इस ” विज्ञान चालीसा ” के माध्यम से विद्यार्थियों द्वारा खेल-खेल में ही अनेक वैज्ञानिकों के नाम व उनके कार्य की जानकारी प्राप्त कर ली जाएगी। अतः आप स्कुल में विद्यार्थियों के अलावा अडौस-पडौस के बच्चों को भी जरूर याद कराएं।
विज्ञान चालीसा (दुनिया के महान वैज्ञानिक और उनके आविष्कार)
- जय न्यूटन विज्ञान के आगर, गति खोजत ते भरि गये सागर ।
- ग्राहम् बेल फोन के दाता, जनसंचार के भाग्य विधाता ।
- बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा, मित्र एडीशन परम प्रवीना ।
- बायल और चाल्स ने जाना, ताप दाब सम्बन्ध पुराना ।
- नाभिक खोजि परम गतिशीला, रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला ।
- खोज करत जब थके टामसन, तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन ।
- जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए, जेम्स चैडविक अति हरषाये ।
- भेद रेडियम करत बखाना, मैडम क्यूरी परम सुजाना ।
- बने कार्बनिक दैव शक्ति से, बर्जीलियस के शुद्ध कथन से ।
- बनी यूरिया जब वोहलर से, सभी कार्बनिक जन्म यहीं से ।
- जान डाल्टन के गूँजे स्वर, आशिंक दाब के योग बराबर ।
- जय जय जय द्विचक्रवाहिनी, मैकमिलन की भुजा दाहिनी ।
- सिलने हेतु शक्ति के दाता, एलियास हैं भाग्यविधाता ।
- सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना, ल्यूवेन हुक की है यह रचना ।
- कोटि सहस्र गुना सब दीखे, सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे ।
- देखहिं देखि कार्क के अन्दर, खोज कोशिका है अति सुन्दर ।
- काया की जिससे भयी रचना, राबर्ट हुक का था यह सपना ।
- टेलिस्कोप का नाम है प्यारा, मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा ।
- गैलिलियो ने ऐसा जाना, अविष्कार परम पुराना ।
- विद्युत है चुम्बक की दाता, सुंदर कथन मनहिं हर्षाता ।
- पर चुम्बक से विद्युत आई, ओर्स्टेड की कठिन कमाई ।
- ओम नियम की कथा सुहाती, धारा विभव है समानुपाती ।
- एहि सन् उद्गगम करै विरोधा, लेन्ज नियम अति परम प्रबोधा ।
- चुम्बक विद्युत देखि प्रसंगा, फैराडे मन उदित तरंगा ।
- धारा उद्गगम फिरि मन मोहे, मान निगेटिव फ्लक्स के होवे ।
- जय जगदीश सबहिं को साजे, वायरलेस अब हस्त बिराजै ।
- अलेक्जेंडर फ्लेमिंग आए, पैसिंलिन से घाव भराये ।
- आनुवांशिकी का यह दान, कर लो मेण्डल का सम्मान ।
- डा रागंजन सुनहु प्रसंगा, एक्स किरण की उज्ज्वल गंगा ।
- मैक्स प्लांक के सुन्दर वचना, क्वाण्टम अंक उन्हीं की रचना ।
- फ्रैंकलिन की अजब कहानी, देखि पतंग प्रकृति हरषानी ।
- डार्विन ने यह रीति बनाई, सरल जीव से सॄष्टि रचाई ।
- परि प्रकाश फोटान जो धाये, आइंस्टीन देखि हरषाए ।
- षष्ठ भुजा में बेंजीन आई, लगी केकुले को सुखदाई ।
- देखि रेडियो मारकोनी का, मन उमंग से भरा सभी का ।
- कृत्रिम जीन का तोहफा लैके, हरगोविंद खुराना आए ।
- ऊर्जा की परमाणु इकाई, डॉ भाभा के मन भाई
- थामस ग्राहम अति विख्याता, गैसों के विसरण के ज्ञाता ।
- जो यह पढ़े विज्ञान चालीसा, देइ उसे विज्ञान आशीषा ।
- श्री “अध्यापक नाम” अब इसके चेरा, मन मस्तिष्क में इसका डेरा ।
विज्ञान चालीसा के नायक वैज्ञानिकों का परिचय
विज्ञान चालीसा के नायक वैज्ञानिकों का परिचय व उनकी शोध को निम्नलिखित रूप से समझने का हम प्रयास करते है।
जय न्यूटन विज्ञान के आगर,
गति खोजत ते भरि गये सागर ।
सर आइज़ैक न्यूटन
सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धान्त की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे।

ग्राहम् बेल फोन के दाता,
जनसंचार के भाग्य विधाता ।
Alexander Graham Bell (अलेक्जेंडर ग्राहम बेल)
टेलीफोन के अलावा, बेल ने कई अन्य आविष्कारों पर काम किया, जिसमें मेटल डिटेक्टर, फ्लाइंग मशीन और हाइड्रोफिट्स शामिल हैं।

बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा,
मित्र एडिसन परम प्रवीना ।
Thomas Edison (थॉमस ऐल्वा एडीसन)
महान अमेरिकी आविष्कारक थॉमस अल्वा एडिसन ने कई प्रकार की खोज की है। उनके नाम 1093 पेटेंट हैं। जो उनका काम के प्रति समर्पण रहा है. उनके द्वारा की गई बल्ब की खोज सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। इसके अलावा उन्होंने फोनोग्राफी की खोज भी की। हालांकि सिर्फ बल्ब की खोज के लिए वह 10000 से अधिक बार असफल हुए। लेकिन हार नहीं मानी। आखिर में अपने चमत्कार से दुनिया में उजाला किया।

बायल और चाल्स ने जाना,
ताप दाब सम्बन्ध पुराना ।
चार्ल्स का नियम (इसे आयतन नियम के नाम से भी जाना जाता है) प्रायोगिक गैस नियम है जिसके अनुसार गैस को गर्म करने पर उसमें विस्तार होता है। बॉयल का नियम आदर्श गेस का दाब और आयतन में सम्बंध बताता है। इसके अनुसार, नियत ताप पर गैस का आयतन दाब के व्यूत्क्रमानुपाती होता है।
नाभिक खोजि परम गतिशीला,
रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला ।
अर्नेस्ट रदरफोर्ड
अर्नेस्ट रदरफोर्ड प्रसिद्ध रसायनज्ञ तथा भौतिकशास्त्री थे। उन्हें नाभिकीय भौतिकी का जनक माना जाता है।
अर्नेस्ट रदरफोर्ड का जन्म 30 अगस्त 1871 को न्यूजीलैंड में हुआ था। अपनी अधिकतम उम्र रासायनिक प्रयोगों में गुजारने वाले वैज्ञानिक माइकल फैराडे के बाद दूसरे स्थान पर अर्नेस्ट रदरफोर्ड का ही नाम आता है।
खोज करत जब थके थामसन,
तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन ।
जोसेफ़ जॉन थॉमसन
जोसेफ़ जॉन थॉमसन (१८ दिसम्बर १८५६ – ३० अगस्त १९४०)}[अंग्रेज़ भौतिक विज्ञानी थे। वो रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन के निर्वाचित सदस्य थे। एक विख्यात वैज्ञानिक थे। उन्हौंने इलेक्ट्रॉन की खोज की थी।

जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए,
जेम्स चैडविक अति हरषाये ।
सर जेम्स चैडविक
सर जेम्स चैडविक, सीएच, एफआरएस एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें 1932 में न्यूट्रॉन की खोज के लिए भौतिकी में 1935 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1941 में, उन्होंने एमएयूडी रिपोर्ट का अंतिम मसौदा लिखा, जिसने अमेरिकी सरकार को गंभीर शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया। परमाणु बम अनुसंधान प्रयास हेतु प्रयास किये।
भेद रेडियम करत बखाना,
मैडम क्यूरी परम सुजाना ।
Marie Curie (मेरी क्युरी)
मैडम क्यूरी (Madame Curie) महिला वैज्ञानिक के रूप एक बहुत बड़ी मिसाल हैं। उन्होंने अपने पति के साथ रेडियोधर्मिता (Radioactivity) की खोज की और बाद में रेडियम तत्व के शुद्धिकरण के लिए उन्हें दूसरी बार नोबेल पुरस्कार (Noble Prize) मिला था. अपने आविष्कारों को मैडम क्यूरी ने मानवता के उपोयग के शोध में लगा दिया था और जीवन भर इस उद्देश्य में लगी रहीं.यहां तक कि उन्होंने नोबल पुरस्कार सहित अन्य सम्मानों से मिली राशि भी बांट दी थी.

