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A brief introduction introduction of English Grammar in Hindi (अंग्रेजी व्याकरण का परिचय हिंदी में)

अंग्रेजी व्याकरण का परिचय हिंदी में

अंग्रेजी व्याकरण अंग्रेजी भाषा के उस ढांचे को समझने की कला है जिसके अनुसार शब्दों को व्यवस्थित कर वाक्य बनाये जाते हैं। इसमें वाक्यों की रचना, शब्दों के प्रकार, और ग्रामर के नियमों की पहचान शामिल है। अंग्रेजी व्याकरण में मुख्यतः निम्नलिखित भाग होते हैं:

  • संज्ञा (Nouns): व्यक्ति, स्थान, या वस्तु का नाम।
  • क्रिया (Verbs): किसी कार्य या स्थिति का वर्णन।
  • विशेषण (Adjectives): संज्ञा की विशेषता बताने वाले शब्द।
  • क्रियाविशेषण (Adverbs): क्रिया, विशेषण, या अन्य क्रियाविशेषण की विशेषता बताने वाले शब्द।
  • सर्वनाम (Pronouns): संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्द।
  • पूर्वसर्ग (Prepositions) और संयोजक (Conjunctions): शब्दों या वाक्यांशों को जोड़ने वाले शब्द।
  • विराम चिह्न (Punctuation): वाक्यों में अर्थ स्पष्ट करने और विचारों को विभाजित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले चिह्न।

अंग्रेजी व्याकरण का ज्ञान हमें सही और प्रभावी ढंग से अंग्रेजी लिखने और बोलने में मदद करता है। यह भाषा के सही उपयोग को समझने और अन्य लोगों के साथ सटीक संवाद स्थापित करने का आधार है।

अंग्रेजी व्याकरण (English Grammar) अंग्रेजी भाषा के व्याकरणिक संरचना का अध्ययन है, जिसमें शब्दों के उपयोग, वाक्य निर्माण, विराम चिह्नों का प्रयोग, और भाषा के अन्य पहलुओं की समझ शामिल है। अंग्रेजी व्याकरण में मुख्य रूप से निम्नलिखित अवयव होते हैं:

  1. शब्द (Words): अंग्रेजी व्याकरण में शब्दों को विभिन्न भागों में विभाजित किया गया है, जैसे कि संज्ञा (Nouns), क्रिया (Verbs), विशेषण (Adjectives), क्रिया विशेषण (Adverbs), सर्वनाम (Pronouns), पूर्वसर्ग (Prepositions), संयोजक (Conjunctions), और विस्मयादिबोधक (Interjections)।
  2. वाक्य निर्माण (Sentence Structure): यह बताता है कि कैसे विभिन्न शब्दों को एक सार्थक वाक्य में जोड़ा जाता है। इसमें सरल वाक्य (Simple Sentences), संयुक्त वाक्य (Compound Sentences), और जटिल वाक्य (Complex Sentences) शामिल हैं।
  3. काल (Tenses): अंग्रेजी भाषा में समय को व्यक्त करने के लिए काल का प्रयोग किया जाता है। इसमें वर्तमान काल (Present Tense), भूतकाल (Past Tense), और भविष्यत काल (Future Tense) शामिल हैं।
  4. वाच्य (Voice): वाक्य में क्रिया के उपयोग को बताता है, जैसे कि सक्रिय वाच्य (Active Voice) और निष्क्रिय वाच्य (Passive Voice)।
  5. विराम चिह्न (Punctuation): विराम चिह्नों का उपयोग वाक्यों में अर्थ स्पष्ट करने, वाक्यांशों को अलग करने, और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

अंग्रेजी व्याकरण के 10 मूल सिद्धांत

अंग्रेजी व्याकरण के 10 मूल सिद्धांत हैं जो अंग्रेजी भाषा को समझने और उपयोग करने के लिए आवश्यक हैं। ये सिद्धांत अंग्रेजी वाक्यों की संरचना, शब्दों के प्रकार और उनके उपयोग के बारे में बताते हैं।

1. सर्वनाम (Pronouns)

सर्वनाम शब्दों का उपयोग संज्ञाओं को बदलने के लिए किया जाता है। सर्वनाम दो प्रकार के होते हैं: व्यक्तिगत सर्वनाम और संबंधपरक सर्वनाम।

व्यक्तिगत सर्वनाम का उपयोग किसी व्यक्ति या चीज़ को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। व्यक्तिगत सर्वनाम के उदाहरण हैं:

  • I (मैं)
  • you (आप)
  • he (वह)
  • she (वह)
  • it (यह)
  • we (हम)
  • they (वे)

संबंधपरक सर्वनाम का उपयोग एक संज्ञा या वाक्यांश को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। संबंधपरक सर्वनाम के उदाहरण हैं:

  • who (जो)
  • whom (जिसे)
  • whose (जिसकी)
  • that (जो)
  • which (जो)

प्रश्नवाचक सर्वनाम का उपयोग एक प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है। प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण हैं:

  • who (कौन)
  • whom (किसे)
  • whose (किसका)
  • what (क्या)
  • where (कहाँ)
  • when (कब)
  • why (क्यों)

2. संज्ञा (Nouns)

संज्ञा शब्दों का उपयोग लोगों, स्थानों, चीजों या विचारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है। संज्ञा दो प्रकार के होते हैं: सामान्य संज्ञा और विशिष्ट संज्ञा।

सामान्य संज्ञा का उपयोग किसी भी व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। सामान्य संज्ञा के उदाहरण हैं:

  • person (व्यक्ति)
  • place (स्थान)
  • thing (चीज़)
  • idea (विचार)

विशिष्ट संज्ञा का उपयोग एक विशिष्ट व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। विशिष्ट संज्ञा के उदाहरण हैं:

  • John (जॉन)
  • India (भारत)
  • table (मेज़)
  • freedom (स्वतंत्रता)

3. विशेषण (Adjectives)

विशेषण शब्दों का उपयोग संज्ञाओं की विशेषता बताने के लिए किया जाता है। विशेषण दो प्रकार के होते हैं: गुणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण।

गुणवाचक विशेषण का उपयोग संज्ञाओं की गुणवत्ता या स्थिति बताने के लिए किया जाता है। गुणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:

  • big (बड़ा)
  • small (छोटा)
  • old (पुराना)
  • new (नया)

4. क्रिया (Verbs)

परिमाणवाचक विशेषण का उपयोग संज्ञाओं की मात्रा या संख्या बताने के लिए किया जाता है। परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:

  • many (बहुत)
  • few (थोड़ा)
  • one (एक)
  • two (दो)

क्रिया शब्दों का उपयोग कार्यों, घटनाओं या स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। क्रिया तीन प्रकार के होते हैं: क्रियाविशेषण, क्रियाविशेषण और सहायक क्रियाएं।

क्रियाविशेषण का उपयोग क्रियाओं की समय, क्रम या तरीका बताने के लिए किया जाता है। क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं:

  • quickly (जल्दी से)
  • slowly (धीरे से)
  • first (पहले)
  • last (अंत में)

क्रियाविशेषण का उपयोग क्रियाओं की तीव्रता या प्रभाव बताने के लिए किया जाता है। क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं:

  • very (बहुत)
  • really (सच में)
  • quite (काफी)
  • rather (थोड़ा)

सहायक क्रियाएं का उपयोग क्रियाओं के अर्थ को बदलने या स्पष्ट करने के लिए किया जाता है। सहायक क्रियाओं के उदाहरण हैं:

  • do (करता है)
  • be (है

5. क्रियाविशेषण (Adverbs)

क्रियाविशेषण शब्दों का उपयोग क्रियाओं, विशेषणों या अन्य क्रियाविशेषणों की विशेषता बताने के लिए किया जाता है। क्रियाविशेषण चार प्रकार के होते हैं: स्थानवाचक विशेषण, कालवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण और प्रकारवाचक विशेषण।

स्थानवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं या वस्तुओं की स्थिति या दिशा बताने के लिए किया जाता है। स्थानवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:

  • here (यहाँ)
  • there (वहाँ)
  • up (ऊपर)
  • down (नीचे)

कालवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं के समय को बताने के लिए किया जाता है। कालवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:

  • now (अभी)
  • then (फिर)
  • soon (जल्द ही)
  • later (बाद में)

परिमाणवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं, विशेषणों या अन्य क्रियाविशेषणों की मात्रा या संख्या बताने के लिए किया जाता है। परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:

  • very (बहुत)
  • really (सच में)
  • quite (काफी)
  • rather (थोड़ा)

प्रकारवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं, विशेषणों या अन्य क्रियाविशेषणों की गुणवत्ता या स्थिति बताने के लिए किया जाता है। प्रकारवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:

  • well (अच्छी तरह से)
  • badly (बुरी तरह से)
  • quickly (जल्दी से)
  • slowly (धीरे से)

6. अव्यय (Prepositions)

