अंग्रेजी व्याकरण अंग्रेजी भाषा के उस ढांचे को समझने की कला है जिसके अनुसार शब्दों को व्यवस्थित कर वाक्य बनाये जाते हैं। इसमें वाक्यों की रचना, शब्दों के प्रकार, और ग्रामर के नियमों की पहचान शामिल है। अंग्रेजी व्याकरण में मुख्यतः निम्नलिखित भाग होते हैं:
अंग्रेजी व्याकरण का ज्ञान हमें सही और प्रभावी ढंग से अंग्रेजी लिखने और बोलने में मदद करता है। यह भाषा के सही उपयोग को समझने और अन्य लोगों के साथ सटीक संवाद स्थापित करने का आधार है।
अंग्रेजी व्याकरण (English Grammar) अंग्रेजी भाषा के व्याकरणिक संरचना का अध्ययन है, जिसमें शब्दों के उपयोग, वाक्य निर्माण, विराम चिह्नों का प्रयोग, और भाषा के अन्य पहलुओं की समझ शामिल है। अंग्रेजी व्याकरण में मुख्य रूप से निम्नलिखित अवयव होते हैं:
अंग्रेजी व्याकरण के 10 मूल सिद्धांत
अंग्रेजी व्याकरण के 10 मूल सिद्धांत हैं जो अंग्रेजी भाषा को समझने और उपयोग करने के लिए आवश्यक हैं। ये सिद्धांत अंग्रेजी वाक्यों की संरचना, शब्दों के प्रकार और उनके उपयोग के बारे में बताते हैं।
1. सर्वनाम (Pronouns)
सर्वनाम शब्दों का उपयोग संज्ञाओं को बदलने के लिए किया जाता है। सर्वनाम दो प्रकार के होते हैं: व्यक्तिगत सर्वनाम और संबंधपरक सर्वनाम।
व्यक्तिगत सर्वनाम का उपयोग किसी व्यक्ति या चीज़ को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। व्यक्तिगत सर्वनाम के उदाहरण हैं:
संबंधपरक सर्वनाम का उपयोग एक संज्ञा या वाक्यांश को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। संबंधपरक सर्वनाम के उदाहरण हैं:
प्रश्नवाचक सर्वनाम का उपयोग एक प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है। प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण हैं:
2. संज्ञा (Nouns)
संज्ञा शब्दों का उपयोग लोगों, स्थानों, चीजों या विचारों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है। संज्ञा दो प्रकार के होते हैं: सामान्य संज्ञा और विशिष्ट संज्ञा।
सामान्य संज्ञा का उपयोग किसी भी व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। सामान्य संज्ञा के उदाहरण हैं:
विशिष्ट संज्ञा का उपयोग एक विशिष्ट व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। विशिष्ट संज्ञा के उदाहरण हैं:
3. विशेषण (Adjectives)
विशेषण शब्दों का उपयोग संज्ञाओं की विशेषता बताने के लिए किया जाता है। विशेषण दो प्रकार के होते हैं: गुणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण।
गुणवाचक विशेषण का उपयोग संज्ञाओं की गुणवत्ता या स्थिति बताने के लिए किया जाता है। गुणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:
4. क्रिया (Verbs)
परिमाणवाचक विशेषण का उपयोग संज्ञाओं की मात्रा या संख्या बताने के लिए किया जाता है। परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:
क्रिया शब्दों का उपयोग कार्यों, घटनाओं या स्थितियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। क्रिया तीन प्रकार के होते हैं: क्रियाविशेषण, क्रियाविशेषण और सहायक क्रियाएं।
क्रियाविशेषण का उपयोग क्रियाओं की समय, क्रम या तरीका बताने के लिए किया जाता है। क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं:
क्रियाविशेषण का उपयोग क्रियाओं की तीव्रता या प्रभाव बताने के लिए किया जाता है। क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं:
सहायक क्रियाएं का उपयोग क्रियाओं के अर्थ को बदलने या स्पष्ट करने के लिए किया जाता है। सहायक क्रियाओं के उदाहरण हैं:
5. क्रियाविशेषण (Adverbs)
क्रियाविशेषण शब्दों का उपयोग क्रियाओं, विशेषणों या अन्य क्रियाविशेषणों की विशेषता बताने के लिए किया जाता है। क्रियाविशेषण चार प्रकार के होते हैं: स्थानवाचक विशेषण, कालवाचक विशेषण, परिमाणवाचक विशेषण और प्रकारवाचक विशेषण।
