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वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र| RTO द्वारा वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने सम्बंधित नियम

फिटनेस सर्टिफिकेट

I  आवश्‍यकता  

संबंधित मोटर वाहन द्वारा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 एवं इसके अधीन बने नियमों की पूर्ण पालना की गई है और यह मोटर वाहन, परिवहन के लिए सडक पर ले जाये जाने के योग्‍य है, इस बाबत परिवहन वाहनों के लिए नियमानुसार फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्‍त करना अनिवार्य है।

II  प्रभावशीलता क्षेत्र एवं अवधि

फिटनेस सर्टिफिकेट प्रारूप 38 में जारी किया जाता है जो सम्‍पूर्ण भारत में वैध होगा एवं इसकी प्रभावशीलता नये परिवहन वाहन के लिए 2 वर्ष एवं इसके पश्‍चात प्रत्‍येक 1 वर्ष के लिए (नवीनीकरण कराने पर) होगी।

III    प्रक्रिया  

संबंधित जिला परिवहन अधिकारी, उप परिवहन कार्यालय, में प्रारूप 4.6 एवं 4.8 में आवेदन, वाहन को निरीक्षण हेतु प्रस्‍तुत करने के साथ निम्‍नलिखित दस्‍तावेज संलग्‍न करते हुए किया जायेगा :-

जिस जिले में निजी फिटनेस जांच केन्‍द्र स्‍थापित हों, उस जिले के वाहनों के फिटनेस नवीनीकरण हेतु आवेदन 4.7+4.8 में किया जावेगा।

1.      प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र

2.      कर चुकता रिपोर्ट

3.      ऑडिट एवं चालान बकाया नहीं होने संबंधित रिपोर्ट

4.      वैध बीमा की फोटो कॉपी

5.      केन्‍द्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 81 के अनुसार निर्धारित फीसआवेदन तथा संलग्‍न प्रपत्रों का आवश्‍यक सत्‍यापन करने और मोटर यान का निरीक्षण करने के बाद संबंधित प्राधिकारी उपयुक्‍तता प्रमाण पत्र जारी कर देगा।  

अन्य जानकारी

वाहनों की फिटनेस जांचकर सर्टिफिकेट जारी करने का कार्य RTO द्वारा किया जाता है। इस हेतु RTO द्वारा अधिकृत वाहन फिटनेस केंद्रों की नियुक्ति की गई है। इन केंद्रों की पारदर्शी प्रक्रिया हेतु प्रदेश भर के ऐसे सेंटरों पर होने वाली गतिविधियों को देखने के लिए डीटीओ को लिंक दे रखा है, जिसे लाइव देखा जा सकता है और रिकॉर्डिंग भी होती है।

वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया

वाहन सेंटर ले जाना जरूरी, सेंटर में मौजूद ट्रैक पर कुल 68 प्वाइंट से गाड़ी को गुजरना होता है, सिस्टम ऑनलाइन, अगर एक भी प्वाइंट में खरा नहीं तो अनफिट वाहन के सभी पेपर की फोटो कॉपी देकर फिटनेस के लिए फार्म-47 पर चेचिस नंबर घिसकर लेने होते हैं। सेंटर में प्रत्येक वाहन की प्रक्रिया को डीटीओ अपने दफ्तर में ही बैठकर कंप्यूटर या अपने मोबाइल पर देख सकते हैं। मीडियम और हैवी वाहन में ट्रक, बस, ट्रोला व टैंकर का शुल्क 1000 रुपए तय है।