
किसी परीक्षा में परीक्षार्थियों हेतु परिक्षावार व विषयवार बैठक व्यवस्था निम्नानुसार की जा सकती हैं।
परीक्षार्थियों के लिए परिक्षावार व विषयवार बैठक व्यवस्था अलग-अलग परीक्षाओं के अनुसार भिन्न हो सकती है। यह बैठक व्यवस्था अक्सर परीक्षा प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की जाती है। निम्नलिखित विवरण कुछ ऐसी व्यवस्थाओं को संबोधित करता है जो आमतौर पर अपनाई जाती हैं।
- परिक्षावार व्यवस्था: इस व्यवस्था में, परीक्षार्थियों को एक से अधिक परीक्षावार में बैठाया जाता है। यह व्यवस्था विभिन्न परीक्षाओं में लागू होती है जो एक ही दिन में आयोजित की जाती हैं। इस तरह की बैठक व्यवस्था के अंतर्गत, परीक्षार्थियों को उनकी पसंद के अनुसार परीक्षावार में बैठाया जाता है।
- विषयवार बैठक व्यवस्था: इस व्यवस्था में, परीक्षार्थियों को एक ही परीक्षावार में बैठाया जाता है, लेकिन उन्हें उनके चयनित विषयों के अनुसार अलग-अलग बैठकों में विभाजित किया जाता है। इस तरह की व्यवस्था में, परीक्षारथियों को उनके चयनित विषय के अनुसार परीक्षा देने का अवसर मिलता है और इससे वे अपने विषय में अधिक उत्तीर्ण हो सकते हैं। इस तरह की बैठक व्यवस्था अक्सर स्कूल और कॉलेजों में अपनाई जाती है जहां परीक्षाएं एक ही दिन में आयोजित की जाती हैं।
- इन व्यवस्थाओं के अलावा, कुछ परीक्षाएं भी होती हैं जो कुछ अलग व्यवस्थाओं के तहत आयोजित की जाती हैं। जैसे कि कुछ परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को एक बड़े कक्ष में बैठाया जाता है जहां सभी उम्मीदवार समान अंक प्राप्त करने के लिए पूछे गए सवालों का जवाब देते हैं। इस तरह की व्यवस्था को एकल बैठक व्यवस्था के रूप में जाना जाता है।
- इन सभी व्यवस्थाओं में, परीक्षार्थियों को उनकी बैठक की जानकारी परीक्षा के पूर्व दिए जाने वाले प्रवेश पत्रों में मिलती है। प्रवेश पत्रों में परीक्षार्थियों को उनके बैठक नंबर, परीक्षा केंद्र का पता, परीक्षा देने के समय और अन्य महत्ववपूर्ण जानकारियां दी जाती हैं। परीक्षा के दिन परीक्षार्थियों को समय पर परीक्षा केंद्र पर पहुँचना चाहिए। वे अपनी बैठक में बैठ जाते हैं और उन्हें परीक्षा शुरू होने से पहले अपनी बैठक नंबर और अन्य जानकारियों की जांच करनी चाहिए।
- एक बार जब परीक्षा शुरू होती है, तो परीक्षार्थियों को उनकी बैठक में दिए गए समयानुसार प्रश्न पत्रों का सामना करना पड़ता है। बहुत सारी परीक्षाएं मल्टीपल च्वाइस सवालों का आयोजन करती हैं, जिसमें परीक्षार्थी किसी एक सही उत्तर का चयन करने के लिए प्रश्नों के आधार पर विकल्पों का चयन करते हैं। अन्य परीक्षाओं में, परीक्षार्थियों को वस्तुनिष्ठ प्रश्न या निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।
- परीक्षाएं समाप्त होने के बाद, उत्तरपत्रों को गणना के लिए भेजा जाता है और अंतिम अंक घोषित किए जाते हैं। इस प्रक्रिया में, उत्तरों की गणना ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीकों से की जाती है।
- इस तरह से, परीक्षर्थियों की उत्तरपत्रिकाओं की जांच की जाती है और यदि आवश्यक हो तो उनमें से कुछ उत्तरों को फिर से जांचा जाता है। इसके बाद, अंतिम अंक और परीक्षा परिणाम घोषित किए जाते हैं।
- परीक्षाओं के संचालन के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकों में ऑनलाइन परीक्षाएं, कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं और कंप्यूटर प्रणाली द्वारा संचालित टेस्ट शामिल हैं। इन तकनीकों का उपयोग करके, परीक्षार्थी ऑनलाइन या कंप्यूटर द्वारा अधिक संवेदनशील और विस्तृत परीक्षाओं में भी भाग ले सकते हैं।
इस प्रकार, परीक्षाओं के लिए बैठक व्यवस्था का महत्वपूर्ण रोल होता है। एक अच्छी व्यवस्था शांतिपूर्ण और संगठित परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो परीक्षार्थियों को सकारात्मक परिणाम देती है।