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मृत राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को शिक्षा विभाग में प्रदान की गई नियुक्ति

मृत राज्य कर्मचारियों के 20 आश्रितों को शिक्षा विभाग में आज नियुक्ति प्रदान की गई हैं।

राजस्थान सरकार के मृत राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम 1996 के अन्तर्गत कार्यालय निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर द्वारा अभ्यर्थियों का कनिष्ठ सहायक पद पर एवं 03 अभ्यर्थियों का सहायक कर्मचारी के पद पर कुल 20 अभ्यर्थियों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियमों के अन्तर्गत नियुक्ति हेतु अनुमोदन किया जाकर अभ्यर्थियों के नाम के सम्मुख अंकित जिलों में पदस्थापन हेतु जिला आवंटित किया है।

राज्य सरकार के मृतक आश्रितों में से कनिष्ठ सहायक / सहायक कर्मचारी के पद पर नियुक्ति / पदस्थापनआदेश जारी करने से पूर्व आवेदकों की शैक्षिक / प्रशैक्षिक संबंधी योग्यता के मूल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर उनकी वैधता एवं मान्यता आदि की पूर्ण जाँच करें एवं योग्यता के बारे में पात्रता रखने पर ही नियुक्ति आदेश जारी करे राज्य से बाहर की डिग्रियों / प्रमाण पत्र के सत्यापन / वैधता एवं मान्यता के संबंध में सावधानी पूर्वक प्रत्येक प्रकरण की जाँच नियुक्ति अधिकारी द्वारा की जाएगी।

मृत राज्य कर्मचारियों के परिवार का कोई भी सदस्य किसी सरकारी / केन्द्र / निगम बार्ड या उपक्रम में कार्य ग्रहण तिथि तक नियोजित नहीं है इस हेतु अनुकम्पात्मक नियमों के नियम 5 के अनुसार शपथ पत्रआश्रित से प्राप्त किया जाता है लेकिन यह नियम मृतक की पत्नी पर यह नियम लागू नहीं होता है।

इन कार्मिकों की नियुक्ति के बाद परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण (प्रोबेशन ट्रेनीज) की अवधि में फिक्स रेमुनरेशन के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार के भत्ते यथा मंहगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, शहरी क्षतिपूर्ति भत्ता मंहगाई वेतन (डीपी) विशेष वेतन, बोनस आदि देय नहीं होता है ।

मृत राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

एक जनवरी, 2016 से प्रभावी नए नियम

यह नियम 1 जनवरी 2016 से प्रभावी किए जाने से 2016 से 2019 तक जिन मृतक आश्रितों को अध्यापक की योग्यता होते हुए भी कनिष्ठ सहायक के पदों पर नियुक्तियां दे दी गई उन्हें अध्यापक पद पर पुनर्नियुक्त करने का निर्णय विभागाध्यक्ष को निर्णय लेना पड़ेगा। इन आदेशों के जारी होने से पूर्व बीएसटीसी व बीएड योग्यता रखते हुए भी मृत आश्रितों को अध्यापक पदों पर नियुक्तियां नहीं दी जा सकती थी। नियमों में संशोधन के बाद अब इसका रास्ता साफ हो गया है।

राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री महेंद्र पांडे ने राज्य सरकार का इस ओर ध्यान दिलाते हुए अभी हाल ही में ज्ञापन भेजकर मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णय की पालना में कार्मिक विभाग द्वारा शीघ्र आदेश जारी कराने की मांग की थी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संवेदनशील निर्णय

अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में मृत राज्य कर्मचारी के आश्रित को जल्द नियुक्ति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक संवेदनशील निर्णय किया था . उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति नियमों के उस प्रावधान को समाप्त करने के निर्देश दिया है, जिसके कारण मृत कार्मिक के मूल विभाग में पद रिक्त नहीं होने पर उसके आश्रित के आवेदन को दो साल तक के लिए लंबित रखा जाता था और दो साल बाद भी पद रिक्त नहीं होता था, तो किसी अन्य विभाग में नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू की जाती थी. इस नियम के कारण मृत राज्य कर्मचारी के आश्रित को नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ता था, क्योंकि जिस कर्मचारी की मृत्यु के कारण वह नियुक्ति चाहता था उसके मूल विभाग में पद रिक्त नहीं होता था.

सीएम गहलोत ने इस प्रावधान को समाप्त करने के साथ ही यह भी निर्देश दिया था कि मृत कर्मी के मूल विभाग में नियुक्ति योग्य पद रिक्त नहीं होने की स्थिति में उसके आश्रित को जल्द नियुक्ति देने के लिए आवेदन पत्र कार्मिक विभाग को अग्रेषित किया जाए. कार्मिक विभाग आवेदक की पात्रता के आधार पर किसी अन्य विभाग में रिक्त पद पर जल्द नियुक्ति देने की कार्यवाही करेगा.