स्थानवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं या वस्तुओं की स्थिति या दिशा बताने के लिए किया जाता है। स्थानवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:
कालवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं के समय को बताने के लिए किया जाता है। कालवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:
परिमाणवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं, विशेषणों या अन्य क्रियाविशेषणों की मात्रा या संख्या बताने के लिए किया जाता है। परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:
प्रकारवाचक विशेषण का उपयोग क्रियाओं, विशेषणों या अन्य क्रियाविशेषणों की गुणवत्ता या स्थिति बताने के लिए किया जाता है। प्रकारवाचक विशेषण के उदाहरण हैं:
6. अव्यय (Prepositions)
अव्यय शब्दों का उपयोग अन्य शब्दों के बीच संबंध दिखाने के लिए किया जाता है। अव्यय चार प्रकार के होते हैं: स्थानवाचक अव्यय, कालवाचक अव्यय, कारणवाचक अव्यय और उद्देश्यवाचक अव्यय।
स्थानवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं या वस्तुओं की स्थिति या दिशा बताने के लिए किया जाता है। स्थानवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:
कालवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं के समय को बताने के लिए किया जाता है। कालवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:
कारणवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं के कारण को बताने के लिए किया जाता है। कारणवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:
उद्देश्यवाचक अव्यय का उपयोग क्रियाओं के उद्देश्य को बताने के लिए किया जाता है। उद्देश्यवाचक अव्यय के उदाहरण हैं:
7. संबंधवाचक शब्द (Conjunctions)
संबंधवाचक शब्दों का उपयोग दो या दो से अधिक शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है। संबंधवाचक शब्द तीन प्रकार के होते हैं: संयोजक, वियोजनवाचक और पूरकवाचक।
संयोजक का उपयोग दो समान प्रकार के शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है। संयोजक के उदाहरण हैं:
वियोजनवाचक का उपयोग दो विपरीत प्रकार के शब्दों या वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है। वियोजनवाचक के उदाहरण हैं:
पूरकवाचक का उपयोग दो वाक्यों को जोड़ने के लिए किया जाता है, जिसमें एक वाक्य दूसरे वाक्य के एक भाग को पूरा करता है। पूरकवाचक के उदाहरण हैं:
8. अर्थवाचक शब्द (Articles)
अर्थवाचक शब्दों का उपयोग संज्ञाओं को परिभाषित करने के लिए किया जाता है। अर्थवाचक शब्द दो प्रकार के होते हैं: निश्चित लेख और अनिश्चित लेख।
निश्चित लेख का उपयोग एक विशिष्ट व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। निश्चित लेख के उदाहरण हैं:
अनिश्चित लेख का उपयोग किसी भी व्यक्ति, स्थान, चीज़ या विचार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। अनिश्चित लेख के उदाहरण हैं:
9. शब्द क्रम (Word Order)
अंग्रेजी में, शब्दों का क्रम वाक्य का अर्थ निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामान्य तौर पर, अंग्रेजी वाक्यों में विषय, क्रिया और वस्तु की व्यवस्था होती है।
विषय वह व्यक्ति या चीज़ है जो क्रिया को करता है। क्रिया वह कार्य है जो विषय करता है। वस्तु वह व्यक्ति या चीज़ है जिस पर क्रिया की जाती है।
उदाहरण:
10. वर्तनी (Spelling)
अंग्रेजी वर्तनी जटिल और अनियमित हो सकती है। अंग्रेजी वर्तनी सीखने के लिए नियमों और अपवादों का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है।
अंग्रेजी व्याकरण के इन 10 मूल सिद्धांतों को समझने से आपको अंग्रेजी भाषा को बेहतर ढंग से समझने और उपयोग करने में मदद मिलेगी।
यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको अंग्रेजी व्याकरण सीखने में मदद कर सकते हैं: