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ब्यावर

ब्यावर भारत के राजस्थान राज्य का एक जिला है । ब्यावर राजपूताना के मेरवाड़ा राज्य की आर्थिक राजधानी थी। 2011 तक, ब्यावर की जनसंख्या 342,935 है। यह अरावली पहाड़ियों के बीच, राज्य की राजधानी जयपुर से 184 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है।

मुख्य बिंदू

  • सोजत, टॉटगढ, भीम, देवगढ़, भिनाय, मसूदा, गुलाबपुरा, आसींद, बदनौर को ब्यावर जिले में शामिल किया जा सकता है।
  • ब्यावर शहर का अतिप्राचीन मंदिर है. खास बात यह है कि इस मंदिर में करीब सौ साल पुराना चमत्कारी चतुर्मुखी शिवलिंग स्थापित है. मान्यता है कि इस चमत्कारी शिवलिंग का दर्शन करने मात्र से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
  • राजस्थान के ब्यावर में होली के अवसर पर जीनगर समाज की कोड़ामार होली अपनी अलग पहचान रखती है।

ब्यावर , राजस्थान का पुराना परिचय

ब्यावर भारतीय राज्य राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित एक शहर है। यह राज्य की राजधानी जयपुर से लगभग 184 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और अजमेर शहर से लगभग 53 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। ब्यावर अपने खनिज उद्योगों के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से फेल्डस्पार, क्वार्ट्ज और अभ्रक जैसे खनिजों के निर्माण के लिए।

शहर का एक समृद्ध इतिहास रहा है और अतीत में गुर्जर-प्रतिहारों, चौहानों, मुगलों और मराठों सहित विभिन्न राजवंशों द्वारा शासित किया गया है। यह शहर अपने मंदिरों के लिए भी जाना जाता है, जैसे कि चारभुजा नाथ मंदिर, जो हिंदुओं का एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।

ब्यावर राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के कई प्रमुख शहरों के साथ सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। ब्यावर का निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है, जो लगभग 145 किलोमीटर दूर है।

ब्यावर का नवीन परिचय

ब्यावर भारत के राजस्थान राज्य के ब्यावर जिला में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। आखिरकार 67 सालों पुरानी मांग पर अमल करते हुए कांग्रेस सरकार ने ब्यावर को जिला घोषित कर दिया। मगरा मेरवाडा स्टेट के राजस्थान में विलय के बाद से ही ब्यावर को जिला बनाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जा रही थी।
ब्यावर को जिला बनाये जाने पर करीब 5 पंचायत समिति, 6 विधानसभा, 12 उपखंड, 125 ग्राम पंचायते, 400 राजस्व गांवों को जोडकर करीब 8 लाख जनसंख्या सीधे ब्यावर से जुडाव रख सकती है। माना जा रहा है कि सोजत, टॉटगढ, भीम, देवगढ़, भिनाय, मसूदा, गुलाबपुरा, आसींद, बदनौर को ब्यावर जिले में शामिल किया जा सकता है। जैतारण, सोजत, भीम, आसिंद, मसूदा, ब्यावर मिलाकर 6 विधानसभा का दायरा ब्यावर जिले को मिल सकता है।

ब्यावर का इतिहास उद्योग जगत में समूचे विश्व में चर्चा में रहा है। वर्तमान में तिलपट्टी नगरी के नाम से मशहुर ब्यावर 1 नवंबर 1956 को राज्य का सबसे बडा उपखंड बना। स्थापना से ही उन रुई सर्राफा व्यापार, अनाज की राष्ट्रीय मंडी ब्यावर रही। सूती कपड़ों की तीन मीलों के कारण ब्यावर राजपूताना का मेनचैस्टर भी रहा। सूचना के अधिकार कानून के सफल संचालन का श्रेय भी ब्यावर को ही जाता है। ब्यावर में लोक देवता तेजाजी महाराज और होली पर्व पर बादशाह का मेला सर्वाधिक प्रसिद्व है।