अव्यय शब्दों का उपयोग अन्य शब्दों के बीच संबंध दिखाने के लिए किया जाता है। अव्यय चार प्रकार के होते हैं: स्थानवाचक अव्यय, कालवाचक अव्यय, कारणवाचक अव्यय और उद्देश्यवाचक अव्यय।

स्थानवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं या वस्तुओं की स्थिति या दिशा बताने के लिए किया जाता है। स्थानवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:

  • in (में)
  • on (पर)
  • under (नीचे)
  • behind (पीछे)

कालवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं के समय को बताने के लिए किया जाता है। कालवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:

  • after (बाद में)
  • before (पहले)
  • during (दौरान)
  • since (जब से)

कारणवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं के कारण को बताने के लिए किया जाता है। कारणवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:

  • because (क्योंकि)
  • since (क्योंकि)
  • for (के लिए)

उद्देश्यवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं के उद्देश्य को बताने के लिए किया जाता है। उद्देश्यवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:

  • to (के लिए)
  • for (के लिए)
  • from (से)

7. संबंधवाचक शब्द (Conjunctions)

संबंधवाचक शब्दों का उपयोग दो या दो से अधिक शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है। संबंधवाचक शब्द तीन प्रकार के होते हैं: संयोजक, वियोजनवाचक और पूरकवाचक।

संयोजक का उपयोग दो समान प्रकार के शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है। संयोजक के उदाहरण हैं:

  • and (और)
  • but (लेकिन)
  • or (या)
  • so (इसलिए)

वियोजनवाचक का उपयोग दो विपरीत प्रकार के शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है। वियोजनवाचक के उदाहरण हैं:

  • either/or (या तो/या)
  • neither/nor (न तो/न)
  • both/and (दोनों/और)

पूरकवाचक का उपयोग दो वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है, जिसमें एक वाक्य दूसरे वाक्य के एक भाग को पूरा करता है। पूरकवाचक के उदाहरण हैं:

  • that (कि)
  • because (क्योंकि)

8. अर्थवाचक शब्द (Articles)

अर्थवाचक शब्दों का उपयोग संज्ञाओं को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। अर्थवाचक शब्द दो प्रकार के होते हैं: निश्चित लेख और अनिश्चित लेख।

निश्चित लेख का उपयोग एक विशिष्ट व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। निश्चित लेख के उदाहरण हैं:

  • the (यह)

अनिश्चित लेख का उपयोग किसी भी व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। अनिश्चित लेख के उदाहरण हैं:

  • a (एक)
  • an (एक)

9. शब्द क्रम (Word Order)

अंग्रेजी में, शब्दों का क्रम वाक्य का अर्थ निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामान्य तौर पर, अंग्रेजी वाक्यों में विषय, क्रिया और वस्तु की व्यवस्था होती है।

विषय वह व्यक्ति या चीज़ है जो क्रिया को करता है। क्रिया वह कार्य है जो विषय करता है। वस्तु वह व्यक्ति या चीज़ है जिस पर क्रिया की जाती है।

उदाहरण:

  • Subject Verb Object
  • The dog chases the cat.

10. वर्तनी (Spelling)

अंग्रेजी वर्तनी जटिल और अनियमित हो सकती है। अंग्रेजी वर्तनी सीखने के लिए नियमों और अपवादों का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है।

अंग्रेजी व्याकरण के इन 10 मूल सिद्धांतों को समझने से आपको अंग्रेजी भाषा को बेहतर ढंग से समझने और उपयोग करने में मदद मिलेगी।

यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको अंग्रेजी व्याकरण सीखने में मदद कर सकते हैं:

  • नियमों का अभ्यास करें। अंग्रेजी व्याकरण के नियमों का अभ्यास करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्हें बार-बार लिखें और पढ़ें। आप व्याकरण अभ्यास पुस्तकों या ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
  • अंग्रेजी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग करें। जितना अधिक आप अंग्रेजी भाषा का उपयोग करेंगे, उतना ही बेहतर आप इसे समझेंगे। अंग्रेजी फिल्में और टीवी शो देखें, अंग्रेजी संगीत सुनें, अंग्रेजी भाषा के पाठ पढ़ें और अंग्रेजी भाषी लोगों से बात करें।
  • अपने शिक्षक या ट्यूटर से मदद लें। अगर आपको अंग्रेजी व्याकरण सीखने में कठिनाई हो रही है, तो अपने शिक्षक या ट्यूटर से मदद लें। वे आपको नियमों को समझने और अभ्यास करने में मदद कर सकते हैं।