बने कार्बनिक दैव शक्ति से,
बर्जीलियस के शुद्ध कथन से ।
Jöns Jacob Berzelius (जोंस बर्जिलियस)
प्रसिद्ध रसायनशास्त्री ”’वर्जीलियस”’ जॉन्स जैकब बर्ज़ीलियस (Jons Jacob Berzelius, Baron; १७७९ – १८४८) स्वीडन निवासी रसायनज्ञ थे। बर्ज़ीलियस का योगदान रसायन के विविध क्षेत्रों में है। आधुनिक भौतिकी के संस्थापकों में उनकी गणना होती है।
Michael Faraday (माइकल फैराडे)
बनी यूरिया जब वोहलर से,
सभी कार्बनिक जन्म यहीं से ।
Friedrich Wöhler (फ्रेडरिक वोहलर)
फ्रेडरिक व्होलर पैदा हुआ था Eschersheim , जर्मनी में, और एक का बेटा था पशुचिकित्सक का । उनकी माध्यमिक शिक्षा फ्रैंकफर्ट जिमनैजियम में हुई। व्यायामशाला में अपने समय के दौरान, वोहलर ने अपने पिता द्वारा प्रदान की गई घरेलू प्रयोगशाला में रासायनिक प्रयोग शुरू किया।
१८२५ में पोटैशियम अमलगम के साथ एल्युमीनियम क्लोराइड की कमी का उपयोग करते हुए, हैंस क्रिस्चियन Ørsted ने एल्युमिनियम तत्व को अलग करने वाले पहले व्यक्ति थे ।

जान डाल्टन के गूँजे स्वर,
आशिंक दाब के योग बराबर ।
John Dalton (जॉन डाल्टन)
जॉन डाल्टन एफआरएस एक अंग्रेजी रसायनज्ञ, भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी थे। उन्हें रसायन विज्ञान में परमाणु सिद्धांत को पेश करने और रंग अंधापन में अपने शोध के लिए जाना जाता है, जो उनके पास था। कलर ब्लाइंडनेस को कई भाषाओं में डाल्टनिज्म के नाम से जाना जाता है, जिसका नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है।
जय जय जय द्विचक्रवाहिनी,
मैकमिलन की भुजा दाहिनी ।
किर्कपैट्रिक मैकमिलन
1890 के दशक में उनके रिश्तेदार जेम्स जॉनस्टन के शोध के अनुसार, मैकमिलन ने सबसे पहले पैडल से चलने वाली साइकिल का आविष्कार किया था।

सिलने हेतु शक्ति के दाता,
एलियास हैं भाग्यविधाता ।
एलायस होवे
सिलाई मशीन का अविष्कार एलायस होवे ने किया था। एलायस होवे का जन्म 9 जुलाई 1819 को हुआ था। एलायस होवे को आज दुनिया सिलाई मशीन के आविष्कारक के रूप में जानती है। एलायस होवे ने 10 सितंबर 1846 में सिलाई मशीन को पेटेंट कराया था। इससे पहले प्रथम मशीन ए. वाईसेन्थाल ने 1755 ई. में बनाई थी। इसकी सूई के मध्य में एक छेद था और दोनों सिरे नुकीले थे। फिर 1790 ई. में थामस सेंट ने दूसरी मशीन का आविष्कार किया। फिर कई सालों बाद एलायस होवे के द्वारा बनाई गई सिलाई मशीन को सन 1846 में लॉकस्टिच डिजाइन के लिए पहले अमेरिकी पेटेंट पुरस्कार से नवाजा गया।

सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना,
ल्यूवेन हुक की है यह रचना ।
कोटि सहस्र गुना सब दीखे,
सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे ।
देखहिं देखि कार्क के अन्दर,
खोज कोशिका है अति सुन्दर ।
काया की जिससे भयी रचना,
राबर्ट हुक का था यह सपना ।
Antonie van Leeuwenhoek (एंटोनी वॉन ल्यूवेनहुक)
रॉबर्ट हुक एफआरएस एक वैज्ञानिक और वास्तुकार के रूप में सक्रिय एक अंग्रेजी पॉलीमैथ था, जिसने सूक्ष्मदर्शी का उपयोग करके सूक्ष्म जीव की कल्पना करने वाले पहले व्यक्ति थे। युवा वयस्कता में एक गरीब वैज्ञानिक अन्वेषक, उन्होंने लंदन की 1666 के बाद आधे से अधिक वास्तुशिल्प सर्वेक्षणों का प्रदर्शन करके धन और सम्मान पाया।

टेलिस्कोप का नाम है प्यारा,
मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा ।
गैलिलियो ने ऐसा जाना,
अविष्कार परम पुराना ।
गैलीलियो गैलिली
गैलीलियो गैलिली एक इतालवी खगोलशास्त्री, भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे। गैलिलियो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने खगोलीय प्रेक्षण, चंद्रमा पर क्रेटरों व पहाड़ों की खोज और बृहस्पति के चार उपग्रहों, प्रायः गैलीली उपग्रहों के रूप में जाना जाता है, के लिए दूरबीन का उपयोग किया था। उन्होंने शुक्र के कलाओं का अवलोकन किया और सौर धब्बों के अध्ययन से सूर्य की घूर्णन गति का पता लगाया।
गैलिलियो ने निष्कर्ष निकाला कि अरस्तु का वैश्विक मानचित्र, जो अपने समय में अभी भी व्यापक रूप से विश्वसनीय था, गलत था। इसके बजाय उन्होंने कॉपरनिकस के ‘सूर्य केंद्रीय सिद्धांत’ का समर्थन किया। यह समर्थन उन्हें कैथोलिक चर्च के साथ संघर्ष में ले आया। उन पर मुकदमा चलाया गया और अपने जीवन के अंतिम आठ साल के लिए उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया।

विद्युत है चुम्बक की दाता,
सुंदर कथन मनहिं हर्षाता ।
पर चुम्बक से विद्युत आई,
ओर्स्टेड की कठिन कमाई ।
Hans Christian Ørsted (हैन्स क्रिश्चियन ओर्स्टेड)
हंस क्रिश्चियन ओस्टेंड, ओर्टेड ने ओस्टैंड को भी , लिखा, (जन्म 14 अगस्त, 1777, रुडकोबिंग, डेनमार्क – मृत्यु 9 मार्च, 1851, कोपेनहेगन), डेनिश भौतिक विज्ञानी और रसायनज्ञ जिन्होंने यह खोजा कि एक तार में विद्युत प्रवाह एक चुंबकीय कम्पास सुई, एक घटना को विक्षेपित कर सकता है। जिसके महत्व को तेजी से पहचाना गया और जिसने विद्युत चुम्बकीय सिद्धांत के विकास को प्रेरित किया।

ओम नियम की कथा सुहाती,
धारा विभव है समानुपाती ।
जॉर्ज साइमन उद्गगम करै विरोधा,
लेन्ज नियम अति परम प्रबोधा ।
Georg Ohm (जॉर्ज साइमन ओम)
जॉर्ज साइमन ओम का जन्म दक्षिण-पूर्वी जर्मनी की बावेरिया रियासत में 16 मार्च 1787 को हुआ था। ताले और बन्दूकें बनाना परिवार का पुश्तेनी पेशा-सा बन चुका था। ओम का स्वाध्याय अप्रमाद चलता रहा, और 1811 में उसे गणित में डाक्टरेट मिल गई।
जॉर्ज साइमन ओम की विद्युत विज्ञान को सबसे बड़ी देन 1827 में दुनिया के सामने आई। विद्युत सर्किट की गणनाओं के इतिहास में ओम का अध्ययन एक नया मोड़ समझा जा सकता है। ओम नियम की स्थापना इतनी सरल प्रतीत होती है कि उसे एक मूल सिद्धान्त समझना मुश्किल लगता है, इतनी सर्वसाधारण और प्रत्यक्ष की वस्तु सी लगती है। किन्तु आज हाई स्कूलों में भौतिकी का हर विद्यार्थी उसे ओम का सूत्र कहकर जानता है।

