न्यायाधीश दीपक दुबे ने नाबालिग पुत्री से बलात्कार करने के एक मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी को अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई। यह वाकया पॉक्सो कोर्ट मेंदिनांक 12 अक्टूबर 2023 को घटित हुआ।
अनुज बधू भगिनी सुत नारी।
सुनु सठ कन्या सम ए चारी ।।
इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई।
ताहि बधे कछु पाप न होई ।।
भावार्थ –
छोटे भाई की स्त्री, बहन, पुत्र की पत्नी, यह सभी कन्या के समान हैं। इनको जो कोई बुरी दृष्टि से देखता है, उसे मारने में कोई पाप नहीं होता।
न्यायाधीश द्वारा प्रेरणास्पद संदेश
आदेश में लिखा गया- कोर्ट होनहार बेटी को संदेश देना चाहती है। हमारी बिटिया रानी तुम होनहार खिलाड़ी हो। विपरीत परिस्थितियों में साहस व धैर्य के साथ लड़ना और विजयी होना तो तुम्हारे खून में है। चलो उठो काली अंधेरी रात गुजर चुकी है। आशाओं का सूरज नई किरण के साथ तुम्हें बुला रहा है। आगे बढो, थाम लो अपनी खुशहाल जिंदगी का दामन और आशाओं के उन्मुक्त आसमान में उड़कर अपने सपनों को साकार करो।