मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढऩे आने वाले बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार ने योजना चलाई है। इसमें कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए 15 ग्राम पाउडर दूध से 150 मिलीलीटर दूध तथा कक्षा छह से आठ के बच्चों के लिए 20 ग्राम पाउडर दूध से 200 मिलीलीटर दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। विद्यार्थियों को स्कूल में प्रार्थना स्थल पर ही यह दूध पिलाया जाता है। बाल गोपाल योजना के तहत मिड-डे मील से जुड़े जिले के प्राइमरी विद्यालय,मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों पर राज्य सरकार की ओर से पाउडर वाला दूध उपलब्ध करवाया जाता है। पाउडर दूध राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फाउंडेशन से खरीदा जाता है।
योजना में सरकारी स्कूलों में सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को दूध पिलाया जाता था। लेकिन राजस्थान सरकार के मिड डे मिल योजना आयुक्त ने 27 जनवरी को आदेश जारी करके अब सप्ताह में दूध वितरण के लिए मंगलवार की जगह अब बुधवार और शुक्रवार का दिन निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना
Bal Gopal Yojana | Complete information of Rajasthan Chief Minister Bal Gopal Yojana 2022
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के प्रमुख बिंदु | Main points of Chief Minister Bal Gopal Yojana
- कक्षा 1-5 तक 15 ग्राम सूखा पाउडर से 150 ml दूध ओर चीनी 8.4 ग्राम प्रति विधार्थी।
- कक्षा 6-8 तक 20 ग्राम सूखा दूध 200 ml दूध ओर 10.2 ग्राम चीनी प्रति बालक।
- चीनी 45रू किलो के हिसाब से रूपये मिलेगे।
- सिलेंडर के लिए 1500 रू प्रति माह मिलेगे।
- 500 रू प्रति माह दूध गर्म करके पिलाने ओर बर्तन धोने वाले आदमी को मिलेगे किसी को भी लगा ले या कुक कम हेल्पर को रखकर उसको दे सकते है।
- मंगलवार, शुक्रवार को दूध पिलाना है छुटटी होने पर अगले दिन पिलाना है।
राजस्थान सरकार का ट्वीट जिसमें मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की जानकारी दी गई
“मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना” एवं “मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना” के शुभारम्भ समारोह के संबंध में ।


विद्यालयो में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना अंतर्गत छात्रों को दूध वितरण विभाग की आधिकारिक सूचना से पूर्व नही करने के निर्देश

बाल गोपाल योजना | Bal Gopal Yojana
- मिड डे मील योजनार्न्तगत जिले के सभी राजकीय विद्यालयों,मदरसो एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों के कक्षा 1 से 8 तक केछात्र – छात्राओं को पाउडर मिल्क से तैयार दूध सप्ताह मे दो बार उपलब्ध करवाया जायेगा ।
- मिड डे मील योजनान्तर्गत “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना को ” प्रारम्भ करने का प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र – छात्राओं के नामांकन, उपस्थिति मे वृद्धि, ड्रॉप आउट को रोकना एवं पोषण स्तर में वृद्धि, व आवश्यक मेक्रो व माइक्रों न्यूट्रिएन्ट्स उपलब्ध करवाना है ।
- इस योजना के अन्तर्गत पाउडर मिल्क का क्रय एवं आपूर्ति राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड (RCDF) के द्वारा किया जाना है
बाल गोपाल योजना के तहत विद्यार्थियों को देय दूध की मात्रा | Quantity of milk to students under Bal Gopal Yojana
कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को दूध निम्नलिखित मात्रा के अनुसार उपलब्ध करवाया जायेगा-

बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर वितरण | Milk powder distribution under Bal Gopal Yojana
- आयुक्तालय मिड डे मील द्वारा सभी जिलों में पाउडर मिल्क का आवंटन किया गया है ।
- राजस्थान को-ऑपरेटर डेयरी फेडरेशन लिमिटेड RCDF द्वारा आवंटन अनुसार पाउडर मिल्क की विद्यालयों तक डोर स्टेप डिलीवरी की जायेगी।
- प्रत्येक विद्यालय मे प्रार्थना सभा के तुरन्त पश्चात विद्यार्थियों को निम्नानुसार निर्धारित दो दिवस दूध उपलब्ध करवाया जायेगा। मंगलवार व शुक्रवार।
- उक्त निर्धारित दिवस को अवकाश होने की स्थिति मे अगले शैक्षणिक दिवस को दूध उपलब्ध कराया जायेगा ।
बच्चों को प्रतिदिन मिल्क पाउडर की आवश्यकता | Children need milk powder daily
कक्षा 1 से 5 तक 15 ग्राम प्रति छात्र की दर से 1 कि०ग्रा० मे 67 छात्र लाभान्वित होगे ।
कक्षा 6 से 8 तक 20 ग्राम प्रति छात्र की दर से 1 कि०ग्रा० मे 50 छात्र लाभन्वित होगे ।

बाल गोपाल योजना के तहत दूध की गुणवत्ता के मानक एवं मापन | Standards and measurement of milk quality under Bal Gopal Yojana
- पाउडर मिल्क में पोषक तत्वों की मात्रा RCDF द्वारा उपलब्ध कराकर पैकेट पर अंकित की जायेगी तथा पाउडर दूध बनाने की विधि भी पैकेट पर अंकित की जायेगी।
- दूध की गुणवत्ता का मापन RCDF एवं विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा। > विद्यार्थियों को दूध पिलाये जाने से पूर्व 1 अध्यापक व विद्यार्थी के अभिभावक / एस.एम.सी के सदस्य द्वारा पोषाहार की भांति दूध को चखा जायेगा तथा इसका रजिस्टर भी संधारित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना मिल्क पाउडर पैकेट | Chief Minister Bal Gopal Yojana Milk Powder Packet

मिड डे मील योजनान्तर्गत वसा रहित दूध पाउडर से दूध बनाने की विधि एवं सावधानियां क्या करें क्या नही करे? | Method and precautions for making milk from fat-free milk powder under the mid-day meal scheme, what to do and what not to do?
बाल गोपाल योजना के तहत दूध वितरण के समय क्या करें? | What to do at the time of distribution of milk under Bal Gopal Yojana?
- वसा रहित दूध पाउडर के बैग प्राप्त होते ही साफ सुखे सुरक्षायुक्त स्थान पर लकड़ी के पाटिये पर रखे । जो दुग्ध पाउडर बैग / पैकेट पहले प्राप्त हो उसका उपयोग पहले करें ।
- दूध तैयार करने के पूर्व दूध तैयार करने वाले व्यक्ति के हाथ साबून से धुलवाये तथा व्यक्ति धुले एवं साफ कपड़े पहने हो ।
- दूध बनाने तथा पीने हेतु उपयोग किये जाने वाले सभी बर्तनो को उपयोग से पूर्व एवं उपयोग के पश्चात अच्छी प्रकार सफाई करवाकर साफ सुखे स्थान पर उल्टा कर ढक कर रखे जाये
- दूध बनाने से पूर्व बच्चों की संख्या का सही निर्धारण करे
- जिससे आवश्यकता से अधिक दूध न बने । यदि पैकेट में दूध पाउडर बचता है तो पैकेट को अच्छी तरह से रबड बैण्ड से कस कर बन्द कर हवा बन्द साफ डिब्बे में ढक्कन लगाकर टाईट बन्द करें जिससे दुग्ध पैकेट में नमीयुक्त हवा प्रवेश नही कर सकें। इस बचे पैकेट को अगली बार अवश्य उपयोग करें
बाल गोपाल योजना के तहत दूध वितरण के समय क्या नही करें? | What not to do at the time of distribution of milk under Bal Gopal Yojana?
