पेंशन भुगतान का कार्य बैंकों के स्थान पर पेंशन विभाग के पास आ जाने के पश्चात पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कराने के लिए प्रक्रिया।
पेंशनर की मृत्यु के पश्चात जहां पारिवारिक पेंशन शीघ्र प्रारंभ हो जानी चाहिए, वहीं सभी आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी के अभाव में पारिवारिक पेंशनर को कई बार इधर-उधर परेशान होना पड़ता है । पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कराने के लिये संबंधित ट्रेजरी में प्रस्तुत किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों की सूची और दस्तावेज पीडीएफ फार्मेट में नीचे पोस्ट किये जा रहे हैं । कृपया मूल दस्तावेज के साथ एक सैट फोटोकापी का भी अवश्य कोषालय में प्रस्तुत करें।
- Application from the claimant for grant of family pension (form no 14-a)
- Letter of undertaking for recovery of excess payments if any (as prescribed by government)
- 3A Life certificate in the prescribed format
- 3B Declaration form for no remarriage
- 3C Declaration for re employeement
- 3D Declaration for not receiving family pension from any other source
- Original PPO (pensioner’s half)
- Death Certificate of pensioner
- Pan card of claimant
- Aadhar Card of claimant
- Pension account passbook or cancel cheque
- Mobile Number of the Pensioner and the claiment
सभी पेंशनर्स बंधुओं को इस प्रक्रिया की जानकारी होनी चाहिए ताकि आवश्यकता होने पर हम दूसरों की मदद कर सकें । सभी पेंशनर साथियों से यह भी अनुरोध है कि वे उपरोक्त दस्तावेजों का एक सैट सुलभ संदर्भ हेतु अवश्य ही घर पर रखें।
संदर्भित दस्तावेजों के पीडीएफ फार्मेट नीचे पोस्ट किये जा रहे हैं।
धन्यवाद
चेतन कुमार जैन,
सेवानिवृत्त वरिष्ठ लेखाधिकारी एवं शंका समाधान लेखक
आर.के. मिश्रा,
सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता,
सार्वजनिक निर्माण विभाग,
वैशाली नगर, जयपुर
पेंशन नियम – पारिवारिक पेंशन (Family Pension)
पारिवारिक पेंशन से आशय राजस्थान सरकार की पेंशन योग्य सेवा में कार्यरत रहते हुए मृत्यु होने पर या राज्य सेवा से सेवानिवृत्ति पर पेंशन प्राप्त करते हुए मृत्यु होने पर मृत कर्मचारी / पेंशनर के परिवार के सदस्य को निहित प्रावधानों व निर्धारित प्रक्रिया के तहत नियमानुसार देय होने वाली पेंशन से है ।
पारिवारिक पेंशन की देयता-
(क) राज्य सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर : सामान्य रूप से राज्य सेवा में एक वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण कर मृत्यु को प्राप्त होने वाले राज्य कर्मचारी के परिवार को निहित प्रावधानों के अनुसार पारिवारिक पेंशन देय होती है । किन्तु राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित कर्मचारियों, आयोग की सीमा में न आने वाले पदों पर सम्बन्धित सेवा नियमों में निहित प्रावधानों के तहत की गई नियुक्ति के मामलों में एवं स्थायी पदों के विरूद्ध पारिवीक्षाधीन प्रशिक्षु कर्मचारियों पर एक वर्ष की सीमा लागू नहीं होगी अर्थात् इस प्रकार के मामलों में नियुक्ति के तुरन्त पश्चात् राज्य सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर भी पारिवारिक पेंशन देय होगी। (नियम 61(क)
(ख) राज्य सरकार से सेवा निवृत्त होने के बाद मृत्यु होने पर : राज्य सेवा में नियमानुसार सेवा निवृत्त होकर पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशन भोगी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार को भी निहित प्रावधानों के तहत पारिवारिक पेंशन देय है । (नियम 61 (ख)
पारिवारिक पेंशन की देयता की शर्ते
पारिवारिक पेंशन की देयता के सम्बन्ध में निम्नलिखित सामान्य शर्ते हैं :
(1) परिवारिक पेंशन राज्य कर्मचारी/ पेंशनर की मृत्यु के दूसरे दिन से प्रारम्भ होती है ।
(ii) यदि मृत कर्मचारी ने सात वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो तो उसके परिवार को सात वर्ष की अवधि तक या मृत कर्मचारी यदि जीवित रहता तो उसके 67 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक जो भी अवधि कम हो उस तक बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन देय होगी तथा इसके पश्चात् सामान्य दर पर पारिवारिक पेंशन देय होगी ।
(iii) कर्मचारी की मृत्यु के समय यदि उसने सात वर्ष की सेवा पूर्ण नहीं की हो तो केवल सामान्य दर पर ही पारिवारकि पेंशन देय होगी। (नियम – 62)
पारिवारिक पेंशन की पात्रता व क्रम-
नियमों में पारिवारिक पेंशन की पात्रता एवं क्रम निम्नानुसार निर्धारित हैं :-
(क)सर्वप्रथम मृतक कर्मचारी/पेंशन भोगी की विधवा/विधुर को उसकी मृत्यु या पुनर्विवाह की दिनांक जो भी पहले हो तक नियमानुसार पारिवारिक पेंशन देय होती है।
(ख) मृत कर्मचारी/ पेंशनभोगी की विधवा / विधुर की मृत्यु या पुनर्विवाह के पश्चात उसके अविवाहित पुत्र को (वरिष्ठता के क्रम में) 25 वर्ष की आयु अथवा विवाह या मासिक आय ₹ 9500 प्रतिमाह प्राप्त करने तक जो भी पहले हो की अवधि तक पारिवारिक पेंशन देय होती है।
(ग) अविवाहिता पुत्री को उसके विवाह या मासिक आय 9,500 प्रतिमाह प्राप्त करने तक जो भी पहले हो की अवधि तक नियमानुसार पारिवारिक पेंशन देय होती है।
(घ)विधवा/तलाकशुदा पुत्री को उसके पुनर्विवाह होने या मासिक आय र9,500 प्रतिमाह प्राप्त करने तक या मृत्यु होने तक जो भी पहले हो की अवधि तक पारिवारकि पेंशन देय होती है।
(ड.) मृत राज्य कर्मचारी को सेवा के दौरान यदि उसके माता-पिता उस पर पूर्णतया आश्रित रहे हों तथा मृतक कर्मचारी के कोई विधवा या बच्चे (पुत्र/ पुत्री) न हों तो इस प्रकार के मामले में माता – पिता को मासिक आय ₹ 9500 प्रतिमाह होने तक नियमानुसार पारिवारिक पेंशन देय होगी । माता-पिता के मामलों में भी एक समय में केवल एक ही सदस्य (माता-पिता में से) को नियमानुसार पारिवारिक पेंशन देय होगी ।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यदि मृतक कर्मचारी/पेंशनभोगी का कोई पुत्र/पुत्री मानसिक रूप से विक्षिप्त/अयोग्य/असमर्थता से पीड़ित हो या शारीरिक रूप से अपाहिज हो या अन्धा हो या गूगा-बहरा हो व उक्त कारणों से आजीविका अर्जित करने में असमर्थ हो तो ऐसे मामलों में पेंशन स्वीकृत अधिकारी उपरोक्त तथ्यों की संतुष्टि एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ मेडिकल ज्युरिष्ठ से उपरोक्त आशय का प्रमाण – पत्र प्राप्त कर प्राकृतिक/ वैधानिक संरक्षक के माध्यम से जीवनपर्यन्त निहित शर्तों के अधीन पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर सकता है। संरक्षक के उक्त आशय का प्रमाण-पत्र बाद में भी हर तीन वर्ष बाद प्रस्तुत करना होगा। मृतक कर्मचारी/पेंशनभोगी के पुत्र/पुत्री को छ: माह में अविवाहित प्रमाण -पत्र एवं हर वर्ष आय प्रमाण – पत्र प्रस्तुत करना होगा । शर्तों के अध्यधीन प्रति माह 9500 से अधिक आय प्राप्त करने व विवाह करने पर इस प्रकार के मामलों में पारिवारिक पेंशन देय नहीं होगी।
एक समय में केवल एक ही पात्र सदस्य को (जन्म दिनांक के आधार पर) वरिष्ठता के अनुसार नियमानुसार पारिवारिक पेंशन देय होगी । (नियम-67)
पारिवारिक पेंशन की गणना-
(क) सामान्य दर पर पारिवारिक पेंशन की देयता : वर्तमान में कर्मचारी की मासिक परिलब्धियों के 30 प्रतिशत की दर से पारिवारिक पेंशन देय है । दिनांक 1.7 .2013 से न्यूनतम पारिवारिक पेंशन रू. 3,450 प्रतिमाह है देय रही है। दिनांक 1.1.2016 से पारिवारिक पेंशन न्यूनतम 8,850 प्रति माह है। राजस्थान सरकार में दिनांक 1.1.2016 (1.1.2017 से नकद देय) से अधिकतम वेतन सीमा 77,000 के स्थान पर ₹ 2,18,600 कर दी गई है।
(ख) बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन की देयता : सेवा के दौरान मृत्यु के मामलों में मृत्यु से सात वर्ष की अवधि तक या कर्मचारी यदि जीवित रहता तो उसके 67 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक जो भी अवधि कम हो उस तक सामान्य दर से देय पारिवारिक पेंशन की दुगनी राशि या मृत्यु के समय प्राप्त परिलब्धियों की 50 प्रतिशत राशि, इन दोनों में जो भी कम हो, वह राशि देय होगी ।
सेवा निवृत्ति के पश्चात् मृत्यु के मामलों में कर्मचारी की सेवा निवृत्ति से सात वर्ष तक या उसके 67 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, इनमें से जो भी अवधि कम हो उस तक, सामान्य दर पर देय पारिवारिक पेंशन की राशि से दुगनी राशि, सेवा निवृत्ति पूर्व प्राप्त परिलब्धियों की 50 प्रतिशत राशि तथा कर्मचारी को सेवा निवृत्ति पर अधिकृत पेंशन इन तीनों में से जो कम हो वह राशि बढ़ी हुई दर पर पारिवारिक पेंशन के रूप में देय होगी। (नियम – 62)
टिप्पणी :पारिवारिक पेंशन की गणना के लिए परिलब्धियां पेंशन की गणना के अनुरूप ही मानी गई हैं।