“मुख्यमंत्री Work from Home Job Work योजना”
प्रस्तावना
रोजगार व आजीविका के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को बढ़ाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने के लिए महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा संख्या 43 ऐसी महिलायें जो Work from Home कर अपने परिवार की आजीविका में योगदान दे सकती हैं, उनके लिए मैं “मुख्यमंत्री Work from Home Job Work योजना प्रारंभ करना प्रस्तावित करता हूँ। आगामी वर्ष 20 हजार महिलाओं को इस योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। इस पर लगभग 100 करोड़ रूपये का व्यय होगा” में “मुख्यमंत्री Work from Home Job Work योजना प्रारंभ करने की घोषणा की गई है।
योजना के उद्देश्य
- महिलाओं को उनकी अभिरूची एवं क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए वर्क फ्रॉमहोम जॉब वर्क से जोड़ना
- तकनीकी / कौशल एवं अन्य किसी क्षेत्र में दक्ष महिलाओं को जो वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क करने की इच्छुक है उनको राजकीय विभागों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र में वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर प्रदान करना ।
योजना हेतु पात्रता
- राजस्थान में निवास करती हो।
- न्यूनतम आयु 18 वर्ष हों। आवेदन की तिथि को )
प्राथमिकता निम्नलिखित श्रेणी की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाऐगी-
- विधवा ।
- परित्यकता / तलाकशुदा ।
- दिव्यांग
- हिंसा से पीड़ित महिला ।
योजना के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश
- निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा DOIT&C के माध्यम से पोर्टल तैयार करवाया जाएगा तथा पोर्टल पर वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाने वाले नियोजनकर्ताओं को इससे जोड़ा जाएगा। तदनुसार इच्छुक महिलाओं का पंजीकरण करवाया जाएगा।
- योजना के क्रियान्वयन हेतु निदेशालय महिला अधिकारिता में योजना क्रियान्वयन इकाई का गठन किया जाएगा जिसके द्वारा निम्नानुसार कार्य किये जाएगें।
- विभाग द्वारा प्रदत्त लक्ष्यों के अनुरूप महिलाओं को वर्क फ्रॉम हॉम-जॉब वर्क से जोड़ना
- तकनीकी / कौशल एवं अन्य किसी क्षेत्र में दक्ष महिलाओं को जो वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क करने की इच्छुक है उनके अधिकाधिक आवेदन आमंत्रण हेतु प्रयास करना।
- पोर्टल पर प्राप्त डाटा का विश्लेषण तथा रिपोर्ट जनरेशन।
- सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के नियोजकों से सम्पर्क एवं समन्वय कर उनके यहाँ उपलब्ध वर्क फ्रॉम हॉम – जॉब वर्क के अवसरों की पहचान करना तथा महिलाओं को इनसे जोड़ना ।
- योजना के प्रचार-प्रसार हेतु आईईसी सामग्री तैयार करना।
- योजना से औद्योगिक संस्थाओं को जोड़ने तथा उनके संवेदीकरण हेतु कार्यशाला, सेमिनार ईत्यादि का आयोजन ।
- योजना के माध्यम से वर्क फ्रॉम हॉम-जॉब वर्क से लाभान्वित महिला की समय-समय पर ट्रेकिंग, मोनिटरिंग कर विभाग को रिपोर्ट करना। पोर्टल पर प्राप्त डाटा का विश्लेषण करते हुए विभाग को नवाचार संबन्धी सुझाव देना।
योजना के क्रियान्वयन हेतु निदेशालय, महिला अधिकारिता / अन्य विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों/ सहयोगी संगठनों एवं संस्थाओं की भूमिका एवं उत्तरदायित्व
1. निदेशालय महिला अधिकारिता-
- योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना।
- राज्य सरकार एवं विभिन्न एजेन्सीज के साथ समन्वय स्थापित करना ।
- रोजगार से जुड़ने हेतु इच्छुक महिलाओं के पंजीकरण हेतु DOIT&C के माध्यम से पोर्टल विकसित करवाना।
- योजना के प्रचार-प्रसार हेतु आई.ई.सी. गतिविधियां सम्पादित करना। विभिन्न प्रशासकीय कार्य एवं नीतिगत निर्णय हेतु गतिविधियों का सम्पादन करना।
- विभिन्न राजकीय विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रम के द्वारा वर्क रूप में महिलाओं से करवाये जाने वाले कार्य:-
अ. ऐसे कार्य जिन्हें प्रथम चरण में तत्काल करवाया जाना है-
वित्त विभाग- समस्त राजकीय विभागों, स्वायत्तशासी निकायो, राजकीय एजेन्सियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में सीए ऑडिट अकाउटिंग से सम्बंधित कार्य महिलाओं से वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के रूप में करवाये जा सके इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जायेगे ।
सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित कार्य यथा प्रोग्रामिंग, software designing, data analysis, Web Designing, ई मित्र आवंटन मे महिलाओं को प्राथमिकता देना तथा शुल्क में छूट प्रदान कर इन्हे प्रोत्साहित करना। विद्यालय एवं उच्च व तकनीकि शिक्षा नियमित अध्ययनरत तथा दूरस्थ शिक्षा से जुड़े हुए विद्यार्थियों को महिला विषय विशेषज्ञों से ऑन लाईन प्रशिक्षण, विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कूल ड्रेस की सिलाई राजकीय छात्रावासों में उपयोग में लिये जाने वालें वस्त्रों बेडसीटो, पर्दो, इत्यादि की धुलाई।
कार्मिक विभाग विभिन्न विभागो के स्तर से वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से करवाऐ जा – सकने वाले कार्यों यथा टाईपिंग, डिक्टेशन, डॉक्यूमेंटेशन इत्यादि का चिन्हिकरण कर निर्देश जारी करना।
महिला अधिकारिता विभाग विभाग के अन्तर्गत काउंसलिंग सेवाएं वर्क फ्रॉम होम – जॉब वर्क के तहत करवाना।
ब. ऐसे कार्य जिनका चिन्हीकरण किया जायेगा तद्उपरान्त द्वितीय चरण में उन्हे वर्क फ्रोम होम जॉब वर्क के रूप में करवाये जाने के बाबत कार्यवाही की जायेगी –
- समस्त राजकीय विभागों, स्वायत्तशासी निकायो, राजकीय एजेन्सियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के रूप में करवाए जाने वाले कार्यों का चिन्हीकरण किया जाएगा तथा चिन्हित कार्य महिलाओं से वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के रूप में करवाये जायेगे। इस हेतु खर्चा विभागों द्वारा अपने यहाँ विद्यमान योजनाओं / कार्यक्रमो हेतु आवंटित बजट में से किया जायेगा।
- चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग- महिला विशेषज्ञ चिकित्सको से ऑन लाईन परामर्श सेवा, ट्रांसक्रिप्सन, चिकित्सालयों में उपयोग में लिये जाने वाले वस्त्रों की सिलाई कार्य ।
- कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग- रोजगार मेलों / शिविरो का आयोजन कर इनमें ऐसे नियोजनकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करना जो कि वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के रूप में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते है इन मेलों / शिविरो के माध्यम से योजनान्तर्गत पंजीकृत महिलाओं को वर्क फ्रॉम हॉम जॉब वर्क दिलवाना।
- राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा ट्रेनिंग पार्टनर्स के माध्यम से करवाये जा रहे प्रशिक्षणों के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं में से कम से कम 10 प्रतिशत महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क से जोड़ना। • राजस्थान कॉ-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) दुग्ध एवं दुग्ध से निर्मित उत्पादों के
प्रसंस्करण एवं विपणन संबंधित कार्यों में महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाना।
राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ (CONFED ) ग्रेडिंग, पैकेजिंग एवं अन्य संबंधित कार्यों में महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाना।
- खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग– उत्पादो सम्बन्धी कार्य जो वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के माध्यम से करवाये जा सकते है का चिन्हीकरण कर महिलाओं से करवाना।
- उद्योग विभाग –CII, CREDAI FORTI, FICCI एवं अन्य औद्योगिक / व्यापारिक संगठनों से समन्वय कर विभिन्न स्थानों पर स्थापित औद्योगिक क्लस्टरों में वर्क फ्रॉम होम जोब वर्क की डिमांड को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जोब वर्क उपलब्ध करवाना औद्योगिक ईकाइयों को प्रोत्साहित कर उनके यहां महिलाओं के लिए वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर बढ़ाने हेतु प्रयास करना ।
यदि किसी औद्योगिक ईकाई द्वारा कुल कार्यरत कर्मचारियों की संख्या के 20 प्रतिशत जॉब महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के रूप में दिए जाते हैं, तो ऐसी ईकाई को प्रोत्साहित करने हेतु उन्हें राज्य सरकार द्वारा वित्तीय / गैर वित्तीय लाभ प्रदान करवाना।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं बाल अधिकारिता विभाग के अन्तर्गत काउंसलिंग सेवाएं वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के तहत करवाई जाए।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा बाल अधिकारिता विभाग के अन्तर्गत संचालित छात्रावासों में उपयोग में लिये जाने वाले वस्त्रों बेडसीटो, पद, इत्यादि की धुलाई।
- गैर सरकारी संगठन-
- योजना के प्रचार-प्रसार में सहयोग करना।
- वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के क्षेत्रों की पहचान हेतु सर्वेक्षण / अनुसंधान करना। (उपरोक्त कार्य हेतु विभाग द्वारा किसी प्रकार का वितीय प्रोत्साहन / अनुदान देय नहीं होगा।)
वित्तीय एवं गैर वित्तीय प्रोत्साहन –
- ऐसी निजी इकाई जो अधिकाधिक संख्या में महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क प्रदान करती हैं उस निजी इकाई का विज्ञापन वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क पोर्टल पर निःशुल्क प्रदर्शित किया जाएगा।
ऐसी निजी इकाई जो महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क प्रदान करती हैं एवं इस प्रकार दिए गये कार्य हेतु महिला का कार्य भुगतान 5,000 रूपये से अधिक हो तो उसे प्रशिक्षण शुल्क के तौर पर प्रति प्रशिक्षणार्थी 3,000 रुपये प्रशिक्षण प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएगें, किंतु प्रशिक्षण प्रोत्साहन राशि का भुगतान महिला प्रशिक्षणार्थी को चर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के रूप में निजी इकाई द्वारा ऑफर लेटर देने के पश्चात ही दिया जाएगा ।
योजना का पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं योजना से जुड़ी विभिन्न ऐजेन्सियों में समन्वय तथा समीक्षा हेतु समय-समय पर राज्य स्तर पर मुख्य सचिव राजस्थान सरकार / सचिव, महिला एवं बालविकास विभाग की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी