बांसवाड़ा जिले के छोटी सरवन उपखंड की खोरापाड़ा निवासी महिला भूरी बीते 10 साल से हृदय संबंधी रोग के कारण सांस लेने में तकलीफ को सह रही थी। विपरीत आर्थिक परिस्थितियों के कारण इस बीमारी का उपचार कराने में उसका परिवार असमर्थ था लेकिन मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। इस योजना में उसका निशुल्क उपचार हुआ है। अब पूरी तरह स्वस्थ एवं चिंतामुक्त हुई भूरी इस योजना के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते नहीं थकती।
भूरी के पति कल्याण मजदूरी कर अपना परिवार चलाते हैं। ऐसे में 34 वर्षीय इस महिला के लिए इलाज कराना बड़ा मुश्किल हो रहा था। भूरी एवं उसके पति को यह समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर वे करें तो क्या ?
कई दिन मजदूरी कर कुछ रूपए जोड़े और परिचितों के कहने पर ईडर (गुजरात) गए। जहां पर चिकित्सा जांच में पाया गया कि भूरी का हार्ट सिकुड़ा हुआ है, जिसे चिकित्सकीय भाषा में माइट्रल वाॅल्व स्टेनोसिस कहते हैं। वहां पर इसके उपचार का खर्च लाखों रूपए में बताया। इस पर यह दंपती काफी चिन्ता व सोच में पड़ गया कि इतना महंगा इलाज कैसे करवाएं ?
इसी चिन्ता में वे ईडर से बिना उपचार कराए अपने गांव लौट आए। जब यह बात गांव के अन्य जागरूक लोगों एवं परिजनों को पता लगी तो उन्होंने भूरी को एक बार स्वास्थ्य केन्द्र जाकर चिकित्सकों से मिलने की सलाह दी।
परिजनों की सलाह पर भूरी के पति ने छोटी सरवन बीसीएमओ डाॅ. मुकेश मईड़ा से फोन पर बात की। मईड़ा ने पूरी रिपोर्ट वाॅटसएप पर मंगवाई और उदयपुर के एक निजी मेडिकल काॅलेज भेजी, जो चिरंजीवी योजना में एमपैनल्ड था। डाॅ मईड़ा ने भूरी को उदयपुर के लिए रैफर किया जहां निजी अस्पताल जीबीएच अमेरिकन हाॅस्पीटल के विशेषज्ञों की टीम ने उसकी सर्जरी की। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में भूरी का निशुल्क इलाज किया गया। वह अब पूरी तरह स्वस्थ है। बिना कोई पैसा दिए इलाज पाकर भूरी बहुत खुश हुई और सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की बदौलत आज मैं फिर से स्वस्थ हो पाई। सरकार की यह योजना हम जैसे गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना