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हिंदी व्याकरण | मे, में व मैं इन तीनों में क्या अंतर है ?

में व मैं में क्या अंतर है

“में” और “मैं” दोनों हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाले शब्द हैं।

“में” शब्द का उपयोग किसी स्थान, समय, स्थिति, स्थान का विवरण आदि के बताने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से वाक्यों को संयोजित किया जाता है और उन्हें व्याकरण में सरल बनाया जाता है। उदाहरण के लिए – “मैं भारत में रहता हूं।”

वहीं, “मैं” शब्द व्यक्ति को बताने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह वर्ण वाक्य के सबसे पहले में होता है। उदाहरण के लिए – “मैं खुश हूँ।”

इसलिए, “में” शब्द का उपयोग स्थान, समय और स्थिति का विवरण करने के लिए किया जाता है जबकि “मैं” शब्द व्यक्ति को बताने के लिए प्रयोग किया जाता है।

थोड़ा ओर समझते है।

में हिन्दी भाषा का व्यंजन वर्ण कहलाता है। मे और में दोनों के बीच में क्या अंतर है,इसे हम इस प्रकार देखते है।

  • मे और में दोनों में पहला अंतर तो यह है कि मे के उपर कोई अनुस्वार (बिन्दु) नहीं है और में के उपर अनुस्वार है, जिसके कारण दोनों वर्णों का मतलब ही अलग हो जाता है।
  • मे और में इन दोनों में अंतर यह है कि में का प्रयोग हिन्दी में हम इंग्लिश के To (preposition) अक्षर की तरह करते हैं। में एक वाक्य को पूरा करने के लिए संज्ञा या सर्वनाम के साथ किसी वाक्य को पूरा करने के लिए संबंध सूचक का काम करता है। जैसे :-
    • १) सवर्णों को हर क्षेत्र [में] दस प्रतिशत आरक्षण मिलने का फैसला एक ऐतिहासिक फैसला है।
    • २) किसान खेत [में] काम करता है।
    • ३) मुझे व्याकरण संबंधी उत्तर लिखने [ में] खुशी होती है।
  • मे के उपर कोई अनुस्वार नहीं है तो इसका कोई मतलब नहीं होता है। इसे यूँ ही प्रयोग नहीं किया जा सकता है। मेरा, मेरी, मेरे जैसे शब्दों को लिखने के लिए मे का प्रयोग होता है। मे के साथ जब तक दूसरा शब्द नहीं जोड़ा जाता तब तक इसका कोई मतलब नहीं होता है

आगे बढ़ते है?

मैं  — (Self)
में — (Inside)

अक्सर देखने में आता है कि जब हिन्दी लिखते हैं तब कुछ शब्दों को लेकर confuse हो जाते हैं कि वहाँ उस स्थान पर किस शब्द का प्रयोग किया जाए | कुछ ऐसे शब्द होते हैं जो देखने में एक जैसे होते है परन्तु उनका अर्थ भिन्न होता है | इसी संधर्भ में सबसे पहले हम “मैं” और “में” का अन्तर समझेंगे।

  1. मैं खाना खाता हूँ |
  2. वह बस में जाता है |

पहले वाक्य में ‘मैं’ कर्ता (subject) है, अर्थ कर्ता से है अर्थार्त मेरे द्वारा खाना खाने का कार्य किया जा रहा है | जबकि दुसरे वाक्य में ‘में’ शब्द का प्रयोग किया गया है क्योंकि यहाँ उसके द्वारा बस के माध्यम से जाया जा रहा है | अर्थात यहाँ ‘में’ से तात्पर्य अंदर (inside) से है |

अब हम एक अन्य उद्धरण द्वारा इसे समझने का प्रयास करेंगे —-

मैं कक्षा में बैठा हूँ |
उप्पर दिए गए वाक्य में ‘मैं’ कर्ता के रूप  में प्रयुक्त हुआ है जबकि में से तात्पर्य कक्षा के अंदर (Inside the class) से है |