चुम्बक विद्युत देखि प्रसंगा,
फैराडे मन उदित तरंगा ।
धारा उद्गगम फिरि मन मोहे,
मान निगेटिव फ्लक्स के होवे ।
Michael Faraday (माइकल फैराडे)
माइकेल फैराडे, भौतिक विज्ञानी एवं रसायनज्ञ थे। उन्होने विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव का आविष्कार किया। उसने विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का अध्ययन करके उसको नियमवद्ध किया। इससे डायनेमों तथा विद्युत मोटर का निर्माण हुआ। बाद में मैक्सवेल Maxwell के विद्युतचुम्बकत्व के चार समीकरणों में फैराडे का यह नियम भी सम्मिलित हुआ। फैराडे ने विद्युत रसायन पर भी बहुत काम किया और इससे सम्बन्धित अपने दो नियम दिये। उन्होंने रुडोल्फ डिजल के साथ डिजल चलित बिजली उत्पादक का आविष्कार किया था।

जय जगदीश सबहिं को साजे,
वायरलेस अब हस्त बिराजै ।
इटली के वैज्ञानिक मार्कोनी को वायरलेस टेलिग्राफी के विकास में किए गए उनके योगदान हेतु वर्ष 1909 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग आए,
पैसिंलिन से घाव भराये ।
Alexander Fleming (अलेक्ज़ांडर फ्लेमिङ)
सर अलेक्जेंडर फ्लेमिंग का जन्म 6 अगस्त, 1881 को स्कॉटलैंड के आयरशायर में डारवेल के पास लोचफील्ड में हुआ था। लंदन जाने से पहले उन्होंने लाउडेन मूर स्कूल, डार्वेल स्कूल और किल्मरनॉक अकादमी में पढ़ाई की, जहां उन्होंने पॉलिटेक्निक में भाग लिया। 1921 में, उन्होंने “ऊतकों और स्रावों” में एक महत्वपूर्ण बैक्टीरियोलाइटिक पदार्थ की खोज की, जिसे उन्होंने लाइसोजाइम नाम दिया।
इस तत्व को बाद में उन्होंने अंडों की सफेदी, दूध तथा आंसुओं में खोजा, जिसका खाद्य व पेय पदार्थों के प्रिजर्वेशन में आज भी प्रयोग होता है। लेकिन फ्लेमिंग का लक्ष्य प्रिजर्वेशन नहीं था।
फ्लेमिंग शोध करते रहे और जीत उन्हीं की जिद की हुई। आगे चलकर इसी लायसोजाइम से उन्होंने पेनिसिलीन नामक पहली एंटीबायोटिक दवा बनाई। इस एंटीबायोटिक दवा से बुखार, न्यूमोनिया, डिप्थीरिया और मेनेंजाइटिस के लाखों रोगी ठीक हुए और द्वितीय विश्व युद्ध में घायल हुए सैनिकों की भी जान बची। 1945 में अमेरिका की फार्मा कंपनियों ने उन्हें एक लाख डॉलर की सम्मान राशि भेंट की, तो उसे उन्होंने सेंट मेरी मेडिकल स्कूल को दान में दे दिया। पेनिसिलीन की खोज पर उन्हें सन 1945 का नोबेल पुरस्कार भी मिला।
आनुवांशिकी का यह दान,
कर लो मेण्डल का सम्मान ।
कोनराड रंटजन सुनुहू प्रसंगा,
एक्स किरण की उज्ज्वल गंगा ।
मैक्स प्लांक के सुन्दर वचना,
क्वाण्टम अंक उन्हीं की रचना ।
फ्रैंकलिन की अजब कहानी,
देखि पतंग प्रकृति हरषानी ।
डार्विन ने यह रीति बनाई,
सरल जीव से सॄष्टि रचाई ।
परि प्रकाश फोटान जो धाये,
आइंस्टीन देखि हरषाए ।
षष्ठ भुजा में बेंजीन आई,
लगी केकुले को सुखदाई ।
देखि रेडियो मारकोनी का,
मन उमंग से भरा सभी का ।
कृत्रिम जीन का तोहफा लैके,
हरगोविंद खुराना आए ।
ऊर्जा की परमाणु इकाई,
डॉ भाभा के मन भाई ।
थामस ग्राहम अति विख्याता,
गैसों के विसरण के ज्ञाता ।
जो यह पढ़े विज्ञान चालीसा,
देइ उसे विज्ञान आशीषा ।
बोलो विज्ञान की जय।