कालीबंगा संग्रहालय 1961-69 के बीच की गई हड़प्पा की खुदाई से प्राप्त वस्तुओं को रखने के लिए 1983 में स्थापित किया गया था। कालीबंगा संग्रहालय हनुमानगढ़ से लगभग बीस किमी की दूरी पर स्थित है। दीर्घाओं में प्रदर्शित वस्तुओं में हड़प्पा पूर्व स्तर की हड़प्पा मुद्राएं, चूड़ियां, टेराकोटा की वस्तुएं, टेराकोटा की मूर्तियाँ, ईंटें, चक्की, पत्थर की गेंदें तथा प्रसिद्ध छह भवनों वाली पात्र-निर्माणशाला शामिल हैं।

कालीबंगा संग्रहालय की विशेषताएँ
- इस संग्रहालय में कई प्रकार की प्राचीन वस्तुएँ रखी हुई हैं।
- इस संग्रहालय में पात्रों और पुरावशेष को 3 दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है।
- एक दीर्घा हड़प्पा पूर्व अवशेषों को दर्शाती हैं।
- अन्य दो दीर्घाएँ हड़प्पा कलावस्तुओं को समर्पित हैं।
- इस संग्रहालय का मुख्य आकर्षण हड़प्पा मुद्राएँ, चूड़ियाँ, टेराकोटा की वस्तुएँ, टेराकोटा की मूर्तियाँ, ईंटें, चक्की, पत्थर की गेंदें तथा प्रसिद्ध छह भवनों वाली पात्र-निर्माणशाला शामिल हैं।
- कालीबंगा संग्रहालय में विभिन्न समान जैसे आभूषण, खिलौने और पुराने शहरों की तस्वीरें और बरतन आदि देखे जा सकते हैं।
- दीर्घाओं में प्रदर्शित वस्तुओं में कालीबंगा के क से ड. तक के हड़प्पा पूर्व स्तर की हड़प्पा मुद्राएं, चूड़ियां, टेराकोटा की वस्तुएं, टेराकोटा की मूर्तियाँ, ईंटें, चक्की, पत्थर की गेंदें तथा प्रसिद्ध छह भवनों वाली पात्र-निर्माणशाला शामिल हैं।
- इसके अलावा, खुदाई के विभिन्न स्तरों के खुली संरचनाओं के चित्र भी दर्शाएं गए हैं।