
विभिन्न विद्यालयों द्वारा अवकाश अवधि में अपने विद्यार्थियों हेतु शैक्षणिक भ्रमण (Educational Tour) आयोजित किये जाते हैं। किसी भी विद्यालय को अपने विद्यार्थियों हेतु शैक्षणिक भ्रमण निर्धारित करते समय इस भ्रमण की उपादेयता, पेरेंट्स की सहमति, एसडीएमसी से स्वीकृति, सुरक्षा व्यवस्था, अभिलेख संधारण के साथ ही विभिन्न विभागीय नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करनी चाहिए। इस सम्बंध में हम हमारे पाठकों हेतु शिक्षा विभाग राजस्थान द्वारा 1997 में प्रकाशित ” विभागीय निर्देशिका ” के अंतर्गत वर्णित नियमों को प्रस्तुत कर रहे हैं।

Educational tours are organized by various schools for their students during the holiday period. Any school, while scheduling an educational tour for its students, should ensure the utility of this tour, consent of parents, approval from SDMC, security arrangements, record keeping as well as compliance with various departmental rules. In this regard, we are presenting the rules mentioned under the “Departmental Directory” published in 1997 by the Education Department Rajasthan for our readers.
शिक्षा विभागीय नियमावली 1997 के बिंदु संख्या 5.3.24 के अनुसार छात्रों के लिए शैक्षिक भ्रमण के आयोजन संबंधी निम्न निर्देश है :-
- शैक्षिक भ्रमण करने से पूर्व प्रधानाचार्य को भ्रमण की शैक्षिक एवं देशाटन के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए विस्तृत योजना बनानी होगी । इसकी पूर्व स्वीकृति जिला शिक्षा अधिकारी से लेनी होगी ।
- भ्रमण साधारणतया एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी का नहीं होगा अर्थात् जहाँ विद्यालय स्थित है उससे 500 किलोमीटर की परिधि पर्याप्त है ।
- सामान्यतया प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शाला का कोई शैक्षिक भ्रमण आयोजित नहीं किया जायेगा । ऐसी संस्थाओं के लिए केवल नगर के बाहर तक वन उपवन आदि का भ्रमण आयोजित करना पर्याप्त होगा ।
- विद्यार्थी भ्रमण का सम्पूर्ण व्यय स्वयं वहन करेंगे । विद्यालय रियायती टिकट की सुविधा प्रदान करेगा
- भ्रमण दल को स्काउट दलों के समान स्वयं सेवा एवं आत्मनिर्भरता के सिद्धान्त को अपनाना होगा ।
- छात्रों के अभिभावकों से भ्रमण के लिए लिखित स्वीकृति लेनी अनिवार्य होगी
- छात्रों के साथ एक अध्यापक / अध्यापिका को भेजा जायेगा । प्रति 20 विद्यार्थियों पर एक अध्यापक नियुक्ति की जा सकती है।
- जो अध्यापक भ्रमण में छात्रों के साथ जायेगा उसका द्वितीय श्रेणी का रियायती रेल टिकट एवं देय दैनिक भत्तों की सीमा तक वास्तविक मार्ग व्यय विद्यालय के छात्रकोष से दिया जायेगा ।
- राजस्थान से बाहर के शैक्षिक भ्रमण की जिला शिक्षा अधिकारी की अभिशंसा पर मण्डल अधिकारी स्वीकृति प्रदान करेंगे ।
- शैक्षिक भ्रमण यथासम्भव अवकाशों में ही आयोजित किये जायेंगे ताकि छात्रों के अध्ययन पर किसी प्रकार का विपरीत असर नही हो।