प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत, पहले बच्चे के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड में लाभार्थी के बैंक/डाकघर खाते में सीधे ₹5,000/- की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई)
PMMVY के तहत, पहले बच्चे के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) मोड में लाभार्थी के बैंक/डाकघर खाते में सीधे ₹5,000/- की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। पात्र लाभार्थियों को संस्थागत प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के तहत मातृत्व लाभ के लिए स्वीकृत मानदंडों के अनुसार शेष नकद प्रोत्साहन प्राप्त होता है, ताकि औसतन एक महिला को ₹6,000/- प्राप्त हो। संशोधित पीएमएमवीवाई के तहत पात्र लाभार्थियों को दिनांक 01.04.2022 से दूसरे बच्चे के लिए ₹6,000/- का नकद प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है, बशर्ते कि दूसरा बच्चा लड़की हो।
पीएमएमवीवाई घटक सहित मिशन शक्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट अनुमान (बीई) ₹3143.96 करोड़ है।
मुख्य बिंदु
भारत में अधिकांश महिलाओं को आज भी अल्पपोषण प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। भारत में हर तीसरी महिला अल्प पोषित है तथा हर दूसरी महिला रक्ताल्पता से पीड़ित है अल्पपोषित माता अधिकांशतः कम वजन वाले शिशुओं को ही जन्म देती हैं। जब कुपोषण गर्भाशय में ही शुरू हो जाता है तो यह पूरे जीवन चक्र में चलता रहता है और ज्यादातर अपरिवर्तनीय होते हैं आर्थिक एवं सामाजिक तंगी के कारण कई महिलाएं अपनी गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक अपने परिवार के लिए जीविका अर्जित करना जारी रखती हैं इसके अलावा, ये बच्चे को जन्म देने के बाद वक्त से पहले काम करना शुरू कर देती हैं, जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता। इस प्रकार वे एक तरफ अपने शरीर को पूरी तरह स्वस्थ्य होने से रोकती है और पहले छह माह में अपने नौनिहालों को अनन्य स्तनपान कराने की अपनी सामर्थ्य में भी बाधा पहुंचाती हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुसरण में देश के सभी जिलों में 01 जनवरी, 2017 से मातृत्व लाभ कार्यक्रम लागू हो गया है। इस कार्यक्रम का नाम ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना रखा गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य संबंधी विशिष्ट शर्तों की पूर्ति पर परिवार में पहले जीवित बच्चे के लिए गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में सीधे 5,000/- रुपये की नकद राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाएगी।
पात्र लाभार्थी संस्था में प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ के लिए अनुमोदित मानदंडों के अनुसार शेष राशि प्राप्त करेंगे ताकि औसतन हर महिला को 6,000/- रुपये प्राप्त हो। केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में पीएमएमवीवाई लाभार्थियों के लाभों का सीधे हस्तांतरण के प्रयोजनार्थ एक समर्पित निलंब लेखा (एस्क्रो एकाउंट में राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को सहायता अनुदान (ग्रांट इन एड) प्रदान किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत छत्रछाया आईसीडीएस योजना की आगनवाड़ी सेवा योजना के प्लेटफार्म का प्रयोग करके योजना को वह राज्यों / संघ राज्य क्षेत्र लागू करनेंगे जहां इसे महिला एवं बाल विकास विभाग / समाज कल्याण विभाग के माध्यम कार्यान्वयन किया जा रहा है तथा वह राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों जहां यह योजना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है इसे स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक राज्य / संघ राज्य क्षेत्र के लिए पीएमएमवीवाई को कार्यान्वित करने वाले विभागों की सूची अनुलग्नक क में उपलब्ध है।
पीएमएमवीवाई को केंद्रीय स्तर पर सृजित वेब आधारित एमआईएस सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा तथा कार्यान्वयन के फोकल बिंदु आंगनवाड़ी केंद्र तथा आशा / एएनएम कर्मी होंगे।
योजना के लाभ :
इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होगा। योजना की लाभ राशि DBT के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार निम्नलिखित किश्तों में राशि का भुगतान करेगी।
पहली किस्त: 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय
दूसरी किस्त: 2000 रुपए,यदि लाभार्थी छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कर लेते हैं ।
तीसरी किस्त: 2000 रुपए, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस-B सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है ।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) निम्न श्रेणी के गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए लागू नहीं होगी।
1. जो केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार में हैं।
2. जो किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्तकर्ता हैं।
प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) का उद्देश्य :
काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना। गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना।