प्रशासन गांवों के संग अभियान विशेषताएं
- इस अभियान के अंतर्गत लगाए गए शिविर में कोई भी व्यक्ति जाकर अपनी समस्या बता सकता है।
- जिस व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़ी कोई शिकायत या भूमिहीन को भू आवंटन से जुड़ी कोई शिकायत होगी ऐसे व्यक्तियों को प्रथम प्राथमिकता दी जाएगी।
- शिविर में वृद्धजन एवं दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी, शिविर में अधिकारी इन लोगों की शिकायत हो पूरी संवेदनशीलता के साथ सुनेंगे और उसका हाल तुरंत में देंगे।
- सरकार में राज्य के सभी विभागों को यह आदेश दिया है कि सभी विभाग समन्वय के साथ काम करें ताकि आम जनता को जल्द से जल्द राहत मिल सके और यह अभियान सफल हो सके।
- शिविर में बिजली पानी सड़क सामाजिक सुरक्षा योजना से संबंधित शिकायत की जा सकेगी जिसका समाधान होने मौके पर ही दिया जाएगा।
- शिकायत करने के अलावा इस शिविर में आम जनता को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
राजस्थान प्रशासन गाँवो के संग 2023 में भाग लेने वाले विभागों की सूची
राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के महत्वपूर्ण विभागों को अभियान में सम्मिलित किया है जिसके तहत लगभग 22 विभाग अभियान को सफल बनाने जा रहे हैं 22 विभाग इस प्रकार हैं:-
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग
- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
- आयोजना विभाग
- पशुपालन विभाग
- श्रम विभाग
- आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति विभाग
- शिक्षा विभाग
- सार्वजनिक निर्माण विभाग
- सहकारिता विभाग
- राजस्थान को- ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड
- वन विभाग
- परिवहन विभाग (रोडवेज)
- जल संसाधन एवं सिंचित क्षेत्र विकास विभाग
- राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग
- ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग
- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग
- कृषि विभाग
- जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग
- ऊर्जा विभाग (बिजली)
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
- सैनिक कल्याण विभाग
- महिला एवं बाल विकास विभाग
प्रशासन गाँवो के संग 2023 – दिशा निर्देश
माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशानुसार राज्य की संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुये सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याण की विभिन्न योजनाओं फ्लैगशिप योजनाओं तथा राज्य के बजट 2023-24 के प्रावधानों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए राज्यभर में दिनांक 24 अप्रैल 2023 से 30 जून, 2023 तक महंगाई राहत कैम्प, प्रशासन गाँवों के संग अभियान एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में आयोजना विभाग ने पत्र दिनांक 07.04.2023 द्वारा महंगाई राहत कैम्पों में उल्लेखित योजनाओं से सम्बन्धित आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
किसानों एवं ग्रामीण आमजन की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करने के लिये “प्रशासन गाँवों के संग अभियान-2023” दिनांक 24 अप्रैल 2023 से प्रारम्भ किया जा रहा है। अभियान की सम्पूर्ण तैयारी क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग एवं समीक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला कलक्टर की होगी आयोजना विभाग के पत्रानुसार प्रशासन गाँवों के संग अभियान-2023 (दिनांक 24 अप्रैल, 2023 से 30 जून, 2023 तक) की प्रस्तावित रूपरेखा निम्नानुसार रखी गयी है –
1. 11283 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक पंचायत में 2 दिवसीय शिविर
2. 352 ब्लॉक स्तरीय दल जो कि प्रत्येक ब्लॉक में स्थित प्रत्येक ग्राम पंचायत पर कैलेण्डर अनुसार 2 दिवसीय शिविरों का आयोजन करेंगे
3. शिविर प्रभारी उपखण्ड अधिकारी / अन्य आर. ए. एस. अधिकारी
4. लगभग 30 विभागों की सहभागिता ( प्रशासन गाँवों के संग अभियान-2021 में शामिल 22विभागों के साथ कैम्पस में शामिल होने वाले अन्य प्रतिभागी विभागों सहित )
5. साथ ही प्रत्येक शिविर में महंगाई राहत कैंप के विशेष काउन्टर
प्रशासन गाँवों के संग अभियान के अन्तर्गत आयोजित किये जा रहे कैम्पों में पूर्व अभियान के दौरान शामिल राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों के साथ-साथ ऐसे राजस्व प्रकरण जिनका निस्तारण आपसी सहमति / समझौते के आधार पर किया जाना संभव हो, उनके साथ निम्न कार्यों को भी अभियान में शामिल किया जाकर प्रमुखता से निस्तारण किया जायेगा।
- नामान्तकरण संबंधी मामले
- भूमि विभाजन संबंधी मामले मामले
- भू प्रबन्धन संबंधी इन्द्राज दुरुस्ती के
- धारा 136 से संबंधित प्रकरण
- राज्य सरकार एवं निजी व्यक्तियों के मध्य विचाराधीन वाद संबंधी मामले
- सीमा व रास्ते संबंधी मामले एक ही कुटुम्ब व सजरे के व्यक्तियों के अधिकारों की घोषणा व निषेधाज्ञा संबंधी प्रकरण
पूर्व में आयोजित शिविरों में शेष रहे प्रकरणों के निस्तारण बाबत राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक प० 12 (2) राज- 1 / 2020 दिनांक 22.03.2023 द्वारा जिला कलक्टर्स निर्देशित किया गया है। साथ ही दिनांक 08.04.2023 को मुख्य सचिव महोदया की समस्त सभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर्स के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के कार्यवाही विवरण के बिन्दु संख्या 05, 07 एवं 16 के अनुसार प्रशासन गाँवों के संग अभियान के अन्तर्गत शिविरों के आयोजन के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किये गये है।
प्रशासन गाँवों के संग अभियान-2023 के सफल आयोजन हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश
- अभियान शिविर का समय व कार्मिकों की अनिवार्य उपस्थिति की सुनिश्चितता
- शिविर का समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक रहेगा। यदि सायं 05:00 बजे तक कुछ कार्य अपूर्ण रहते है तो आवश्यकतानुसार समयावृद्धि कर उन्हें शिविर में ही पूर्ण किया जाये।
- यह प्रयास होना चाहिये कि जो भी व्यक्ति काम के लिये अभियान में आये, उसका काम उसी दिन पूर्ण करने का हर संभव प्रयास किया जाये।
- प्रभारी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि शिविर के शुरू होने से शिविर समाप्ति तक सभी अधिकारी एवं कर्मचारी शिविर में उपस्थित रहेंगे।
शिविर प्रभारी
सामान्यतया भारतीय / राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शिविर प्रभारी बनाये जायेंगे। सभी विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों का समन्वय शिविर प्रभारी द्वारा किया जावेगा। शिविर प्रभारी तथा राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों के अतिरिक्ति सम्बन्धित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी शिविर में भाग लेंगे।
शिविर स्थल –
पंचायत मुख्यालय पर शिविरों का आयोजन पंचायत भवन, स्कूल भवन या उपलब्ध अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किया जायें तथा आगन्तुकों के लिये पेयजल की समुचित व्यवस्था की जावे। शिविर में मेज, कुर्सियों, दरियों व पेयजल की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा की जायेगी। व्यवस्था के समन्वय का कार्य विकास अधिकारी अथवा उनके द्वारा मनोनीत अधिकारी द्वारा किया जायेगा।
वाहन व्यवस्था
जिला कलक्टर अपने स्तर पर शिविरों की टीमों के लिए वाहन की व्यवस्था करायेंगे एवं उन्हें आवंटित बजट के अन्तर्गत आवश्यकतानुसार वाहनों को उपयोग में लेने का अधिकार होगा। अभियान के लिए बजट आवंटन की कार्यवाही अलग से की जा रही है।
शिविरों की पूर्व तैयारी –
- शिविर आयोजन करने से पूर्व जिला कलेक्टर द्वारा राजस्व अधिकारियों एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की जावेगी।
- विभिन्न प्रकार के प्रार्थना पत्रों की तैयारी अभियान से पूर्व ही संबंधित विभाग कर लेवें ताकि शिविरों में अनावश्यक रूप से समय बर्बाद नहीं हो शिविरों में भाग लेने वाले सभी विभागों से सम्बन्धित प्रार्थना-पत्र, फार्म आदि का मुद्रण जिला स्तर पर करा लिया जाये।
- ऐसे कार्यों जिनमें प्रक्रियात्मक औपचारिकतायें पूरी करनी होती है या तथ्यपरक सूचनायें अपेक्षित हो तो भू-अभिलेख निरीक्षक / पटवारी के द्वारा ऐसी कार्यवाही यथा प्रार्थना पत्र दस्तावेज निरीक्षण प्रतिवेदन इत्यादि कार्यवाही शिविर से पूर्व ही कर ली जाये ताकि शिविर के दिन प्रकरण निस्तारण संबंधी कार्यवाही की जा सके।
- अभियान में जिन विभागों को इन शिविरों में शामिल नहीं किया गया है उनसे सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों को पृथक से रजिस्टर में दर्ज कर सम्बन्धित विभाग को निर्धारित अवधि में कार्यवाही कर अवगत करवाने हेतु भेजी जायेगी तथा समय समय पर इनकी समीक्षा की जावेगी।
- विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी देने तथा अभियान के दौरान कार्यों के निस्तारण हेतु संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे। अन्य विभागों के अधिकारीगण अपने विभागीय कार्यों की प्रगति रिपोर्ट अपने स्तर से ही भिजवायेंगे एवं शिविर प्रभारी को भी उपलब्ध करायेंगे।
- शिविरों में मौके पर त्वरित समाधान की दृष्टि से कई उच्च अधिकारियों के अधिकार अधीनस्थ एवं अन्य अधिकारियों को भी दिये गये है। अतः शिविर अवधि के पश्चात् अपील वगैरह में आदेशों को क्षेत्राधिकार के बिन्दुओं पर चुनौती दी जा सकती है उस समय यह ध्यान नहीं रहता है कि ये आदेश शिविर के दौरान पारित किये है, अतः शिविरों में जो भी आदेश पारित किये जायेंगे उन पर प्रशासन गाँवों के संग अभियान की मोहर लगाई जाये इसके लिये आवश्यकतानुसार मोहरें पहले से ही तैयार करवा ली जावे। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा शक्तियों को प्रदत्त करने संबंधी परिपत्र की दिनांक एवं क्रमांक की मोहरे भी बनवाई जाकर प्रमाण पत्रों पर लगाई जायें।
अन्य विभागों की सहभागिता
प्रशासन गाँवों के संग अभियान में राजस्व एवं उपनिवेशन – विभाग के अतिरिक्त लगभग अन्य 30 विभाग ( प्रशासन गाँवों के संग अभियान-2021 में शामिल 22 विभागों के साथ कैम्पस में शामिल होने वाले अन्य प्रतिभागी विभागों सहित) के कार्य बिन्दुओं को भी शामिल किया गया है अतः इन विभागों के जिला स्तरीय प्रभारी अधिकारियों को भी शिविरों में जाने वाली टीम में सम्मिलित करें शिविरों से सम्बन्धित विभागों के प्रमुख शासन सचिवगण, शासन सचिवगण एवं विभागाध्यक्षों द्वारा जिला स्तरीय अधिकरियों को अलग से निर्देश जारी किये जा रहे है। अभियान में सम्मिलित होने वाले विभाग की विभागीय योजनाओं में कब, किसे, कैसे, क्या लाभ देना है, का योजनावार संक्षिप्त विवरण आम जन में योजना के प्रचार-प्रसार हेतु पर्याप्त समय पूर्व तैयार करा लेवें एवं जन प्रतिनिधियों / आमजन को इससे अवगत करावें ताकि शिविरों में योजनाओं का अधिकाधिक लाभ जन सामान्य को उपलब्ध कराया जा सकें।
अभियान एवं कैम्प का प्रचार-प्रसार
- अभियान एवं कैम्प का सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया यथा केबल टी.वी… रेडियो, दूरदर्शन एवं स्थानीय सिनेमा हॉल आदि माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावे। विभिन्न विभागों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का समुचित प्रचार-प्रसार किया जावे। जिला कलक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रचार-प्रसार सामग्री पर्याप्तमात्रा में उपलब्ध हो।
- अभियान के दौरान की जाने वाली कार्यवाही एवं शिविर के दिनांक इत्यादि के बारे में लोगों को पूरी जानकारी देने हेतु पर्याप्त प्रचार की महत्ता पर भी बल दिया जायें।
- अभियान की सफलता के लिये पंचायती राज संस्थाओं का पूर्ण सहयोग प्राप्त किया जावे।
राजकीय भवनों हेतु भूमि उपलब्धता
विभिन्न राजकीय विभागों को राजकीय कार्यालय / भवनों हेतु यथा विद्यालय, ए.एन.एम., पी.एच.सी. सी.एच.सी कार्यालय आदि हेतु यदि भूमि की आवश्यकता है तो अपने प्रस्ताव संबंधित जिला कलक्टर को सीधे ही प्रेषित करावे एवं सम्बन्धित जिला कलक्टर नियमानुसार राजकीय कार्यालयों / भवनों हेतु भूमि सेट-अपार्ट करने की कार्यवाही करावे।
शिविरों का प्रचार-प्रसार एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग
शिविर आयोजन करने के लिये स्थान व दिनांक का पूर्व में चयन व निर्धारण कर दिया जायें तथा शिविरों का प्रचार-प्रसार उपलब्ध प्रचार माध्यमों से किया जाये। इन शिविरों की पूर्ण जानकारी माननीय सांसद, विधायकगण, जिला प्रमुख, प्रधान, जिला परिषद एवं पंचायत समिति के सदस्यों, सरपंचों व अन्य जनप्रतिनिधियों को दी जायें। प्रत्येक पंचायत समिति का यह दायित्व होगा कि अपने क्षेत्राधिकार की सभी ग्राम पंचायतों के मुख्यालय के सूचना पट्ट पर भी कार्यक्रम को चस्पा किया जाये। यह भी अपेक्षा की जाती है कि ग्रामीण समस्याओं के समाधान में सभी जनप्रतिनिधिगण का रचनात्मक सहयोग प्राप्त होगा।
सूचना संकलन एवं संप्रेषण –
शिविरों में राजस्व विभाग से संबंधित जो भी प्रार्थना-पत्र प्राप्त हो उनका रजिस्टर में इन्द्राज किया जाये एवं शिविर में निस्तारण के लिये शेष प्रार्थना पत्रों को शीघ्रता से कार्यवाही करने हेतु प्रेषित कर दिया जावे। इनका कम्प्यूटर में अंकन कर नियमित समीक्षा की जाये।
शिविरों में विभिन्न कार्यक्रमों की क्रियान्विति के संबंध में दैनिक रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र में पंचायत समिति स्तर पर इण्टरनेट सुविधा उपलब्ध होने पर वही से अन्यथा जिला मुख्यालय पर संकलित कर भिजवायेंगे।
पर्यवेक्षण व समन्वय प्रकोष्ठ का गठन –
अभियान से संबंधित कोई भी समस्या या जानकारी की आवश्यकता होने पर राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी संयुक्त शासन सचिव, राजस्व विभाग से सम्पर्क करें आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व विभाग से सीधा सम्पर्क किया जा सकता है।
अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए यह उचित होगा कि राजस्व मण्डल, आयुक्त उपनिवेशन समस्त संभागीय आयुक्त, समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष एवं समस्त जिला कलक्टर के स्तर पर एक मोनिटरिंग एवं समन्वय प्रकोष्ठ का गठन किया जाए जिसमें अभियान की प्रगति सुनिश्चित की जा सके एवं अभियान के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा सके
शिविर निरीक्षण
अभियान के दौरान शिविरों का निरीक्षण मंत्रीमण्डल सचिवालय एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा नियुक्त माननीय प्रभारी मंत्रीगण एवं प्रभारी सचिवगणों द्वारा भी किया जायेगा।
प्रशासन गाँवों के संग अभियान – 2023 आदेश की pdf
प्रशासन गांव के संग अभियान शिकायत कैसे करें
- इस अभियान के अंतर्गत गांव गांव में शिविर लगाए जाएंगे आम जनता की सहायता के लिए हर शिविर में हेल्प डेस्क बनाई जाएगी।
- आम जनता इस हेल्प डेस्क में जाकर आवेदन पत्र प्राप्त कर सकती है यह आवेदन पत्र पूरी तरह से निशुल्क होगा।
- हेल्प डेस्क में सूचना सहायक एवं आईटी से जुड़े सभी अधिकारी आम जनता की मदद के लिए मौजूद होंगे।