राइजिंग राजस्थान प्री-समिट: शासन सचिव स्कूल शिक्षा ने तैयारियों की समीक्षा कर आयोजन को सफल बनाने के दिए निर्देश

राइजिंग राजस्थान प्री-समिट: शासन सचिव स्कूल शिक्षा ने तैयारियों की समीक्षा कर आयोजन को सफल बनाने के दिए निर्देश

24 अक्टूबर 2024 को जयपुर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, राजस्थान की विद्यालय शिक्षा के सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने राइजिंग राजस्थान प्री-समिट की तैयारियों की समीक्षा की। यह प्री-समिट 6 नवम्बर को आयोजित किया जाना है, जिसका उद्देश्य विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद और सहयोग का एक प्रभावी प्लेटफार्म तैयार करना है। यह पहल राजस्थान को शैक्षणिक और विकासात्मक उत्कृष्टता की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

जयपुर में ऊर्जा का माहौल

बैठक में, श्री कृष्ण कुणाल ने अधिकारियों के साथ मिलकर आयोजन की व्यवस्थाओं पर चर्चा की और प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने के लिए विभिन्न सुझावों को ध्यान में रखा। इस समय, राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और दृष्टिकोण विकसित होते दिखाई दे रहे हैं। राइजिंग राजस्थान प्री-समिट उन तमाम प्रयासों का हिस्सा है जो हमारे शिक्षा तंत्र को और मजबूत बनाने में सहायक हैं।

खेल और शिक्षा का अंतर्संबंध

बैठक में खेल और युवा मामलों के सचिव श्री नीरज के पवन ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण और संसाधनों की उपलब्धता हेतु सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। खेल और शिक्षा का यह युग्म एक ऐसे वातावरण का निर्माण करता है जहां युवा और निपुण खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया जा सके। यह स्पष्ट है कि शिक्षा के क्षेत्र में सफलता और एक मजबूत शैक्षणिक आधार पर निर्भर करती है।

शैक्षणिक क्षेत्र में प्रमुख व्यक्तियों की भागीदारी

राजस्थान शैक्षिक परिषद के राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त श्री अविचल चतुर्वेदी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आशीष मोदी, और निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री सीताराम जाट सहित कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने इस बैठक में भाग लिया। उनकी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि आगामी सममेलन की सफलता के लिए सहयोग की भावना कितनी महत्वपूर्ण होती है। यह सब लोग राज्य की व्यापक शिक्षा नीतियों के लक्ष्यों के साथ शिक्षा पहल को संरेखित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

राइजिंग राजस्थान की पहल

राइजिंग राजस्थान की यह पहल केवल एक आयोजन नहीं है; यह राज्य की शिक्षा के भविष्य की परिवर्तनकारी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करती है। यह summit प्रगतिशील विचारों, नवीनतम प्रथाओं, और सुधारों के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगी, जिससे राजस्थान को भारत में शैक्षणिक उत्कृष्टता का एक प्रकाश स्तंभ बनाया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का विश्लेषण एक महत्वपूर्ण विषय रहा। NEP ने शिक्षा के लिए एक नए सिद्धांत को स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों का समग्र विकास करना है। केवल शैक्षणिक योग्यता को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल और सामाजिक जिम्मेदारी के विचार का भी समर्थन करना शामिल है। राजस्थान इस नीति का लाभ उठाकर अपनी शैक्षणिक पेशकश को और मजबूत बनाने के लिए तैयार है।

मातृभाषा का महत्व

बैठक में शिक्षा में स्थानीय भाषाओं के महत्व पर भी व्यापक चर्चा हुई। मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करना न केवल सीखने के अनुभव को समृद्ध करता है, बल्कि समझ को भी बेहतर बनाता है और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करता है। श्री कृष्ण कुणाल ने प्री-प्राइमरी शिक्षा में मातृभाषा की प्राथमिकता के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह बच्चों के बौद्धिक और सांस्कृतिक विकास के लिए अनिवार्य है।

विभागीय समन्वय का महत्व

राइजिंग राजस्थान प्री-समिट की सफलता के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है। बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि प्रत्येक विभाग के अधिकारियों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी से योजना बनानी होगी कि प्री-समिट में भाग लेने वाले व्यक्तियों के लिए एक संपूर्ण अनुभव तैयार किया जा सके।

समुदाय की भागीदारी

जब समुदाय और हितधारकों की आवाजें सुनी जाती हैं, तो विश्वास का निर्माण होता है। अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद करने से ढांचे की एक समर्पित भावना का निर्माण होता है। प्री-समिट के माध्यम से विचारों का आदान-प्रदान किया जाएग, जिससे राजस्थान की शिक्षा को और उत्कृष्टता की ओर ले जाया जा सकेगा।

शिक्षा के समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण

यह सहयोग एक समावेशी शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां हर बच्चे को उनकी पृष्ठभूमि या भौगोलिक स्थिति की परवाह किए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। तकनीकी नवाचारों के साथ, यह पहल उन सभी चुनौतियों का सामना करने का प्रयास कर रही है जो राजस्थान के शिक्षा क्षेत्र में चुनौती के रूप में उपस्थित हैं।

खेल को शिक्षा में शामिल करना

शिक्षा में खेल को एक महत्वपूर्ण पहलू समझते हुए, श्री कृष्ण कुणाल ने निपुण छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने के महत्व पर बल दिया। खेल और शिक्षा का जुड़ाव बच्चों को टीम वर्क, नेतृत्व और सहनशीलता जैसे महत्वपूर्ण कौशल सीखने का अवसर प्रदान करता है।

समग्र शिक्षा प्रणाली में सुधार

बैठक में चर्चा के दौरान यह दर्शाया गया कि राइजिंग राजस्थान नीति केवल बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को नहीं बढ़ाती, बल्कि यह एक साक्षरता और सामाजिक विकास की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया भी है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, ताकि वे अपनी सही पोटेंशियल तक पहुँच सकें।

योजना की सफलता की कुंजी

बैठक में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। राइजिंग राजस्थान प्री-समिट की तैयारियों के दौरान, यह स्पष्ट होता है कि राज्य की प्रतिबद्धता एक ऐसा वातावरण निर्माण करना है, जहां हर बच्चे को सक्षम बनाने का मौका मिले।

आगामी चुनौतियों का सामना

प्री-समिट की तारीख नजदीक आने के साथ ही आयोजन की योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सभी विभागों द्वारा की गई तैयारी और उनके सामूहिक प्रयासों के परिणामस्वरूप इस आयोजन को अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होनी चाहिए। राजस्थान शिक्षा विभाग के इस कदम से यह न केवल एक सफल आयोजन बनने की संभावना है, बल्कि यह राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम स्थापित करेगा।

निष्कर्ष

राइजिंग राजस्थान प्री-समिट शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और सकारात्मक बदलाव लाने का एक सुनहरा अवसर है। सभी संबंधित विभागों और हितधारकों का सहयोग इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस प्रकार, यह पहल न केवल राजस्थान में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कार्यरत है, बल्कि यह विभिन्न पहलुओं में इसे नया आकार देने की दिशा में एक उत्साहवर्धक कदम भी है।

आगे पढ़ने के लिए स्रोत

इस तरह, राइजिंग राजस्थान प्री-समिट एक नया आयाम स्थापित करने की दिशा में पूरे राज्य को प्रेरित करेगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुनहरा मार्ग प्रशस्त करेगा।

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