ब्यावर में नगर सुधार न्यास की स्थापना 1975 में ही गई, जिसे 1978 में हटा दिया गया। ब्यावर में एडीएम का पद सन् 2002 में सृजित किया गया था, लेकिन एक बार नियुक्ति के बाद यह पद रिक्त ही रहा। ब्यावर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कार्यालय 1 नवम्बर, 1956 को स्थापित किया गया था, जिसे 2006 में हटा दिया गया। सनातन धर्म राजकीय महाविद्यालय सन् 1932 से राजपूताना का सबसे पुराना कॉमर्स कॉलेज हैं, जहां से विधि स्नातक की पढ़ाई हटा दी गई। 1954 से ब्यावर का अमृतकौर चिक्त्सिालय कार्यरत है जहां आस पास के करीब 200 गांवों के मरीज लाभ उठाते हैं। ब्यावर को ही पहली चर्च शूलब्रेड नॉदर्न गिरजाघर और राज्य की पहली नगर परिषद का दर्जा प्राप्त है।

Beawar district: ब्यावर बना जिला, लोगों में खुशी का माहौल

साल 1956 में ही जिला बनाने की सहमति होने के बावजूद जिले की घोषणा के लिए तरसते ब्यावर का ख्वाब 17 मार्च 2023 को पूरा हुआ. कर्नल जार्ज डिक्सन ने 1 फरवरी 1836 को ब्यावर की स्थापना की आधारशिला रखी. वर्ष 1839 ईस्वी में 144 मेरवाड़ा बटालियन की मौजूदगी में मेरवाड़ा स्टेट की घोषणा की गई. इस स्टेट का मुखयालय ब्यावर शहर को बनाया गया. 25 जून 1857 ईस्वी को मृत्यु पर्यन्त तक डिक्सन मेरवाड़ा व अजमेर संयुक्त अंग्रेजी स्टेट के कमिश्नर व सुपरिन्टेन्डेंट रहे.

राज्य सरकार की और से ब्यावर को जिला घोषित किए जाने के बाद प्रशासनिक तथा राजनैतिक हल्कें में हलचल शुरू हो गई है. इसी क्रम में मंगलवार को अजमेर जिला कलेक्टर अंशदीप ब्यावर पहुंचे.ब्यावर पहुंचे जिला कलेक्टर ने सबसे पहले आफिसर्स सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली.
जिला कलेक्टर ने ब्यावर को जिला घोषित कर देने के बाद शहर में बनने वाले जिलास्तरीय कार्यालयों के लिए पूर्व में चिन्हित किए गए स्थानों के ड्राफ्फट का अवलोकन किया; इस दौरान उन्होंने एसडीएम सिंह ने इन स्थानों की स्थिति के बारे में गहनता से जानकारी ली. इस दौरान जिला कलेक्टर ने बताया कि ब्यावर को जिला बनाये जाने के बाद यहां पर जिलास्तर की व्यवस्थाएं की जानी है. राज्य सरकार के निर्देश पर जिलास्तरीय कार्यालयों के लिए जगह तय की गई है, उनका अवलोकन किया जा रहा है. कार्यालय बनाए जाने से पूर्व आमजन की पहुंच, दूरी तथा आवागमन की सुगमता को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि आमजन को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पडे़.

नए ब्यावर की जनसंख्या

ब्यावर शहर की जनसंख्या 385000 है। साथ ही मसूदा क्षेत्र की जनसंख्या 187295, भीम क्षेत्र की 230820, आसीन्द क्षेत्र की 246469 रायपुर क्षेत्र की 210004, जैतारण क्षेत्र की 250666, जसनगर क्षेत्र की 45500, इस प्रकार उपरोक्त आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर लगभग जनसंख्या 15,55,754 शहरी व ग्रामीण महिला-पुरूष हैं।