- दुग्ध पैकेट को नमीयुक्त तथा कीड़े मकोड़े, चींटी, कॉकरोच, छिपकली, चुहो इत्यादि की पहूंच वाली जगह न रखें।
- दूध निर्माण दिनांक से 12 माह के पश्चात (अनुशंसितउपभोग की अंतिम तारीख के पश्चात ) उपयोग न करे ।
- संक्रामक रोग या किसी प्रकार का व्यसन करने वाले व्यक्ति से दूध तैयार न कराये, ना ही ऐसे व्यक्ति को बच्चों को दूध वितरित करने के कार्य में लगायें ।
- बच्चो की संख्या बढने या उबले पानी को जल्दी ठण्डा करने हेतु उबले पानी में बिना उबला (कच्चा पानी) पानी नही मिलायें
- जिस चम्मच से दुग्ध पाउडर पैकेट से निकाला जा रहा हो, वह गीला नहीं करें। निर्धारित मात्रा से अधिक दूध किसी भी बच्चे को न दिया जाये ।
- काफी देर (एक घण्टे पश्चात ) तक रखे तरल दूध को उपयोग नही करें
- वसा रहित दूध पाउडर का उपयोग बच्चो को दूध प्रदाय के अतिरिक्त अन्य कही नही करें। किसी भी स्थिति में बच्चों को दुग्ध पाउडर खाने को न दे।
बाल गोपाल योजना के तहत दुग्ध पाउडर से दूध तैयार करने की विधि | Method of preparation of milk from milk powder under Bal Gopal Yojana
- पाउडर मिल्क से दूध तैयार करते समय पैकेट पर लिखी हुई विधि को ध्यान पूर्वक पढ़ें जिसके अनुसार सुरक्षा मानकों व स्वच्छता का ध्यान रखते हुए सर्वप्रथम पाउडर को हल्के गुनगुने स्वच्छ पानी में मिलाकर पेस्ट बनाना है फिर निर्धारित मात्रा अनुसार गर्म पानी में मिलाकर दूध बनाया जाना है जिससे तरल दूध में पाउडर की गांठे नही बने।
- दूध को गर्म करते समय चीनी मिलानी है ताकि चीनी अच्छी तरह से घुल सकें।
- दूध तैयार करने के लिये साफ पानी उपयोग में लिया जाना है।
- यदि किसी पैकेट में निर्धारित दिन दूध बनाने के पश्चात मिल्क पाउडर शेष रहता है तो उसे तुरन्त सील कर दिया जाये अथवा Air tight डिब्बे में रखा जावे इस हेतु 1 कि.लों के Air tight डिब्बे क्रय कर लिये जावे। जिससे उसमें नमी न जा पाये। अगले निर्धारित दिवस को सर्वप्रथम इस पैकेटको उपयोग में लिया जाये। एफ. आई.एफ.ओ. (First in first out) सिद्धान्त के अनुसार प्राप्त दूध पाउडर का दूध बनाने हेतु उपयोग में लिया जाना है।
- दूध बनाने वाले स्थान व आस पास किसी प्रकार के कीड़े मकोड़े, चींटी. कॉकरोच, छिपकली, चूहों इत्यादि न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे। दूध तैयार करने के पूर्व दूध तैयार करने वाले व्यक्ति के हाथ साबून से घुलवायें तथा व्यक्ति घुले एवं साफ कपड़े पहने हो इस व्यक्ति को किसी प्रकार की संक्रामक बीमारी नही होनी चाहिए तथा किसी प्रकार का व्यसन न करता हो. इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। .
- दूध बनाने से पूर्व बच्चों की संख्या का सही निर्धारण करें जिससे दूध व्यर्थ न हो।
- अब दूध पाउडर का एक पैकेट स्टील का साफ सुखे हुए दो स्टील भगोंने स्टील ढक्कन राहित, स्टील के दो बड़े चमचे, छलनी, स्टील की कैची, पानी उबालने का साधन एक लीटर तथा 50 ग्राम हेतु माप एक साफ स्थान पर निकाल कर रखें।
- दूध तैयार करने के लिए एक स्टील का साफ भगोना ले, भगोने में 10 लीटर स्वच्छ व छना हुआ पीने योग्य पानी उपलब्ध कराये गये एक लीटर माप से कर डाले। पानी को अब 3 मिनट तक उबाले और गुनगुना रहने तक ठण्डा करें। पानी को शीघ्र ठण्डा करने के लिए अथवा छात्रों की संख्या बढने पर उबले पानी में बिना उबला पानी नही मिलाये।
- इस गुनगुने पानी में एक साफ बड़ा चम्मच वसा रहित दूध पाउडर को घोलने के लिए डाले
- अब एक किलो ग्राम के दूध पाउडर के पैकेट के एक कोने को स्टील की कैची से काटकर पैकेट में दूसरे सुखे चम्मच को उपरी सतह तक दूध पाउडर से भरकर गुनगुने पानी में उपर से धीर-धीरे डाले तथा भगोने में पहले से रखे बड़े चम्मच की सहायता से तेजी से अच्छी तरह हिलाकर घोलते जाये दुग्ध पाउडर घोलते समय इस बात का ध्यान रखे कि तैयार किये जा रहे दूध में दुग्ध पाउडर की गठली नहीं पड़े तथा धीरे धीरे पूरा एक किलो ग्राम दूध पाउडर 10 लीटर पानी में उक्त विधि दौहराते हुए पूरी तरह घुल जाये।
- जिस समय दूध बनाया जा रहा हो उस समय इस बात का ध्यान रखे कि किसी भी प्रकार का कचरा दूध में न जा पाये तथा दूध पाउडर जिस बड़े चम्मच से गुनगुने पानी में डाला जा रहा है वह भी गीला नही होना चाहिए।
- इस प्रकार तैयार किये गये दूध को छलनी से एक साफ सुखे स्टील के भगोने में छानकर साफ स्टील के ढक कर रखे।
- विद्यार्थियों को प्रदाय किये जाने वाले वसा रहित दूध पाउडर की मात्रा निम्नानुसार रहेगी:- > प्राथमिक शाला के बच्चों को 15 ग्राम दूध पाउडर से जनित 150 मिली के माप से प्रति बच्चा । माध्यमिक शाला के बच्चों को 20 ग्राम दूध पाउडर से जनित 200 मिली के माप से प्रति बच्चा।
- उक्त निर्धारित मात्रा से अधिक दूध किसी भी विद्यार्थी को न दिया जाये इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये।
बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर का भण्डारण करने का तरीका | Method of storing milk powder under Bal Gopal Yojana
- दूध पाउडर के बैग को प्राप्त करने के बाद साफ सुखी सुरक्षायुक्त जगह जहां पर किसी प्रकार के कीड़े मकोड़े, चींटी, कॉकरोच, छिपकली, चुहो इत्यादि अन्य जीव-जन्तु प्रवेश न कर सकें, ऐसे स्थान पर लकडी के पाटिये पर भण्डारित करें तथा समय समय पर दूध पाउडर के बैग / पैकेट्स को निरीक्षण भी करते रहें।
- V जो दुग्ध पाउडर बैग / पैकेट पहले प्राप्त हो उसका उपयोग पहले करें तथा निर्माण दिनांक से 12 माह तक उसका उपयोग कर ले ।
- बरसात के मौसम में दुग्ध पाउडर के बैग / पैकेट को प्लास्टिक की शीट से ढक कर रखे।
बाल गोपाल योजना हेतु की जाने वाली आवश्यक व्यवस्थायें | Necessary arrangements to be made for Bal Gopal Yojana
बर्तन:
- नवीन विद्यालयों/ डीमर्ज विद्यालयों में दूध वितरण की सुगम व्यवस्था हेतु प्रत्येक विद्यालय को दूध गर्म करने के लिए एक 18 गेज का स्टेनलेस स्टील का भगोना (20 लीटर, 30 लीटर, 40 लीटर) नामांकन के अनुसार, एक 20 लीटर की स्टेनलेस स्टील टोंटी युक्त टंकी, एक जग, पलटा एवं अन्य आवश्यक बर्तनों, गैस चूल्हे (ISI मार्क) की व्यवस्था नामांकन के अनुसार करनी होगी। उक्त आवश्यक बर्तन क्रय किये जाने हेतु अधिकतम राशि रू. 15000 /- आवंटित किये जायेंगे।
- गिलास क्रय हेतु प्रति विद्यार्थी राशि रू. 40/- की दर से अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराईबजायेगी।
- वर्तन, गिलास इत्यादि की खरीद में राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 एवं नियम 2013 के प्रावधानों का ध्यान रखा जायें।
- विद्यालयों में आवश्यक बर्तन (भगोने, गिलास, गैस चूल्हा आदि) की उपलब्धता होने की
- स्थिति में राशि आवंटित नही की जावें। जिन विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के कारण गिलास एवं अन्य बर्तन क्रय हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर राशि उपलब्ध कराई जायें। जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारंभिक शिक्षा के द्वारा नामांकन के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में बर्तन क्रय हेतु योजनान्तर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति के खातों में राशि का हस्तातरण की जायेगी NGO/AMSS से संबंधित विद्यालयों में विद्यालय स्तर पर ही बर्तन
- ‘विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा क्रय किये जायेंगे।
- बर्तन मद मांग पत्र 02 दिवस मे जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक में भिजवाया जाना सुनिश्चित करे।
ईधन व्यवस्था
- मिड डे मील योजनान्तर्गत विद्यालयों में दूध गर्म करने के सिलेण्डर की व्यवस्था के लिये राशि रू. 1500/- प्रतिमाह की दर से राशि उपलब्ध कराई जायेगी। गैस सिलेण्डर एवं चूल्हा अधिकांश विद्यालयों में उपलब्ध है। नवीन विद्यालय / डीमर्ज विद्यालयों में गैस सिलेण्डर एवं चूल्हा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में तुरन्त व्यवस्था की जाये।
