेट के लिए 27 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन शुरू किए थे। एक महीने का समय ऑनलाइन आवेदन के लिए दिया हुआ है। इस हिसाब से 26 मई की रात को 11:59 बजे यह प्रक्रिया थम जाएगी। आवेदन के लिए सामान्य व ओबीसी अभ्यर्थियों को एक पेपर के लिए एक हजार रुपए और दोनों पेपरों के लिए 1200 रुपए शुल्क देना होगा। एससीएसटी विकलांग अभ्यर्थी को एक पेपर के लिए 500 रुपए और दो पेपरों के लिए 600 रुपए का शुल्क देना होगा। अजमेर सहित देश भर में इसके लिए आवेदन किए जा रहे हैं। निदेशक सीटेट के अनुसार सीटेट के 17वें संस्करण की परीक्षा सीबीटी यानी (कंप्यूटर आधारित टेस्ट-ऑनलाइन) मोड में जुलाई से अगस्त 2023 के बीच आयोजित की जाएगी।
4.18 लाख ने दी परीक्षा, सामान्य वर्ग में 65% अंक वालों काे मिल सकता है काॅलेज
राज्य के बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए 21 मई को हुई पीटीईटी परीक्षा में शामिल हुए 4.18 लाख अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम जून के अंतिम सप्ताह तक जारी होने की संभावना है। नोडल एजेंसी गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा की ओर से पीटीईटी परीक्षा की आंसर की जारी कर दी गई है।
राज्य में दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के करीब 980 कॉलेज है। जिनमें 1 लाख दो हजार सीटें उपलब्ध है। वहीं 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के 440 कॉलेजों में करीब 40 हजार सीटें हैं। इन सीटों पर पीटीईटी की मेरिट के जरिए अभ्यर्थियों को प्रवेश मिलेगा।
राज्य के बीएड कॉलेजों में उपलब्ध सीटों पर प्रवेश के लिए औसत एक सीट पर तीन से चार अभ्यर्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा रहेगी। दो वर्षीय बीएड परीक्षा में 282494 और 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स की परीक्षा में 135542 अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल से 67 हजार कम है। पिछले साल दोनों कोर्स में राज्य के लगभग 4.85 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। इस बार यह संख्या 4.18 लाख के करीब है।
आरटीई : आवेदन निरस्त नहीं कर सकेंगे निजी स्कूल, जांच 6 जून तक की जाएगी
गैर सरकारी स्कूल में आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश के लिए लाॅटरी निकाल दी गई है। अब चयनित स्टूडेंट्स के अावेदनाें की जांच 6 जून तक हाेगी। लॉटरी के बाद जारी वरीयता सूची स्कूल के अनुसार प्राइवेट स्कूल पोर्टल https://rajpsp.nic.in के होम पेज पर ‘वरीयता सूची’ के लिंक पर देख सकते हैं। अारटीई प्रभारी का कहना है कि निजी स्कूल वाले दस्तावेज पर केवल आपत्ति कर सकेंगे। दस्तावेज रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे। स्कूल से आपत्ति के बाद सीबीईओ देखेंगे कि स्कूल की तरफ से लगाई गई आपत्ति सही है या गलत?
छात्रावास में प्रवेश की पहली सूची 26 जून को होगी जारी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित हो रहे कॉलेज एवं स्कूल स्तरीय छात्रावासों में वर्ष 2023- 24 के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभ्यर्थी प्रवेश के लिए 23 मई से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 27 जुलाई निर्धारित की गई है। पहली वरीयता सूची 26 जून और दूसरी 10 जुलाई और तीसरी वरीयता सूची 28 जुलाई को घोषित की जाएगी। अभ्यर्थियों को रिक्त सीटों पर ही प्रवेश दिया जाएगा। विद्यालय स्तरीय छात्रावास में कक्षा 6 से 12वीं में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं आवेदन की पात्र होंगे। कॉलेज स्तरीय बालिका छात्रावास में केवल छात्राओं को ही प्रवेश दिया जाएगा। बीपीएल परिवार के छात्र- छात्राओं को वरीयता मिलेगी। पिछली कक्षा में 40% या इससे अधिक अंक प्राप्त होने पर ही प्रवेश दिया जा सकेगा।
रिटोटलिंग के लिए आवेदन 27 मई तक, 10 जून तक होगी पुनर्गणना
शिक्षा विभाग की ओर से आठवीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित किया जा चुका है। अब पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं राजस्थान बीकानेर ने रिटोटलिंग के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए छात्र 27 मई तक संबंधित स्कूल में आवेदन दे सकेंगे। पुनर्गणना के लिए अधिकतम विषय चयन की कोई सीमा नहीं रहेगी। शिक्षा विभागीय परीक्षा राजस्थान बीकानेर के पंजीयक रामस्वरूप जांगिड़ ने इस संबंध में सभी डाइट प्राचार्य को निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि पुनर्गणना में केवल परीक्षार्थी के द्वारा प्राप्त अंकों की प्रश्नवार पुनर्गणना की जाएगी। प्रश्नोत्तर को नए सिरे से नहीं जांचा जाएगा। विद्यार्थी की ओर से आवेदन करने के बाद संबंधित संस्था प्रधान को 29 मई तक आवेदन डाइट में जमा कराने होंगे। रिटोटलिंग का काम 1 जून से 10 जून के बीच किया जाएगा। इसके बाद परिणाम में बदलाव होने पर ऐसे परीक्षार्थियों की संशोधित अंक सूची डाइट प्राचार्य को 12 जून तक उपलब्ध कराई जाएगी।
हिंदी वालों की दोगुनी छलांग:11 साल में पहली बार हिंदी माध्यम से 54 सिविल सर्विस में
यूपीएससी ने 2012 में एग्जामिनेशन पैटर्न को बदला तो एक मिथक बन गया था कि आईएएस बनना है तो अंग्रेजी माध्यम अनिवार्य है। यह मिथक अब धीरे-धीरे टूटने लगा है। 2012 के बाद से पहली बार हिन्दी माध्यम के 50 से अधिक अभ्यर्थियों का सिविल सेवा परीक्षा-2022 के परिणाम में चयन हुआ है। जबकि पिछले साल यह संख्या 24 थी।
हिन्दी माध्यम से चयनित होने वालों के अनुसार अंग्रेजी में लेखन की गति तेज रहती है, जबकि हिन्दी में इतनी नहीं रह पाती। प्रश्न-पत्र अंग्रेजी में तैयार होता है। हिंदी में अनुवाद रहता है। इससे कई बार पेपर में स्पष्ट अनुवाद भी नहीं हो पाता, जिससे परीक्षार्थी को सबसे बड़ी परेशानी होती है।
परीक्षार्थी खुद को अंग्रेजी में आत्मविश्वास महसूस करता है और सेलेबस सामग्री भी आसानी से उपलब्ध हो पाती है।