भारत में महारत्न कंपनियां: भारत में महारत्न कंपनियों की सूची 2023 और यूपीएससी परीक्षाओं के लिए पात्रता मानदंड के बारे में पूरी जानकारी निम्नानुसार है-
भारत की 2023 नवरत्न और महारत्न कंपनियों की सूची केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी), या राज्य स्तरीय सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं (एसएलपीई) के लिए संभावित श्रेणियां हैं। भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय सीपीएसई के प्रबंधन का प्रभारी है। सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) (सीपीएसई) के तहत समन्वित किया जाता है। सीपीएसई नीति डीपीई द्वारा विकसित की गई है। ये नियम मोटे तौर पर कर्मचारियों के प्रबंधन, वित्तीय स्वायत्तता और प्रदर्शन मूल्यांकन और सुधार से संबंधित हैं। दिसंबर 2022 तक भारत में 14 नवरत्न कंपनियां और 12 महारत्न कंपनियां हैं।
भारत में महारत्न कंपनियों की सूची – पात्रता, विवरण और लाभ से संबंधित
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम को सीपीएसई (Central Public Sector Enterprises – CPSEs) के रूप में भी जाना जाता है, जिसे हमारे देश की सरकार द्वारा महारत्न कंपनियों (Maharatna companies in Hindi), नवरत्न कंपनियों और मिनीरत्न कंपनियों की श्रेणियों के तहत वर्गीकृत किया गया है। ये वर्गीकरण कंपनियों के विभिन्न मानदंडों पर किया जाता है। भारत में सार्वजनिक उपक्रमों को उनके गैर-वित्तीय विशेष उद्देश्यों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। ये सार्वजनिक उपक्रम कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत हैं। भारत में 11 महारत्न कंपनियां (Maharatna companies), 14 नवरत्न कंपनियां और 74 मिनीरत्न सीपीएसई हैं।
भारत में, राष्ट्रीय सरकार ने 2010 में महारत्न कंपनियों की स्थापना की। भारत के अपने व्यवसाय हैं जो सरकार के स्वामित्व वाले हैं और जिन्हें केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) के रूप में जाना जाता है। इन कंपनियों को उनकी वित्तीय स्वतंत्रता की डिग्री के आधार पर महारत्न कंपनी, नवरत्न कंपनी और मिनीरत्न कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन व्यवसायों की स्थापना व्यवसायों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता देने और वैश्विक बाजार में उनके प्रवेश का समर्थन करने के इरादे से की गई थी। भारत में इस समय 12 महारत्न कंपनियां हैं।
महारत्न कंपनी बनने से क्या लाभ होता है (Maharatna Companies India Benenefits) ?
- महारत्न का दर्ज़ा दिए जाने से इन कंपनियों की स्वायत्तता और परिचालन शक्ति में वृद्धि होगी, साथ ही इनको वित्तीय मामलों से संबंधित सभी निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्राप्त होगी।
- महारत्न का दर्ज़ा प्राप्त कम्पनियां वित्तीय संयुक्त उपक्रम (Financial Joint Venture) और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों (Wholly Owned Subsidiaries) में इक्विटी के जरिए निवेश कर सकती हैं।
- महारत्न कंपनियाँ अपने निवल मूल्य के 15% और 5000 करोड़ रुपए की पूर्ण सीमा के साथ घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ विलय और अधिग्रहण (Mergers and Acquisition) कर सकती हैं।
- महारत्न कंपनियों के बोर्ड कर्मियों और मानव संसाधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं की संरचना बना सकता है।
आरईसी (REC Ltd.) को ‘महारत्न’ सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (CPSE) का दर्जा
नई दिल्ली:सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आरईसी (REC Ltd.) को ‘महारत्न’ सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (CPSE) का दर्जा मिल गया है। यह दर्जा मिलने से कंपनी को ज्यादा ऑपरेशनल और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी मिलेगी। आरईसी महारत्न का खिताब पाने वाली 12वीं कंपनी है। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले लोक उपक्रम विभाग ने बुधवार को इस बारे में आदेश जारी किया। आरईसी का गठन 1969 में हुआ था। यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है जो देशभर में पावर सेक्टर के फाइनेंस और डेवलपमेंट पर केंद्रित है।
भारत सरकार ने उसे महारत्न का दर्जा दिया है। यह किसी सरकारी कंपनी को दिया जाने वाला सबसे बड़ा दर्जा है। इससे आरआईसी बोर्ड को वित्तीय फैसले लेने में ज्यादा अधिकार मिलेंगे। इससे पहले महारत्न का दर्जा पा चुकी कंपनियों में पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (Power Finance Corporation), भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (Bharat Heavy Electricals Ltd), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corp. Ltd), कोल इंडिया (Coal India Ltd), गेल (GAIL (India) Ltd), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corp. Ltd), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corp. Ltd), एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Ltd), ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (Oil & Natural Gas Corp. Ltd), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Power Grid Corp. of India Ltd) और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Ltd.) शामिल हैं।