एक लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक स्टेट की ओर से ट्रायल में पेश होने वाला वकील होता है। उसका मुख्य कार्य स्टेट की ओर से अदालत में अभियोजन कार्यवाही को संचालित करना होता है। एक लोक अभियोजक, स्टेट की तरफ से क्रिमिनल अपील, रीविजन एवं सत्र न्यायालय या हाई कोर्ट में अन्य ऐसे मामलों में उपस्थित होता है।
लोक अभियोजक न्याय के प्रशासन में सहायता करने वाला न्यायालय का एक अधिकारी होता है। इस तथ्य से स्पष्ट है कि लोक अभियोजक का मुख्य कर्तव्य मामले के तथ्यों का पता लगाने में अदालत की मदद करना है। लोक अभियोजक को निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए। उसे न्यायाधीश के निर्देश पर कार्य करना चाहिए। उसे आरोपी की सजा पर किसी हाल विश्वास नहीं करना चाहिए। किसी भी लोक अभियोजन के मार्गदर्शक सिद्धांत समानता, न्याय और अच्छा विवेक होना चाहिए।
लोक अभियोजक की शक्तियां
– किसी मामले के प्रभारी लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक किसी भी अदालत के समक्ष, बिना किसी लिखित अधिकार के उपस्थित हो सकते हैं और उस मामले की याचना कर सकते हैं जो पूछताछ, परीक्षण या अपील के अधीन है (देखें सेक्शन 301 दण्ड प्रक्रिया संहिता)।
– लोक अभियोजक या किसी मामले के प्रभारी लोक अभियोजक, न्यायालय की सहमति से, किसी भी समय मामले में निर्णय सुनाए जाने से पहले, किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अभियोजन को वापस ले सकते हैं। यह वापसी या तो आम तौर पर पूरे मामले के लिए हो सकती है, या उस अभियुक्त के खिलाफ किसी ख़ास अपराध से सम्बंधित हो सकती है।
लोक अभियोजक के कार्य उनके पदनाम (डिजिग्नेशन) के अनुसार भिन्न होते हैं।