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समग्र शिक्षा अभियान (SSA) | राजस्थान राज्य के परिपेक्ष्य में पूर्ण जानकारी

समग्र शिक्षा अभियान स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना है जो प्री-स्कूल से वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक राज्यों को सहायता प्रदान करती है।

समग्र शिक्षा -यह केन्द्र प्रवर्तित व्यापक कार्यक्रम है जो विद्यालय तक सुगम पहुँच तथा बेहतर अधिगम परिणामों के समान अवसर उपलब्ध करवाने व विद्यालयी शिक्षा में सुधार के व्यापक लक्ष्यों को सामने रख पूर्व प्राथमिक से बारहवीं कक्षा स्तर को समग्र रूप से समाहित कर शुरू किया गया है।

समग्र शिक्षा अभियान – उद्देश्य

भारत सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत यह योजना शुरू की है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग इसका प्रशासन देखता है।

1.यह योजना स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

2.यह योजना ‘स्कूल’ को समग्र रूप से पूर्व-विद्यालय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक से वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक एक निरंतरता के रूप में मानकर स्कूली शिक्षा के वैचारिक डिजाइन में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है।

3. इस योजना का मसौदा स्कूली शिक्षा के लिए समान अवसरों और समान शिक्षण परिणामों के संदर्भ में स्कूली प्रभावकारिता में सुधार के व्यापक लक्ष्य के साथ तैयार किया गया था।

जून 2021 में, शिक्षा मंत्रालय ने NIPUN भारत कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्देश्य तीन से नौ साल के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है। यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तत्वावधान में चलाया जा रहा है

सर्व शिक्षा अभियान का नया नाम

खासकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक व प्राइमरी सेटअप में विकास कार्यों को लेकर बने सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का विलय हो गया है। अब इसका नाम समग्र शिक्षा अभियान होगा।

समग्र शिक्षा अभियान की स्थापना

केंद्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान की शुरुआत 4 अगस्त 2021 को की गयी है। समग्र शिक्षा अभियान क्या है ? Samagra Shiksha Abhiyaan 4 अगस्त 2021 को शुरू किया गया एक ऐसा प्रोग्राम है जिससे देश की शिक्षा व्यवस्था को पहले से बेहतर बनाया जा सके।

समग्र शिक्षा अभियान उत्पत्ति

समग्र शिक्षा अभियान एक एकीकृत और समग्र स्कूली शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित तीन योजनाओं को शामिल करके बनाया गया था:

1.(आरएमएसए) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

2.(एसएसए) सर्व शिक्षा अभियान

3.(टीई) शिक्षक शिक्षा

इसका लक्ष्य स्कूली शिक्षा को पूर्व-विद्यालय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर से एक सुचारु परिवर्तन के रूप में मानना है। यह दो T’s – शिक्षक और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय समग्र शिक्षा की छत्रछाया में स्कूली शिक्षा के व्यावसायीकरण की योजना को लागू कर रहा है।

स्‍कूली शिक्षा के व्‍यवसायीकरण की योजना के तहत, सामान्‍य शिक्षा के साथ-साथ नौवीं से बारहवीं कक्षा के लिए एक व्‍यावसायिक विषय की पेशकश की जाती है ताकि विभिन्‍न व्‍यवसायों के लिए आवश्‍यक रोजगार योग्‍यता और व्‍यावसायिक कौशल प्रदान किया जा सके।

समग्र शिक्षा योजना का विजन

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के कार्यान्वयन में राज्यों का समर्थन करना है

समग्र शिक्षा योजना का व्यय

इस अभियान को 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2026 तक कार्य किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत 1.50 लाख करोड़ रुपए के हिस्सेदारी केंद्र सरकार के द्वारा रहेगी। लगभग 11.6 लाख स्कूल,15.6 करोड़ बच्चे और 57 लाख शिक्षकों को इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। छात्रों को परिवहन सुविधा राशि भी प्रतिवर्ष दिया जाएगा जो कि ₹6000 की होगी।

