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‘टीबी हारेगा राजस्थान जीतेगा‘ अभियान की बड़ी सफलता

प्रदेश सरकार के ‘टीबी हारेगा राजस्थान जीतेगा‘ अभियान की बड़ी सफलता- राजस्थान के 8 जिलों को टीबी उन्मूलन में सब नेशनल कैटेगरी में पुरस्कार ’वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में प्राप्त किए टीबी एलिमिनेशन अवार्ड, टीबी मुक्ति के प्रयासों की बदौलत गत वर्ष 19 वें स्थान से चौथे स्थान पर आया राजस्थान

जयपुर, 24 मार्च। विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आथित्य में आयोजित ’वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में राजस्थान के 8 जिलों को सब नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड 2022 कैटेगरी में पुरस्कार दिया गया।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने टीबी उन्मूलन की सेवाओं में केंद्रीय स्तर पर प्रदेश के 8 जिलों द्वारा राष्ट्रीय स्तर के पुरुस्कार प्राप्त करने पर शुभकामनाएं दी हैं और एकजुट होकर टीबी रोग को हराने की जंग जारी रखने का आव्हान किया है।   

राज्य के 4 जिलों ने रजत एवं चार जिलों ने कांस्य पदक जीता है। बारां, भीलवाड़ा, जालौर, जैसलमेर, को रजत पदक एवं बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर को कांस्य पदक से पुरस्कृत किया गया है। राज्य सरकार की ओर से श्री सुधीर कुमार शर्मा,  मिशन निदेशक एनएचएम ने यह पुरस्कार प्राप्त किए।

भारत सरकार द्वारा टीबी मुक्त राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु वर्ष 2025 का लक्ष्य रखा गया है, इसी संदर्भ में राज्य के 12 जिलों में टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा एवं किए गए आवेदन के प्रमाणीकरण के लिए राजस्थान में सर्वे किया गया, जिसके आधार पर राज्य ने यह उपलब्धि प्राप्त की है। पिछले वर्ष राज्य के बाड़मेर जिले को सिल्वर कैटेगरी एवं प्रतापगढ़, बारां, सीकर को ब्रोंज कैटेगरी में यह पुरस्कार मिल चुका है।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि राज्य के लिए यह गौरव का विषय है प्रदेश में टीबी यानि क्षय रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए पूरी कटिबद्धता के साथ प्रयास किये जा रहें हैं तथा यह पूर्ण विश्वास है कि टीबी हारेगा और राजस्थान जीतेगा। हम सभी एकजुटता के साथ प्रयास कर रहें हैं हम इस जानलेवा संक्रमण पर विजय पाने में कामयाब होंगे। प्रदेश टीबी कार्यक्रम ने टीबी उन्मूलन के लिए किए प्रयासों से देश में विगत् वर्ष 19 वें स्थान से आगे बढ़कर चौथे स्थान पर आकर पूरे देश में राज्य का नाम रोशन किया है। प्रदेश ने 8 जिलों में यह पुरस्कार प्राप्त कर टीबी उन्मूलन के अपने प्रयासों को दी जा रही गति को प्रमाणित किया है। 

उल्लेखित है कि यह पूरी प्रक्रिया एक प्रकार की स्वतंत्र  बाह्य  मूल्याकंन है । इस पूरी प्रक्रिया में यह विश्लेषण किया जाता है कि 2015 की स्थिति से वर्तमान में नामांकित जिलों में मरीजों के संक्रमण दर में कितनी कमी आयी। उसी आधार पर जिलों को गोल्ड , सिल्वर व ब्रोंज मेडल सर्टिफिकेट भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।