सिलिकोसिस बीमारी क्षय रोग की तरह ही है. जहां पत्थर की कटाई और खनन का कार्य किया जाता उस क्षेत्र में ज्यादा मरीज पाये जाते हैं. इस बीमारी का का इलाज सिर्फ ‘धूलकण से बचाव’ ही इसका उपाय है. सिलिकोसिस उनको अधिक होने चांस रहते है जो व्यक्ति पत्थर का काम करता है उसकी सांसों में सिलिका युक्त धूल लगातार जाती रहती है और इस धूल से फेफड़ों में होने वाली बीमारी को सिलिकोसिस कहा जाता है. इसमें मरीज के फेफड़ें खराब हो जाते है और उसकी सांस फूलने लगती है. इसके चलते फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता कमजोर हो जाती है. इस बीमारी का कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है.
सिलिकोसिस बीमारी से फेफड़े खराब हो जाते हैं
सिलिकोसिस के ज्यादातर मरीज खदानों में काम करने वाले होते हैं। सिलिका युक्त धूल में लगातार सांस लेेने से फेफड़ों में होने वाली बीमारी को सिलिकोसिस कहा जाता है। इसमें मरीज के फेफड़े खराब हो जाते हैं। पीड़ित व्यक्ति का सांस फूलने लगता है। इलाज न मिलने पर मरीज की मौत हो जाती है।
जोधपुर के के.एन. चेस्ट एवं अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय में होगी सिलिकोसिस विंग की स्थापना
26-मार्च-2023, 04:03 PM
जयपुर, 26 मार्च। जोधपुर के के.एन. चेस्ट चिकित्सालय और अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में सिलिकोसिस विंग की स्थापना होगी। इनमें 27 करोड़ रुपए की लागत आएगी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने विंग स्थापना और नवीन पद सृजित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय, अजमेर में 10.45 करोड़ रुपए लागत से निर्माण कार्य व 3.21 करोड़ रुपए के चिकित्सकीय उपकरण खरीदे जाएंगे। वहीं, के.एन. चिकित्सालय, जोधपुर में 10 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कार्य और 3.37 करोड़ रुपए के उपकरण खरीदे जाएंगे। श्री गहलोत के इस निर्णय से सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित रोगियों को बेहतर उपचार मिल सकेगा।
चिकित्सालयों के लिए पद सृजित
दोनों चिकित्सालयों में विंग संचालन के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर इन रेस्पिरेटरी मेडिसिन, सीनियर रेजीडेंट, असिस्टेंट रेडियोग्राफर, लेब टेक्निशियन, फिजियोथैरेपिस्ट, काउंसलर, लेब असिस्टेंट और कम्प्यूटर ऑपरेटर के एक-एक और नर्सिंग स्टाफ के 8-8 पद सृजित किए गए हैं। यह पद 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर का पद नियमित रूप से भरा जाएगा। शेष पद राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के अनुसार भरे जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की थी।
सिलिकोसिस मरीजों को राजस्थान सरकार द्वारा सहायता
सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मजदूरों को अब सर्टिफिकेट बनवाने और वेरिफिकेशन के लिए बार-बार दफ्तरों में चक्कर लगाने से निजात मिलेगी. पीड़ित श्रमिकों को अब घर बैठे सहायता राशि उपलब्ध हो सकेगी. राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए 3 लाख रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान है. वहीं, पीड़ित मजदूर की मृत्यु के बाद 2 लाख रुपए उसके परिजनों को और उसके अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपए देने का प्रावधान है.