- दूध गर्म करने एवं विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था :- मिड डे मील योजनान्तर्गत समस्त विद्यालयों (SMC/NGO/AMSS) में दूध तैयार कर गर्म करने, विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने, बर्तनों की साफ-सफाई के लिये SMC द्वारा जहां कुक कम हेल्पर न हो वहा पर एक व्यक्ति की सेवाऐं ली जा सकती है। उक्त व्यक्ति को राशि रू. 500/- रू. प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जायेगा।
चीनी
विद्यार्थियों को उपलब्ध कराये जाने वाले दूध में कक्षा 1 से 5 के प्रत्येक विद्यार्थी को 8.4 ग्राम एवं कक्षा 6 से 8 के प्रत्येक विद्यार्थी को 10.2 ग्राम चीनी मिलाकर उपलब्ध कराया जायेगा। विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा चीनी स्थानीय बाजार से वास्तविक दर (अधिकतम राशि रू. 45/- प्रति किलोग्राम के अधीन ) के अनुसार द्वारा प्रत्येक विद्यालय को नामांकन / औसत उपस्थिति के अनुसार राशि का हस्तान्तरण विद्यालय प्रबन्धन समिति को किया जायेगा।
बाल गोपाल योजना हेतु विभिन्न स्तरो पर निर्धारित उत्तरदायित्व | Responsibilities fixed at various levels for Bal Gopal Yojana
जिला स्तर :- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना” के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर सम्बन्धित जिला कलेक्टर उत्तरदायी होंगे। जिला स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति का गठन किया हुआ है उक्त समिति की बैठक का आयोजन प्रतिमाह किया जाता है। योजनान्तर्गत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति का गठन किया हुआ है उक्त समिति की बैठक का आयोजन प्रतिमाह किया जाता है। यह समिति ही प्रतिमाह “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की भी समीक्षा करेगी। मध्यान्ह भोजन योजना के क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारम्भिक शिक्षा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया हुआ है “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना” के लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रारम्भिक शिक्षा नोडल अधिकारी होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा, पोषाहार योजना के आवर्ती मद में राशि का हस्तान्तरण SMC के खातों में करेंगे एवं योजना के निर्देशों के अनुरूप कियान्वयन सुनिश्चित
ब्लॉक स्तर :- “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना” के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए ब्लॉक स्तर पर सम्बन्धित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे। ब्लॉक स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना के लिये सम्बंधित ब्लाक के उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में ब्लाक स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति का गठन किया हुआ है जिसकी बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाती है। उक्त समिति ही ” मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी एवं योजना के निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
ग्राम पंचायत स्तर – मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना” के प्रभारी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्तर पर सम्बंधित पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) उत्तरदायी होंगें
विद्यालय स्तर:- :- मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के प्रभावी व सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए विद्यालय स्तर पर विद्यालय प्रबंधन समिति उत्तरदायी होगी विद्यालय प्रबंधन समिति यह सुनिश्चित करेगी की निर्धारित दिवसों पर छात्रों को दूध उपलब्ध हो। छात्रों के नामांकन के अनुसार दूध व बर्तन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। केन्द्रीयकृत रसोईघर एवं अन्नपूर्णा महिला सहकारी समिति से संबंधित विद्यालयो मे दूध व्यवस्था एसएमसी द्वारा की जावेगी मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना से सम्बंधत समस्त लेखो (रिकॉर्ड) का संधारण विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा किया जायेगा एवं योजना के निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगे
बाल गोपाल योजना में भुगतान की प्रक्रिया |Payment Process in Bal Gopal Yojana
राजस्थान को-ऑपरेटर डेयरी फेडरेशन लिमिटेड (RCDF) द्वारा विद्यालयों से प्राप्त रसीद को इकजाही कर जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक भीलवाड़ा को बिल के साथ प्रस्तुत करेगें। RCDF से क्रय किये गये पाउडर मिल्क का भुगतान जिला स्तर से जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक भीलवाड़ा द्वारा राशि रू. 400/- प्रतिकिलो की अनुमानित दर से नियमानुसार किया जायेगा।
बाल गोपाल योजना हेतु निरिक्षण एवं गुणवत्ता की जाँच | Inspection and quality check for Bal Gopal Yojana
गुणवत्ता की जाँच स्वास्थ्य विभाग एवं सहकारी डेयरी के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) प्रारम्भिक द्वारा अपने स्तर पर पाउडर मिल्क आपूर्ति किये जाने के दौरान स्वंय एवं समस्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी / प्रभारियों द्वारा निरीक्षण किये जायेगें। उक्त निरिक्षण रिपोर्ट एवं पावती मे अन्तर पाये जाने की स्थिति मे ऐसे विवदास्पद प्रकरणों मे अन्तिम निर्णय के आधार पर प्रकरण निस्तारित किये जायेगें ऐसे प्रकरणों मे जिला कलेक्टर महोदय द्वारा निर्णय लिया जावेगा तथा लिये गये निर्णय के आधार पर भुगतान किया जा सकता है।
बाल गोपाल योजना हेतु अन्य महत्वपूर्ण निर्देश | Other important instructions for Bal Gopal Yojana
- “मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को दूध उबालकर ही
- वितररित किया जावे। यह सुनिश्चित किया जावे कि दूध तैयार करने एवं वितरण हेतु आवश्यक बरतन
- (भगोना, टंकी, गिलास, आदि) धुले हुए एंव पूर्णतया स्वच्छ हो दूध गर्म करने वाले बर्तनों को ढककर रखा जाये तथा दूध को छानकर ही उपयोग में लिया जावे। दूध तैयार एवं गर्म करने वाले स्थान को साफ-सुथरा रखा जाये पाउडर मिल्क से दूध तैयार करने के लिये साफ एवं स्वच्छ पानी का इस्तेमाल किया
- जाये तैयार किया गया दूध यदि किन्ही कारणों से छात्रों को पिलाये जाने योग्य न हो, दूध उबालने पर खराब / फटने की स्थिति में विद्यार्थियों को उपलब्ध नही कराया जाये।
- पाउडर दूध विद्यार्थियों को खाने के लिये नही दिया जाये।
- दूध तैयार करने, गर्म करने तथा विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने के लिये रखे गये व्यक्ति किसी प्रकार के संक्रमित रोग से ग्रसित न हो इसकी सुनिश्चितता की जाये। दूध तैयार करने, गर्म करने तथा विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोने हेतु निर्देशित किये जाये।
- • प्रत्येक निर्धारित दिवस को पाउडर मिल्क से तैयार दूध के सैम्पल को उपयुक्त विधि से सील बन्द डिब्बे / गिलास में 24 घण्टे की अवधि तक विद्यालय में सुरक्षित रखा
- जाये दूध अवधि पार होने की स्थिति में विद्यार्थियों को पीने के लिये नही दिया जाये। दूध वितरित करने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाये कि उसका तापमान कम हो ताकि दुर्घटनावश दूध के छात्रों के शरीर पर गिरने के कारण किसी प्रकार की हानि नही हों।
- दूध वितरित करते समय किसी अनहोनी घटना, छात्र के जलने अथवा दूध पीने के पश्चात छात्र की तबीयत बिगडने की स्थिति में तुरन्त छात्र को निकटवर्ती स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर उचित उपचार करवाया जाना सुनिश्चित किया जावे। विद्यालय में
- फर्स्ट एड की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जावे विद्यालयों में योजना के बाधित होने या अनियमितता पाये जाने की स्थिति में सम्बन्धित विद्यालयों में मिड डे मील प्रभारी / शाला प्रधान एवं पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी उत्तदायी होंगे। उक्त दोषी अधिकारी / कर्मचारीयों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
