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भारत रत्न पुरस्कार 2024: पी.वी. नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एम.एस. स्वामीनाथन होंगे सम्मानित

भारत सरकार ने पी. वी. नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का किया ऐलान

सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्‍हा राव, किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तथा हरित क्रांति के जनक एम एस स्‍वामीनाथन को भारत रत्‍न देने की घोषणा की है

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सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव, किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तथा हरित क्रांति के जनक एम एस स्‍वामीनाथन को देश का सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्‍न देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्‍ट पर यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विशिष्‍ट विद्वान और राजनेता राव गुरू ने अपने उत्कृष्ट कार्यों से देश सेवा की। श्री राव ने भारत को आर्थिक रूप से उन्‍नत बनाने और देश की समृद्धि तथा अर्थिक वृद्धि की ठोस बुनियाद रखने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा के क्षेत्रों में राव गुरू का योगदान बहुपक्षीय विरासत है।

श्री मोदी ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकार और कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने आपातकाल के विरूद्ध सराहनीय कार्य किया।

भारतीय सरकार ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव, किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तथा हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान #भारतरत्न प्रदान करने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष घोषणा को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उल्लेख किया कि यह सम्मान इन तीनों महान विभूतियों के अद्वितीय योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

पी. वी. नरसिम्हा राव का कार्यकाल भारतीय आर्थिक नीति में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए जाना जाता है, जबकि चौधरी चरण सिंह ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए अनगिनत प्रयास किए। एम एस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है, जिन्होंने भारत में खाद्य सुरक्षा की नींव रखी।

इस घोषणा को देशवासियों ने बड़ी सराहना के साथ स्वीकार किया है, और यह तीनों महान विभूतियों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करने का एक स्वागत योग्य कदम माना जा रहा है। भारतीय इतिहास में उनके योगदान को स्थायी रूप से याद किया जाएगा और भारत रत्न प्रदान करने का यह निर्णय उनके अद्वितीय कार्यों की मान्यता है।

इस सम्मान के माध्यम से, सरकार ने न केवल इन विभूतियों के असाधारण योगदान को स्वीकारा है, बल्कि भारतीय नागरिकों को भी इन महान व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने का एक संदेश दिया है। यह घोषणा देश में नवाचार, समर्पण और सामाजिक प्रगति के महत्व को भी रेखांकित करती है।

इन महान व्यक्तित्वों को भारत रत्न प्रदान करने की घोषणा ने एक बार फिर से राष्ट्रीय सम्मान और गौरव की भावना को मजबूत किया है। यह देश के युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत है, जो इन महान हस्तियों के जीवन और कार्यों से सीख सकते हैं और अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

देशभर में, विभिन्न समुदायों और संगठनों ने इस घोषणा का स्वागत किया है, और सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बड़ी संख्या में सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। यह घटना निश्चित रूप से भारतीय समाज में सकारात्मकता और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देने में मदद करेगी।