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बटुकेश्वर दत्त: भारत के महान क्रांतिकारी

बटुकेश्वर दत्त: भारत के महान क्रांतिकारी

(18 नवंबर, 1910 – 20 जुलाई, 1965)

मुख्य बिंदु

  • बटुकेश्वर दत्त भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे।
  • वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य थे।
  • उन्होंने 1929 में सेंट्रल असेंबली में भगत सिंह के साथ मिलकर धुंआ बम फेंका।
  • उन्हें 1930 में लाहौर में फांसी की सजा सुनाई गई।
  • उन्हें 1945 में जेल से रिहा किया गया।

जीवन परिचय

बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवंबर, 1910 को बंगाल के नानी बेदवान जिले के ओयाड़ि गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रनाथ दत्त और माता का नाम दुर्गा देवी था। बटुकेश्वर दत्त की प्रारंभिक शिक्षा उनके गृह ग्राम और खंडा में हुई। बाद में, उन्होंने कानपुर के पी.पी.एन. कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

क्रांतिकारी गतिविधियां

कानपुर में पढ़ाई के दौरान, बटुकेश्वर दत्त की मुलाकात भगत सिंह से हुई। भगत सिंह के संपर्क में आने के बाद, बटुकेश्वर दत्त भी क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए। उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) में शामिल होकर अपना जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया।

1929 में, बटुकेश्वर दत्त और भगत सिंह ने सेंट्रल असेंबली में धुंआ बम फेंका। इस घटना का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार का ध्यान आकर्षित करना और देश की स्वतंत्रता के लिए जनमत बनाना था। हालांकि, इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

इस घटना के बाद, बटुकेश्वर दत्त और भगत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें लाहौर षड्यंत्र केस में दोषी ठहराया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। हालांकि, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई, लेकिन बटुकेश्वर दत्त को 1945 में जेल से रिहा कर दिया गया।

स्वतंत्रता के बाद

स्वतंत्रता के बाद, बटुकेश्वर दत्त ने समाजवादी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारत-चीन युद्ध का भी विरोध किया।

बटुकेश्वर दत्त का 20 जुलाई, 1965 को निधन हो गया। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।

प्रभाव

बटुकेश्वर दत्त ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका धुंआ बम कांड ने ब्रिटिश सरकार को झकझोर दिया और देश की स्वतंत्रता के लिए जनमत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समाजवादी राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उपसंहार

बटुकेश्वर दत्त एक महान क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। वे आज भी देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।