समग्र शिक्षा योजना के मुख्य घटक

i)पूर्व विद्यालयी शिक्षा
ii) समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना
iii) पढ़े भारत, बढ़े भारत
iv) आत्मरक्षा प्रशिक्षण
v) खेलो इंडिया खिले इंडिया
vi) स्वच्छ भारत अभियान

समग्र शिक्षा के कार्यान्वयन हेतु संस्था

इस योजना को राज्य स्तर पर एक एकल राज्य कार्यान्वयन समिति (एसआईएस) के माध्यम से केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर, शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली एक शासी परिषद/संस्था और सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अध्यक्षता वाला परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) है।

समग्र शिक्षा योजना कार्यावधि

यह योजना 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2026 तक कार्यान्वित की जाएगी। 2.94 लाख करोड़ रुपए के बजट में से 1.85 लाख करोड़ रुपए की हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होगी। Samagra Shiksha Abhiyan-2.0 के माध्यम से लगभग 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ बच्चे एवं 57 लाख शिक्षकों को लाभ प्राप्त होगा।

समग्र शिक्षा का वित्तपोषण पैटर्न

समग्र शिक्षा योजना को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया गया है।

1.यह विधायिका के बिना केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100% केंद्र प्रायोजित है।

2.अन्य सभी राज्यों और विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए फंड शेयरिंग अनुपात 60:40 है।

3.पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी राज्यों के लिए, वर्तमान में केंद्र और राज्यों के बीच योजना के लिए फंड शेयरिंग पैटर्न 90:10 के अनुपात में है।

राजस्थान में समग्र शिक्षा अभियान

समग्र शिक्षा अभियान

समग्र शिक्षा –यह केन्द्र प्रवर्तित व्यापक कार्यक्रम है जो विद्यालय तक सुगम पहुँच तथा बेहतर अधिगम परिणामों के समान अवसर उपलब्ध करवाने व विद्यालयी शिक्षा में सुधार के व्यापक लक्ष्यों को सामने रख पूर्व प्राथमिक से बारहवीं कक्षा स्तर को समग्र रूप से समाहित कर शुरू किया गया है। समग्र शिक्षा ,सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षा (टीई) की तीन योजनाओं को समेकित करती है। समग्र शिक्षा के संचालन हेतु राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् (RCSCE) का गठन किया गया है जिसका पंजीयन दिनांक 03.09.2020 को करवाया गया है।

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के युक्तीकरण पर अक्टूबर, 2015 में प्राप्त मुख्यमंत्रियों के समूह की सिफारिशों के अनुसार, केन्द्र और राजस्थान के बीच योजना के लिए फंड शेयरिंग पैटर्न वर्तमान में 60:40 के अनुपात में है।

यह योजना पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक ‘निरंतरता के रूप में विद्यालय‘ की परिकल्पना करती है तथा विद्यालयी शिक्षा के विभिन्न कक्षा स्तरों में अंतरण दर में सुधार करने और बच्चों को विद्यालयी शिक्षा पूरी करने के लिए सार्वभौमिक पहुँच को बढ़ावा देने में सहायता करती है। शिक्षा के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के अनुसार पूर्व प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करते हुए निम्न लक्ष्यों को इस योजना में प्राप्त किया जाना है :-

  1. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाने के प्रावधान करना।
  2. विद्यालयों में सोशल और जेंडर गैप को कम करना।
  3. सभी स्तरों पर समानता और समावेशी विकास को सुनिश्चित करना।
  4. व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
  5. निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के क्रियान्वयन में सहायक।
  6. शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में SCERT/ DIET के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन।
  7. खेल और शारीरिक शिक्षा को प्रोत्साहन।
  8. शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण को सुदृढ़ बनाना।

राजस्थान में समग्र शिक्षा अभियान की जानकारी हेतु अधीकृत लिंक

https://rajsmsa.nic.in/public/Overview.aspx