विद्यालय से जुड़े विभिन्न हितभागियों के दायित्वः – एक नजर में अगर बात करेंगे तो यह निश्चित है कि किसी राजकीय स्कूल के समग्र विकास हेतु शिक्षक/संस्था प्रधान, अभिभावकों व प्रबन्ध समिति के सदस्यों की सामुहिक जिम्मेदारी होती है। अगर सभी पक्ष अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे तो विद्यालय का विकास बहुत जल्दी होना सम्भव है। आइये, संक्षेप में सबके दायित्व की बात करते है।
अभिभावक / समुदाय-
- बच्चों का विद्यालय में अनिवार्य रूप से प्रवेश करवाना।
- नियमित विद्यालय भेजना।
- बच्चे की कॉपियां चेक करना। विद्यालय जाकर बच्चे की प्रगति रिपोर्ट देखना ।
- बतौर सदस्य, समिति की बैठक में नियमित रूप से सक्रिय भागीदारी करना ।
- विद्यालय विकास में अपेक्षित सहयोग एवं समन्वय के साथ काम करना आदि।
संस्था प्रधान / शिक्षक-
- विद्यालय संचालन से संबंधित समस्त सूचनायें सार्वजनिक करना ।
- नियमित रूप से विद्यालय समय पर खुलना एवं समय पर बंद होना। साथ ही समस्त
- कार्यरत शिक्षकों का नियमित रूप से एवं तय समय पर विद्यालय में उपस्थित होना।
- व्यवस्थित तरीके से विद्यालय का संचालन होना-प्रार्थना सभा, शिक्षण गतिविधियां, मध्याह्न भोजन, खेलकूद, विभिन्न कार्यक्रम आदि ।
- बच्चों के सीखने के स्तर को मजबूत करना। साथ ही समयबद्ध तरीके से पाठ्य कम को पूरा करना और आवश्यकतानुरूप बच्चों के साथ शैक्षिक स्तर की मजबूती के लियेअतिरिक्त प्रयास करना ।
- समिति की नियमित रूप से बैठक बुलाना, समस्त सदस्यों को लिखित में पूर्व सूचना देना ।
- समुदाय से नियमति संपर्क एवं बच्चों के नामांकन एवं ठहराव हेतु सतत् प्रयास करना।
- समुदाय, बच्चों के साथ सकारात्मक व्यवहार करना। साथ ही स्थानीय निकाय, समुदाय एवं विभाग के साथ समन्वय स्थापित करना।
- समुदाय एवं स्थानीय निकाय को समय-समय पर ऐसे मंच उपलब्ध कराना जहां वे अपनी बात से रख सकें।
विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति-
- विद्यालय क्षेत्र से संबंधित कोई भी बच्चा विशेष तोर पर लड़कियां, शिक्षा से वंचित न रहे ।
- प्रत्येक बच्चे का नियमित ठहराव विद्यालय में सुनिश्चित हो ।
- विद्यालय का संचालन प्रबंधन व विकास उचित समय पर हो।
- समुदाय – स्थानीय निकाय व विभागीय समन्वयन स्थापित करना ।
- बच्चों की सुरक्षा, सीखना, स्वच्छता एवं सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो ।
- प्रत्येक लिये जा रहे प्रस्तावों हेतु जिम्मेदार व्यक्ति, समय रेखा व अनुगमन के लिये सतत प्रयास करना ।
- प्रस्ताव न केवल आधारभूत संरचनाओं के बल्कि बच्चों के पूर्ण नामांकन, ठहराव व सर्वांगीण विकास के लिये भी लेना ।
- बच्चों एवं विद्यालय कर्मियों के साथ चर्चा व विद्यालय संचालन के दौरान रोस्टर व्यवस्था के तहत देखरेख स्थापित करना ।
- समस्या/ चुनौतियों एवं शिकायतों के दर्ज होने, निस्तारण होने की तय व्यवस्था एवं प्रक्रिया को स्थापित करना ।
- विद्यालय के सफल संचालन, विकास एवं प्रबंधन के संदर्भ में अंतिम जिम्मेदार के रूप में समिति अध्यक्ष को अपनी भूमिका निभानी चाहिये ।