ज्ञान संकल्प एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो सरकार की पहल को व्यक्तिगत/सीएसआर दानदाताओं से जोड़कर व्यवस्थित रूप से शिक्षा के लिए धन की कमी को दूर करने का प्रयास करता है, जो सीधे सरकार का समर्थन कर सकते हैं।
ज्ञान संकल्प पोर्टल (Gyan Sankalp portal) (मुख्यमंत्री विद्यादान कोष)
विद्यालयों के चहुँमुखी विकास के लिए व्यक्तिगत अथवा व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा सीधे राज्य/ प्रोजेक्ट /विद्यालयों को ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से दान दिया जा सकता है। दिये गये दान की राशि में आयकर छूट हेतु तुरन्त 80G के अन्तर्गत रसीद जारी हो जाती है। औद्योगिक घराने (CSR) के अन्तर्गत दान दे सकते है अथवा इच्छानुसार विद्यालयों को गोद ले सकते है। इसमें न्यूनतम 100 रू से प्रारम्भ कर मासिक, त्रैमासिक अथवा वार्षिक दान कर सकते है।
राजकीय विद्यालयों को वित्तीय संबल प्रदान करने तथा आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से शिक्षा विभाग में ज्ञान संकल्प पोर्टल’ व मुख्यमंत्री विद्यादान कोष’ स्थापित किया गया है। ज्ञान संकल्प पोर्टल (www.gyansankalp.nic.in) एवं कोष का मुख्य उद्देश्य राजकीय विद्यालयों की मूलभूत अवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के अनुसार भामाशाहों/दानदाताओं/औद्योगिक संस्थाओं व क्राउड फंडिंग के माध्यम से आवश्यक धनराशि का संग्रहण व प्रबंधन करना तथा विद्यालयों के विकास हेतु विभिन्न प्रोजेक्टस हेतु दानदाताओं का सहयोग प्राप्त करना है। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भामाशाह और औद्योगिक घराने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसेबिलिटी (सीएसआर) के तहत जुड़कर सीधे राजस्थान सरकार को शिक्षा मे किए जा रहे नवाचारों एवं आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।
भामाशाह दानदाता औद्योगिक संस्थाएं ज्ञान संकल्प पोर्टल द्वारा निम्न 5 श्रेणियों के माध्यम से विद्यालय के विकास हेतु सहयोग प्रदान कर सकती है –
- विद्यालय को गोद लेकर।
- विद्यालयों के लिए अपने प्रोजेक्ट बनाकर ।
- पोर्टल पर प्रदर्शित प्रोजेक्ट में राशि का सहयोग कर ।
- मुख्यमंत्री विद्यादान कोष में सहयोग राशि जमा करा कर ।
- किसी विद्यालय को ऑनलाइन आर्थिक सहयोग द्वारा ।
- “डोनेट टू ए स्कूल” के माध्यम से सीधे विद्यालयों को सहयोग प्रदान करना। भामाशाह/ दानदाता औद्योगिक संस्थाओं द्वारा परियोजनाओं को स्वयं /अपनी किसी सहयोग एजेंसी या शिक्षा विभाग के माध्यम से क्रियान्वित कर सकता है।
दानदाता को ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से डोनेट टू ए स्कूल या मुख्यमंत्री विद्यादान कोष मे दान गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के अंतर्गत 50 प्रतिशत राशि की छूट प्राप्त होती है । पोर्टल के माध्यम से दी गई राशि का हस्तांतरण पूर्ण होने पर तुरन्त 80 जी रसीद ऑनलाइन प्राप्त होती है । ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से अब विदेशी स्त्रोतों से विद्यालयों हेतु सहयोग राशि प्राप्त की जा सकती है।
डोनेट टू ए स्कूल प्रक्रिया (Process of Donate to a school. )
1. दानदाता/भामाशाह सर्वप्रथम पोर्टल (www.gyansankalp.nic.in) पर जाकर रजिस्टर करें।
2. रजिस्टर उपरांत लॉगिन करें। पोर्टल पर बिना रजिस्टर के एक बार सहयोग करने का विकल्प दिया हुआ है। एक बार दान करने के पश्चात दूसरी बार करने हेतु रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।
3. डोनेट टू ए स्कूल पर क्लिक करें।
4. जिला, ब्लॉक, विद्यालय प्रकार, विद्यालय का नाम सलेक्ट करें।
5. दी जाने वाली राशि तथा किस कार्य हेतु सहयोग किया है, का विवरण अंकित करें। डोनेट पर क्लिक करें।
6. डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड/इंटरनेट बैंकिग/ई-वालेट के माध्यम से राशि हस्तांतरित करें।
7. हस्तांतरण पूर्ण होने पर 80 जी की रसीद भी तुरंत प्राप्त करें।
ज्ञान संकल्प पोर्टल (Gyan Sankalp portal) का अधिकृत लिंक
ज्ञान संकल्प पोर्टल (Gyan Sankalp portal) का लिंक
https://gyansankalp.nic.in/home/Registration.aspx#
महत्वपूर्ण जानकारी
पोर्टल पर केवल भारतीय उपयोगकर्त्ता आवेदन पत्र व पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान करते हुए मोबाइल नंबर व ओटीपी के माध्यम से पासवर्ड/रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। अत: भारतीय उपयोगकर्त्ता यूजर आईडी के रूप में मोबाइल नंबर का उपयोग करें एवं अभी इन करने से पूर्व पासवर्ड के माध्यम से पासवर्ड रीसेट करें | शेष उपयोगकर्त्ता कंपनी/एनजीओ/संस्थाओं के लिए नामांकन पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्व की तरह ही ईमेल व ओटीपी के माध्यम से रहेगी |
शिक्षा विभागीय कार्यालय के पूर्व उपयोगकर्ता आई डी व पासवर्ड की सहायता से अभी इन करें |
“सभी उपयोगकर्ता के लिए लॉगिन की प्रक्रिया बदल दी गई है।” भारतीयों के लिए यूजर आईडी उनका पंजीकृत मोबाइल नंबर है और अन्य के लिए (एनआरआई/एनआरआर, कंपनी, संगठन) उनका पंजीकृत ईमेल आईडी है ।
ज्ञान संकल्प पोर्टल के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1.पोर्टल का प्रबंधन कौन करता है?
