एजुकेशन प्री-समिट 6 नवंबर को, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करेंगे शिरकत — शिक्षा के नवाचार एवं निवेश पर होगा गहन मंथन
जयपुर में 6 नवंबर 2024 का दिन शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा को दर्शाने वाला रहेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में होने वाला “राइजिंग राजस्थान एजुकेशन प्री-समिट” केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का एक प्रमुख मंच नहीं है, बल्कि यह नवाचार और निवेश की संभावनाओं पर गहन चर्चा करने का अवसर भी है। इस समिट का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में विकास, योजना और कार्यान्वयन का एक महत्वपूर्ण आयोजन बनकर उभरेगा, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
समिट का कार्यक्रम और भागीदारी
यह कार्यक्रम होटल इंटरकॉन्टिनेंटल, टोंक रोड, जयपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, और अन्य प्रमुख व्यक्तित्व शामिल होंगे। इस मंच पर नवीनतम प्रथाओं, तकनीकी नवाचारों, और आवश्यक सुधारों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा, जो शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम जोड़ने में सहायक साबित होगा।
शिक्षा में नवाचार और डिजिटल तकनीकों का उपयोग
आज के तेज़ी से बदलते दौर में, शिक्षा क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस बात पर जोर दिया है कि डिजिटल तकनीकों का शिक्षा में समावेश का कार्य अत्यंत आवश्यक है। समिट में ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, ई-लर्निंग, और अन्य डिजिटल टूल्स का उपयोग करते हुए चर्चा की जाएगी। ये उपकरण केवल ज्ञान के प्रसार में मदद नहीं करेंगे, बल्कि विद्यार्थियों में तकनीकी दक्षताओं को भी बढ़ावा देंगे, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर तरीके से अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकें।
शिक्षा का यह डिजिटल दृष्टिकोण न केवल शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि यह छात्रों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल में भी मदद करेगा। इस समिट के दौरान यह चर्चा होगी कि कैसे तकनीकी नवाचारों के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सकता है।
निवेश की संभावनाएँ
इस समिट का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को पहचानना भी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि यह अवसर न केवल राज्य के शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करेगा, बल्कि नए रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी लाएगा। राजस्थान सरकार की सरल और मुख्यधारा की नीतियों की वजह से निवेशकों के लिए अवसरों का एक अनूठा पैकेज प्रस्तुत किया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में निवेश का सीधा संबंध विकास से है, और यह समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सामुदायिक भागीदारी
इस समिट में सभी संबंधित विभागों और सामुदायिक भागीदारों की भूमिका को समझने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है; इसमें माता-पिता, शिक्षक, छात्र, और समाज का हर वर्ग शामिल है। माता-पिता की भागीदारी विद्यार्थियों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इसलिए, माता-पिता को भी समिट में आमंत्रित किया गया है ताकि वे अपनी राय व्यक्त कर सकें और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उपायों पर अपने सुझाव दे सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभाव
इस समिट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महत्व को भी समझते हुए चर्चा की जाएगी। यह नीति शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और छात्र केंद्रित दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करने वाली है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों का समग्र विकास करना है और यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चों को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद एक समान शिक्षा का अवसर मिले।
इस समिट का यह पहल व्यापक रूप से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और उसकी अधिक समावेशी बनने की दिशा में एक बड़ी कटौती करने वाला हो सकता है।
शैक्षिक अधिकारियों की समीक्षा और तैयारियाँ
राइजिंग राजस्थान प्री-समिट के पहले विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठकें आयोजित की गई थीं। यहां पर सरकारी अधिकारियों ने कार्यक्रम की सभी तैयारियों की समीक्षा की और यह सुनिश्चित किया कि हर पहलू की योजना सही तरीके से बनाई गई हो। इस दिशा में शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों और शिक्षा परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने उपस्थित होकर आयोजन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया।
इन तैयारियों ने न केवल समिट का माहौल सुनिश्चित किया, बल्कि यह दर्शाया कि राजस्थान सरकार शिक्षा के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है।
खेल और शिक्षा का संबंध
इस कार्यक्रम में खेल और युवा मामलों के सचिव श्री नीरज के पवन ने शिक्षा के साथ खेल के समन्वय पर चर्चा की। उनका यह मानना है कि खेल में भागीदारी छात्र के शैक्षणिक प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इस दृष्टिकोण से, शिक्षा में खेलों को शामिल करना आवश्यक है क्योंकि यह छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाएगा।
निष्कर्ष
6 नवंबर को होने वाला एजुकेशन प्री-समिट न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, निवेश, और सामुदायिक भागीदारी का एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म होगा, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में आगामी सुधारों का एक महत्वपूर्ण चरण स्थापित करेगा। यह राज्य की शिक्षा नीति में आवश्यक सुधारों को लागू करने का एक निर्णायक अवसर साबित होगा, जो न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देगा, बल्कि राजस्थान को भारत में शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रस्तुत करेगा।
राजस्थान सरकार का यह कदम शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रेरणादायक उपलब्धि साबित होगा। इस समिट को सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
आप अधिक जानकारी के लिए राजस्थान सरकार का आधिकारिक शिक्षा पोर्टल पर जा सकते हैं।
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