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स्वामित्व योजना | अर्थ, कार्य व राजस्थान राज्य में स्वामित्व योजना की प्रगति

राष्ट्रीय पंचायत दिवस (24 अप्रैल 2020 ) के अवसर पर केन्द्र द्वारा “स्वामित्व योजना आरम्भ किये जाने की घोषणा की गई थी। “स्वामित्व योजना” के ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रागाज पर दूरगामी प्रभावों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य में इस योजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासों से किये जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य में इस योजना के क्रियान्वयन हेतु राजस्व विभाग द्वारा “स्वामित्व योजना” के प्रभारी विभाग के रूप में इस योजना के लिए सर्वेक्षण विभाग के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) हस्ताक्षरित कर राज्य में 85 सतत् प्रचालित संदर्भ स्टेशन (CORS) के लिए स्थल का चयन करवाया जाकर इनकी स्थापना की जा रही है।

इस योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग राज्य के सभी गांवों के “आबादी क्षेत्रों का डिजीटल मानचित्र तैयार कर सम्बन्धित ग्राम पंचायत को सौंपेगा। गांवों के आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण और मानचित्रण का कार्य पूरा होने पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत द्वारा राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के प्रावधान के तहत सम्बन्धित व्यक्ति को पट्टा दिया जायेगा ज़िलों में योजना का क्रियान्वयन जिला कलेक्टर के निर्देशन में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् द्वारा किया जायेगा।

स्वामित्व योजना

केंद्रीय क्षेत्र की योजना “स्वामित्व” का उद्देश्य गांवों में बसे हुए क्षेत्रों (आबादी) में घर रखने वाले ग्रामीण परिवारों के मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करना है। इस योजना के तहत देश के सभी गांवों के ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में जमीन का सर्वेक्षण किया जाता है। यह संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व के निर्धारण में मदद करता है।

यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण (एसओआई), राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सहयोगात्मक प्रयासों से कार्यान्वित की जा रही है। योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को एसओआई के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता है। अब तक उत्तर प्रदेश राज्य सहित 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एसओआई के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण की सुविधा देती है जिससे बैंक ऋण प्राप्त करना आसान हो जाता है, संपत्ति संबंधी विवादों में कमी आती है, व्यापक ग्रामीण स्तर की योजना बनती है और संपत्ति कर के आकलन के लिए एक आधार प्रदान किया जाता है, जो सीधे उन राज्यों में ग्राम पंचायतों को प्राप्त होता है जहां इसे हस्तांतरित किया जाता है। कवर किए गए गांवों और प्रभावित लाभार्थियों का राज्य-वार विवरण नीचे दिया गया है:

इस योजना का उद्देश्य देश के गांवों में बसे हुए (आबादी) क्षेत्रों में घर रखने वाले सभी ग्रामीण परिवारों को कवर करना है ।

राजस्थान में स्वामित्व योजना की प्रगति

स्वामित्व योजना ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए डेटा संग्रह की महत्पूर्ण योजना, इसके कार्य में गति लाएं -शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज

जयपुर, 28 मार्च। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने स्वामित्व योजना को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की विकास योजना बनाने के लिए डेटा संग्रह हेतु एक महत्वपूर्ण योजना बताते हुए इसके अन्तर्गत सर्वे एवं अन्य कार्य में गति लाने के निर्देश दिए हैं। श्री जैन ने मंगलवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने जिलों में इसके क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विस्तृत विचार विमर्श और शंका समाधान सत्र में यह निर्देश प्रदान किए।

उन्होंने जिलों के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं स्वामित्व योजना के नोडल अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि योजना के क्रियान्वयन में प्लानिंग की कमी, लापरवाही और काम को टालने की प्रवृति के कारण ड्रोन सर्वे और योजना के नक्शा निर्माण, नक्शा सुधार एवं अन्य विभिन्न चरणों की प्रगति में बाधा नही आनी चाहिए। उन्होंने जिला टीमों की विभिन्न शंकाओं का समाधान करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर मुख्यालय सम्पर्क कर निर्देश प्राप्त करें और स्थानीय स्तर पर उच्चाधिकारियों के सहयोग से कार्य पूरा करें।

 स्वामित्व योजना के सम्बन्घ में यह प्रशिक्षण पंचायती राज विभाग एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा दिया गया। उल्लेखनीय है कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत अब तक 25 जिलों के 14500 से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। राज्य में वर्तमान में 21 जिलों (जयपुर, जोधपुर, पाली, टोंक. अजमेर, जालोर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, सिरोही, हनुमानगढ़, डूंगरपुर, झुन्झुनूं नागौर, बारां, बीकानेर, राजसमंद सवाई माधोपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बाड़मेर व चुरू) में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य प्रगतिरत है। वहीं दौसा व बून्दी जिलों में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण हो गया है और नक्शों का कार्य अभी जारी है। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत अब तक राज्य में कुल 792 गांवों में 29287 प्रोपर्टी कार्ड्स वितरित किये जा चुके हैं।