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गुरुकुल के एक ओजस्वी विद्यार्थी का भाषण व वीडियो

भारतीय गुरुकुल में अध्ययनरत एक विद्यार्थी का वीडियो उसकी भाषा, उच्चारण, प्रस्तुति, आत्मविश्वास व शुद्धता के कारण वायरल हो रहा है। इस बालक द्वारा अपने उद्बोधन में जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है उनका विवरण व अर्थ निम्नानुसार है-

लौकिक शिक्षा

वह विद्या जिससे लौकिक वस्तुओं के विषय में जानकारी प्राप्त हो :”अपरा विद्या को परा विद्या से निम्न स्तर का माना जाता है”
पर्याय: अपरा विद्या, पदार्थ विद्या,  अपरा-विद्या,  पदार्थ-विद्या, लौकिक-विद्या, अपरा

परा और अपरा विद्या

हिन्दू धर्मग्रंथों में दो तरह की विद्याओं का उल्लेख किया गया है- परा और अपरा। धर्म में उल्लेखित यह परा और अपरा ही लौकिक और पारलौकिक कहलाती है। मुंडकोपनिषद अनुसार परा यौगिक साधना है और अपरा अध्यात्मिक ज्ञान है। जिस विद्या से ‘अक्षरब्रह्म’ का ज्ञान होता है, वह ‘परा’ विद्या है और जिससे ऋग, यजु, साम, अथर्व, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष का ज्ञान होता है, वह ‘अपरा’ विद्या है। 

कोटि कोटि प्रणाम

‘कोटि-कोटि’ का अर्थ ‘करोड़ों-करोड़ों’ ही होता है। जैसे कि – ‘कोटि कोटि प्रणाम’ या ‘कोटि कोटि नमन’ अर्थात् करोड़ों करोड़ों बार प्रणाम या करोड़ों करोड़ों बार नमन। संस्कृत में ‘कोटि’ शब्द के दो अर्थ हैं, एक ‘परम’ और दूसरा करोड़ ।

कोटि कोटि प्रणाम मतलब करोड़ों करोड़ों बार आपके चरणो में नतमस्तक हो रहे हैं आपको झुककर प्रणाम कर रहे हैं तो किसी का जवाब सम्मान करता है काफी खुश होकर काफी प्रभाव से तो कोटि-कोटि कहा जाता है

श्रोतीय ब्रह्मनिष्ठ

श्रोत्रिय का अर्थ है वेद – वेदार्थ का ज्ञाता और ब्रह्मनिष्ठ उसे कहते हैं जो वेद – वेदार्थ द्वारा निरुपित परब्रह्म परमात्मा का रसास्वादन करता हो। श्रोत्रिय (सिद्धांत) मतलब शास्त्रों वेदों पुराणों का ज्ञाता ।

पारस पत्थर

पारस पत्थर वो चमत्कारी पत्थर होता है, जिससे किसी भी लोहे की चीज़ को छुआ जाए तो वो सोने की हो जाती है।