पोर्टल का प्रबंधन शिक्षा विभाग के भीतर एक सीएसआर सेल द्वारा किया जाता है।
2. मेरा पैसा कहाँ जाता है?
पैसा आरसीएसई के बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद, लक्षित स्कूलों में परियोजना कार्यान्वयन के लिए इसे या तो संबंधित जिला स्क्रीनिंग समिति या स्कूल विकास प्रबंधन समिति के बैंक खातों में भेजा जाएगा।
3.परियोजना कार्यान्वयन की निगरानी कैसे की जाएगी?
प्रत्येक स्कूल को परियोजना के पूरा होने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, जिला और राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी काम की प्रगति की निगरानी करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समय-सीमा पूरी हो।
4. क्या मुझे परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए कोई प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा?
हाँ। व्यक्तिगत दाताओं को 80 जी कर छूट प्रदान की जाएगी।
5.क्या ज्ञान संकल्प में 80G है?
हाँ। 80G के तहत सभी लाभ दानदाताओं पर लागू होंगे।
6. सीएसआर क्या है?
https://csrrajasthangov.in/about-csr.html
7. मैं एक व्यक्ति हूं। क्या मैं CSR प्रोजेक्ट बनाने की सुविधा का उपयोग कर सकता हूँ?
CSR प्रोजेक्ट बनाएँ CSR कंपनियों को अनुकूलित प्रोजेक्ट तैयार करने की अनुमति देता है। हालाँकि, कुछ मामलों में, जहाँ फ़ंडिंग राशि महत्वपूर्ण है, सरकार व्यक्तियों को प्रोजेक्ट बनाने की अनुमति दे सकती है।
8. मैं एक कंपनी हूं। सीएसआर परियोजना के रूप में कौन सी पोर्टल विशेषताएं योग्य होंगी?
हमारे कानूनी सलाहकार के अनुसार, एडॉप्ट ए स्कूल एंड क्रिएट ए सीएसआर प्रोजेक्ट के माध्यम से फंडिंग सेक्शन के तहत योग्य होगी। कंपनी अधिनियम के 137। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह आपके निगम के लिए काम करेगा, कृपया अपने स्वयं के कानूनी सलाहकार से जांच करें।
9. फंडिंग की पुष्टि करने के लिए मुझे किस तरह की कागजी कार्रवाई करनी होगी?
आपको एक रसीद प्राप्त होगी जिसमें आपको 80G छूट के लिए पात्र बनाने के लिए सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होंगे।
10.कार्यान्वयन के तरीके का क्या अर्थ है?
ज्ञान संकल्प पोर्टल सीएसआर कंपनियों को या तो सीधे एक परियोजना को लागू करने या सरकार के कार्यान्वयन का विकल्प चुनने की अनुमति देता है। प्रत्यक्ष कार्यान्वयन का मतलब है कि एक कॉर्पोरेट परियोजना को लागू करने के लिए ज़िम्मेदार है, या तो कार्य करने के लिए किसी एजेंसी को काम पर रखने या स्वयं कार्य करने के लिए। इस उदाहरण में, सरकार को सीधे कोई धन हस्तांतरित नहीं किया जाता है, लेकिन दान “वस्तु के रूप में” दिया जाता है। सरकार के कार्यान्वयन का मतलब है कि कॉर्पोरेट सरकार को धन हस्तांतरित करेगा, जो तब परियोजनाओं को अपने चैनलों के माध्यम से लागू करेगा और फिर पोर्टल के माध्यम से परियोजना की प्रगति पर फंडर को रिपोर्ट करेगा।
11.डैशबोर्ड क्या करता है?
डैशबोर्ड दानदाताओं को परियोजनाओं को देखने और उनकी प्रगति को ट्रैक करने की अनुमति देगा।