- • दूध तैयार करने के उपरान्त छात्र-छात्राओं को निर्धारित मात्रा में उपलब्ध कराने हेतु
- नापने के लिये मेजरिंग (Measuring) कप क्रय किया जा सकता है। • जिस स्थान पर दूध गर्म किया जा रहा हो उस स्थान से छात्र-छात्राओं को दूर रखा जाये ताकि किसी प्रकार की अनहोनी घटना न हो। • पोषाहार कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत स्तर, ब्लॉक स्तर, एवं जिला स्तर के
- अधिकारियों के लिए मासिक रूप से निरीक्षण के नियम निर्धारित किये हुये हैं, इनके अनुरूप ही इस योजना को निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जावे।
- विभाग द्वारा योजना के लिये एक वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिस पर योजना की प्रगति की दैनिक रिपोर्ट अंकित की जायेगी। जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय, प्रा.शि. योजना की मासिक प्रगति रिपोर्ट इस कार्यालय को भिजवायेंगे।
नियंत्रण कक्ष / MDM cell
जिला दुग्ध संघ जहां से मिल्क पाउडर की आपूर्ति की जायेगी उनके द्वारा निम्नानुसार नियंत्रण कक्ष / MDM cell स्थापित कर कार्मिक नियुक्त किये गये है:-

राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड (RCDF) :-
- आवंटन अनुसार RCDF द्वारा पाउडर मिल्क के 1 किलोग्राम की (निर्धारित की गई डिजाईन) पैकिंग में विद्यालयों में आपूर्ति की जायेगी।
- पाउडर मिल्क FSSAI के मानकों अनुसार हो इसकी सुनिश्चितता की जायेगी।
- पाउडर मिल्क आवंटिक मात्रा अनुसार पैकेट्स को सुरक्षित रूपसे प्रत्येक विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य RCDF द्वारा किया जायेगा ।
- RCDF द्वारा पाउडर मिल्क के पैकेट्स को एक अन्य बैग अथवा कॉर्टन में रखकर कर विद्यालयों तक आपूर्ति की जायेगी।
- आपूर्ति करते समय Water Proof तिरपाल द्वारा अच्छे तरीके से ढक कर रखेगें ताकि वर्षा आदि से भीगने की सम्भावना न रहे।
- पाउडर मिल्क की आपूर्ति पैकिंग में की जायेगी। यदि कोई पैकेट गीले क्षतिग्रस्त, पैकेट फटा हुआ एवं किन्ही कारणों से उपयोग लेने योग्य नही पाया गया तो संस्था प्रधान / मिड डे मील प्रभारी द्वारा आपूर्ति नहीं ली जावेगी तथा उसके स्थान पर दूसरे पैकेट्स की पुनः आपूर्ति की जावेगी। ऐसी स्थिति में आपूर्ति के लिये लगने वाले अतिरिक्त परिवहन का भुगतान नही किया जायेगा।
- आपूर्ति किये जा रहे पाउडर मिल्क के पैकेट्स पर उत्पादन तिथि (Mfg. Date) एवं वैधता तिथि (Expdate) अंकित होनी चाहिए।
- RCDF द्वारा पाउडर मिल्क विद्यालयों तक सुपुर्द करने के दौरान किसी भी प्रकार से खराब / नष्ट होता है अथवा मात्रा कम पाई जाती है तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी RCDF की होगी तथा तत्काल सम्बन्धित विद्यालय को पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
- विद्यालयों में पाउडर मिल्क की आपूर्ति कार्य दिवस में की जायेगी तथा संस्थाप्रधान को एक दिवस पूर्व परिवहन ठेकेदार द्वारा अवगत कराया जायेगा
- RCDF के अधिकृत परिवहन ठेकेदार पाउडर मिल्क के पैकट संस्थाप्रधान / मिड डे मील प्रभारी को उपलब्ध कराकर इसकी प्राप्ती रसीद / चालान पांच प्रतियों में प्राप्त करेगा। एक प्रति विद्यालय को उपलब्ध कराई जायेगी।
- संस्थाप्रधान / पोषाहार प्रभारी पैकेट्स एवं मात्रा की गणना, मिलान उपरान्त ही परिवहन ठेकेदार को प्राप्ति रसीद उपलब्ध करायेगे। प्राप्ति रसीद पर विद्यालय का नाम, हस्ताक्षर मय सील, नाम एवं पदनाम एवं प्राप्त सामग्री की मात्रा एवं पैकेट संख्या स्पष्ट तौर पर अंकित किये जायेगे

मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में आदेश ✍️👇
नोट:- आधिकारिक सूचना से पूर्व किसी भी स्थिति में दुग्ध वितरण नहीं किया जाए

बाल गोपाल योजना पीपीटी पीडीएफ डाउनलोड हेतु लिंक | Link for Bal Gopal Yojana PPT PDF Download
निम्नलिखित लिंक के माध्यम से आप बाल गोपाल योजना की पूर्ण पीपीटी डाउनलोड करने के बाद प्रिंट प्राप्त कर सकते है। यह प्रिंट आपके बाल गोपाल योजना के प्रभारी हेतु बहुत उपयोगी रहेगा। सादर।