दुनिया दीवानी है साथ मे थोड़ी मस्तानी भी है। अतः आप भी अपनी जिंदगी को थोड़ी दीवानी व मस्तानी बना कर चलिये। देखिए, जोधपुर का एक किस्सा। एक बन्दे ने एक जोधपुर के निवासी से एक सवाल पूछ लिया। सवाल का उत्तर उसे मिला या नही ? यह तो पता नही लेकिन सवाल पूछने वाला आज तक सदमे में है। आप भी उन दोनों के बीच हुए वार्तालाप का आनद उठाये।
सवाल | भाईसाहब, स्कुटर स्टैंड कहा है ?
एक आदमी स्कूटर पर बैठ कर पिक्चर हाल के सामने बैठे मारवाड़ी से यह सवाल पूछ बैठा :-
आदमी :- भाईसाहब , स्कूटर स्टैंड कहाँ है ?
मारवाड़ी :- भाईसाब , पहले आप अपना नाम बताइये ?
आदमी :- मनीष !
मारवाड़ी :- आपके माता पिता क्या करते हैं ?
आदमी :- क्यों ? वैसे भाईसाब मैं , लेट हो जाऊंगा और पिक्चर शुरू हो जाएगी !
मारवाड़ी :- तो जल्दी बताओ ??
आदमी :- मेरी माँ , एक डॉक्टर हैं और मेरे पिता जी इंजीनियर हैं ! अब बता दीजिये ?
मारवाड़ी :- आपके नाम कोई जमीन जायजाद है ?
आदमी :- हाँ , गांव में एक खेत मेरे नाम है ? प्लीज़ भाईसाब अब बता दीजिये स्कूटर का स्टैंड कहाँ है ?
मारवाड़ी :- आखिरी सवाल , तुम पढ़े लिखे हो ?
आदमी :- जी हाँ ! मैं, MBA कर रहा हूँ ! अब बताइये
जल्दी से !
मारवाड़ी :- भाईसाब , देखिये आपकी पारिवारिक
पृष्ठभूमि इतनी अच्छी है , आपके माता पिता दोनों उच्च
शिक्षित हैं , आप खुद भी इतने पढ़े लिखे हैं , पर मुझे अफ़सोस है कि आप इतनी सी बात
नहीं जानते कि….

“स्कूटर का स्टैंड स्कुटर के नीचे लगा होता है ,…..”