
वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते। या हिन्दी भाषा में प्रयुक्त सबसे छोटी इकाई वर्ण कहलाती है। जैसे- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, क, ख आदि ।
हिंदी व्याकरण में वर्ण की परिभाषा
वर्ण हिंदी व्याकरण में सबसे छोटी इकाई होती है, जो अक्षरों की समूह या ध्वनि को दर्शाती है। वर्ण एक स्वतंत्र ध्वनि या अक्षर होता है, जो कि एक वाक्य को अलग-अलग अक्षरों या ध्वनियों में विभाजित करता है।
वर्ण सँख्या
हिंदी व्याकरण में, वर्णों की कुल संख्या ५० होती है जो कि व्यंजन वर्ण (जैसे क, ख, ग) और स्वर वर्ण (जैसे अ, आ, इ) में विभाजित होते हैं।
वर्ण के प्रकार
हिंदी व्याकरण में, वर्ण सबसे छोटी मौलिक इकाई होती है जो किसी शब्द के ध्वनि और वर्तनी को दर्शाती है। हर शब्द का निर्माण वर्णों से होता है। हिंदी भाषा में चार प्रकार के वर्ण होते हैं: स्वर, व्यंजन, अनुस्वार और विसर्ग।
स्वर वर्ण ध्वनि के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हैं। स्वर वर्णों की संख्या तीन होती है: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
व्यंजन वर्ण शब्द की व्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाते हैं। व्यंजन वर्णों की संख्या ३३ होती है: क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह।
अनुस्वार वर्ण होता हैं जब कोई शब्द के बाद दूसरा वर्ण आता है और उससे पहले ‘अ’ का अकार होता है। अनुस्वार को नुक्ता कहा जाता है और इसकी वर्णमाला में स्थान नहीं होता है।
विसर्ग वर्ण होता हैं जब कोई शब्द के अंत में आता है और यह ‘ह’ या ‘ः’ के रूप में लिखा जाता है। विसर्ग का उच्चारण करते समय जिस स्थान से उसकी उत्पत्ति हुई होती है, उस स्थान पर जीव मौखिक संकेत करता है।
वर्ण को समझने हेतु एक उदाहरण
वर्णों का विस्तार समझाने के लिए, हम इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। उदाहरण के रूप में, शब्द “कमल” का वर्ण विश्लेषण हमें यह देखने में मदद कर सकता है: क – व्यंजन वर्ण, अ – स्वर वर्ण, म – व्यंजन वर्ण, अ – स्वर वर्ण, ल – व्यंजन वर्ण।
वर्णों का समझना हमें हिंदी भाषा के विभिन्न शब्दों को सही ढंग से लिखने और उच्चारित करने में मदद करता है।
हिंदी भाषा मे वर्ण से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी
हिंदी व्याकरण में कितने वर्ण होते हैं?
हिन्दी में उच्चारण के आधार पर ५२ वर्ण होते हैं। इनमें ११ स्वर और ४१ व्यञ्जन होते हैं। लेखन के आधार पर ५४ वर्ण होते हैं इसमें १३ स्वर , ३५ व्यञ्जन तथा ४ संयुक्त व्यञ्जन होते हैं।
हिंदी में वर्ण कौन कौन से होते हैं?
- स्वर – अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ ऑ
- अनुस्वार – अं
- विसर्ग – अ:
- व्यंजन – क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह (क़ ख़ ग़ ज़ ड़ ढ़ फ़ श़ )
- संयुक्त व्यंजन– क्ष त्र ज्ञ श्र
वर्ण किसे कहते हैं कितने भेद हैं?
हिंदी भाषा में कुल मिलाकर 52 वर्ण है जिसमें से 39 व्यंजन (Consonant) और 13 स्वर (Vowel) हैं. इसके अलावा अगर हम उच्चारण (Pronunciation) की दृष्टि से देखे तो कुल मिलाकर 45 व्यंजन और 10 स्वर हैं।
क्ष त्र ज्ञ कौन से व्यंजन है?
क्ष त्र ज्ञ श्र कौन से व्यंजन है? उत्तर- हिंदी वर्णमाला में क्ष, त्र, ज्ञ, श्र को संयुक्त व्यंजन कहते हैं क्योंकि ये दो या दो से अधिक व्यंजनों के मेल से बने होते हैं ।
वर्ण का दूसरा नाम क्या है?
वर्ण ( Varn ) का दूसरा नाम अक्षर है। अक्षर शब्द का अर्थ ही होता है- अनाशवान। अतः वर्ण अखण्ड मूल ध्वनि का नाम है। वह किसी शब्द का वह खण्ड है, जिसे खण्ड-खण्ड नहीं किया जा सकता, जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता।
हिंदी वर्णमाला में वर्णों की संख्या कितनी होती है? या वर्णमाला में कुल कितने वर्ण होते हैं?
- व्यंजन क्रम (कुल -33):
- क वर्ग: क, ख, ग, घ, ङ
- च वर्ग: च, छ, ज, झ, ञ
- ट वर्ग: ट, ठ, ड, ढ, ण
- त वर्ग: त, थ, द, ध, न
- प वर्ग: प, फ, ब, भ, म
- अंतःस्थ: य, र, ल, व
- ऊष्म: श, ष, स, ह,
हिंदी व्याकरण में “वर्णमाला”
हिंदी व्याकरण में “वर्णमाला” एक शब्दों का समूह होता है, जो हिंदी भाषा में उपयोग होने वाले वर्णों की क्रमशः व्यवस्थित सूची होती है। वर्णमाला में कुल ५२ वर्ण होते हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: स्वर, व्यंजन और संयुक्त वर्ण। स्वर वर्ण हिंदी में १३ होते हैं, व्यंजन वर्ण ३३ होते हैं और संयुक्त वर्ण ६ होते हैं।
हिंदी में वर्ण का भेद पुनः समझे ?
हिंदी व्याकरण में वर्ण का अर्थ होता है जो ध्वनि के सबसे छोटे भाग होते हैं। हिंदी वर्णों को तीन भेदों में विभाजित किया जा सकता है।
स्वर: हिंदी वर्णों में स्वर को वह वर्ण कहा जाता है जो ध्वनि को निकालते हुए मुख के द्वारा निकाला जाता है, जैसे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ। स्वरों को तीन भेदों में विभाजित किया जा सकता है: स्वरादि, दीर्घ स्वर और स्वरित व्यंजन।
व्यंजन: हिंदी वर्णों में व्यंजन को वह वर्ण कहा जाता है जो मुख के द्वारा निकाले जाने वाले ध्वनियों में से एक होता है, जैसे क, ख, ग, घ, च, छ, ज, झ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ, य, र, ल, व, श, ष, स, ह।
संयुक्त वर्ण: संयुक्त वर्ण हिंदी वर्णों का तीसरा भेद होता है जिसमें दो व्यंजन वर्णों को मिलाकर एक नया वर्ण बनाया जाता है। जैसे क्ष, त्र, ज्ञ, श्र, ण्ड।
वर्ण का रिवीजन
- अल्पस्वर: अ
- महाप्राण वर्ण: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ॠ
- अनुनासिक वर्ण: अं, अः
- स्वर: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
- संयुक्त वर्ण: क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
- शुद्ध वर्ण: क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह
- अस्पष्ट वर्ण: अँ, अः, अ़
- वर्णमाला: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, अं, अः, ं, ः, ँ, ़, क्ष, त्र, ज्ञ, श्र