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जबरदस्त राजस्थानी कविता | च्यारानां री सब्जी ल्यांता, आठानां री दाल


घणां पालिया शौक जीवणों दोरो होग्यो रे।
देवे राम नें दोष जमानों फौरो होग्यो रे।।

च्यारानां री सब्जी ल्यांता, आठानां री दाल
दोन्यूं सिक्का चाले कोनीं, भूंडा होग्या हाल
च्यार दिनां तक जान जींमती, घी की भेंती धार
एक टेम में छींकां आवे, ल्याणां पडे उधार
जीवणों दोरो—

मुंडे मूंड बात कर लेंता, नहीं लागतो टक्को
बिनां कियां रिचार्ज रुके है, मोबाईल रो चक्को
लालटेन में तेल घालता, रात काटता सारी
बिजली रा बिल रा झटका सूं, आंख्यां आय अंधारी
जीवणों दोरो—

लाड कोड सुं लाडी ल्यांता, करती घर रो काम
पढी लिखी बिनणिंयां बैठी, दिनभर करै आराम
घाल पर्स में नोट बीनणीं, ब्यूटी पारलर जावे
बैल बणें घाणीं रो बालम, परणीं मोज उडावे
जीवणों दौरो—

टी वी रा चक्कर में टाबर, भूल्या खाणों पीणों
चौका छक्का रा हल्ला में, मुश्किल होग्यो जीणों
बिल माथै बिल आंता रेवे, कोई दिन जाय नीं खाली
लूंण तेल शक्कर री खातर, रोज लडै घरवाली
जीवणों दौरो—

एक रुपैयो फीस लागती, पूरी साल पढाई
पाटी बस्ता पोथी का भी, रुप्या लागता ढाई
पापाजी री पूरी तनखा, एडमिशन में लागे
फीस किताबां ड्रेसां न्यारी, ट्यूशन रा भी लागे
जीवणों दौरो—

सुख री नींद कदै नीं आवे, टेंशन ऊपर टैंशन
दो दिन में पूरी हो ज्यावे, तनखा हो या पैंशन
गुटखां रा रेपर बिखरयोडा, थांरी हंसी उडावे
रोग लगेला साफ लिख्यो पणं, दूणां दूणां खावे
जीवणों दौरो—

पैदल चलणों भूली दुनियां, गाडी ऊपर गाडी
आगे बैठे टाबर टींगर, लारै बैठे लाडी
मैडम केवे पीवर में म्हें, कदै नीं चाली पाली
मन में सोचे साब गला में, केडी आफत घाली
जीवणों दोरो—

चाऐ पेट में लडै ऊंदरा, पेटरोल भरवावे
मावस पूनम राखणं वाला, संडे च्यार मनावे
होटलां में करे पार्टी, डिस्को डांस रचावे
नशा पता में गेला होकर, घर में राड मचावे
जीवणों दौरो —

अंगरेजी री पूंछ पकडली, हिंदी कोनीं आवे
कोका कोला पीवे पेप्सी, छाछ राब नहीं भावे
कीकर पडसी पार, मुंग्याडो नितरो बढतो जावे
सुख रा साधन रा चक्कर में, दुखडा बढता जावे
जितरी चादर पांव पसारो, मन पर काबू राखो
गजानंद भगवान भज्यां ही, भलो होवसी थांको
जीवणों दौरो होग्यो रे….
😒😒😒

सगळा रो दिन चोखो रहवे,
सगळा साथयाँ न राम राम सा