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लोक अभियोजक कौन होता है? इनकी शक्तियों को संक्षेप में बताए?

एक लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक स्टेट की ओर से ट्रायल में पेश होने वाला वकील होता है। उसका मुख्य कार्य स्टेट की ओर से अदालत में अभियोजन कार्यवाही को संचालित करना होता है। एक लोक अभियोजक, स्टेट की तरफ से क्रिमिनल अपील, रीविजन एवं सत्र न्यायालय या हाई कोर्ट में अन्य ऐसे मामलों में उपस्थित होता है।

लोक अभियोजक न्याय के प्रशासन में सहायता करने वाला न्यायालय का एक अधिकारी होता है। इस तथ्य से स्पष्ट है कि लोक अभियोजक का मुख्य कर्तव्य मामले के तथ्यों का पता लगाने में अदालत की मदद करना है। लोक अभियोजक को निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए। उसे न्यायाधीश के निर्देश पर कार्य करना चाहिए। उसे आरोपी की सजा पर किसी हाल विश्वास नहीं करना चाहिए। किसी भी लोक अभियोजन के मार्गदर्शक सिद्धांत समानता, न्याय और अच्छा विवेक होना चाहिए।

लोक अभियोजक की शक्तियां 

– किसी मामले के प्रभारी लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक किसी भी अदालत के समक्ष, बिना किसी लिखित अधिकार के उपस्थित हो सकते हैं और उस मामले की याचना कर सकते हैं जो पूछताछ, परीक्षण या अपील के अधीन है (देखें सेक्शन 301 दण्ड प्रक्रिया संहिता)।

– लोक अभियोजक या किसी मामले के प्रभारी लोक अभियोजक, न्यायालय की सहमति से, किसी भी समय मामले में निर्णय सुनाए जाने से पहले, किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अभियोजन को वापस ले सकते हैं। यह वापसी या तो आम तौर पर पूरे मामले के लिए हो सकती है, या उस अभियुक्त के खिलाफ किसी ख़ास अपराध से सम्बंधित हो सकती है।

कार्य (फंक्शन)

लोक अभियोजक के कार्य उनके पदनाम (डिजिग्नेशन) के अनुसार भिन्न होते हैं।

  • लोक अभियोजक- सत्र न्यायालय (सेशन कोर्ट) और उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा प्रयोग किए जाने वाले कार्यों का पर्यवेक्षण (सुपरवाइज़) करना।
  • मुख्य अभियोजक (चीफ प्रॉसिक्यूटर)- मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में सहायक लोक अभियोजक द्वारा किए गए कार्यों का पर्यवेक्षण।
  • अतिरिक्त अभियोजक (एडिशनल प्रॉसिक्यूटर)- सत्र न्यायालय में आपराधिक कार्यवाही करना।
  • सहायक लोक अभियोजक (असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर)- वे एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए चार्जशीट की जांच करते हैं और बरी या डिस्चार्ज जमा करते हैं। वे सबूतों के मूल्यांकन (इवैल्यूएशन) और संशोधन याचिका दायर (फाइलिंग रिवीजन पिटीशन) करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। वे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आपराधिक कार्यवाही भी करते हैं।
  • अभियोजन निदेशक (डायरेक्टर ऑफ़ प्रॉसिक्यूटर)- यह प्रधान कार्यालय (हेड ऑफिस) है। वे निदेशालय के अधिकारियों (ऑफिसर्स ऑफ़ डायरेक्टरेट) के सारे नियंत्रण और पर्यवेक्षण का प्रयोग करते हैं। वे खाता शाखाओं (अकाउंट ब्रांचेस) की भी देखभाल करते हैं।