प्रश्न 1: नीचे दी गई रासायनिक अभिक्रियाओं का प्रकार बताइए:
- Pb + CuCl2 → PbCl2 + Cu
- 2Mg + O2 → 2MgO
- ZnO + C → Zn + CO
- CuO + H2 → Cu + H2O
- CuSO4 + Zn → ZnSO4 + Cu
- CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
- AgNO3 + KCl → AgCl + KNO3
- CaO + H2O → Ca(OH)2 + उष्मा
- 2FeSO4 → FeO + SO2 + SO3
- 2Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2
- Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
- 2PbO + C → Pb + Pb + CO2
- FeO + 2Al → Al2O3 + 2Fe
- MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2
- CaCO3 → CaO + CO2
विस्तृत उत्तर:
1. संयोजन अभिक्रिया:
- 2Mg + O2 → 2MgO
- ZnO + C → Zn + CO
- CuO + H2 → Cu + H2O
- CaO + H2O → Ca(OH)2 + उष्मा
2. वियोजन अभिक्रिया:
- 2FeSO4 → FeO + SO2 + SO3
- 2Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2
- MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2
- CaCO3 → CaO + CO2
3. विस्थापन अभिक्रिया:
- Pb + CuCl2 → PbCl2 + Cu
- CuSO4 + Zn → ZnSO4 + Cu
- CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
- 2PbO + C → Pb + Pb + CO2
- FeO + 2Al → Al2O3 + 2Fe
4. द्विविस्थापन अभिक्रिया:
- AgNO3 + KCl → AgCl + KNO3
- Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
5. उपचयन-अपचयन अभिक्रिया:
- 2Mg + O2 → 2MgO (Mg का उपचयन, O2 का अपचयन)
- ZnO + C → Zn + CO (Zn का अपचयन, C का उपचयन)
- CuO + H2 → Cu + H2O (Cu का अपचयन, H2 का उपचयन)
- CaO + H2O → Ca(OH)2 + उष्मा (Ca का उपचयन, H2O का अपचयन)
- 2FeSO4 → FeO + SO2 + SO3 (Fe का अपचयन, S का उपचयन)
- 2Pb(NO3)2 → 2PbO + 4NO2 + O2 (Pb का अपचयन, N का उपचयन)
- MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2 (Mn का अपचयन, Cl का उपचयन)
- CaCO3 → CaO + CO2 (C का उपचयन)
- Pb + CuCl2 → PbCl2 + Cu (Cu का अपचयन, Pb का उपचयन)
- CuSO4 + Zn → ZnSO4 + Cu (Zn का उपचयन, Cu का अपचयन)
- CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu (Fe का उपचयन, Cu का अपचयन)
- 2PbO + C → Pb + Pb + CO2 (C का उपचयन)
- FeO + 2Al → Al2O3 + 2Fe (Fe का अपचयन, Al का उपचयन)
- AgNO3 + KCl → AgCl + KNO3 (Ag का अपचयन, Cl
6. CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu ( रासायनिक अभिक्रिया)
अभिकारक:
- CuSO4 (कॉपर सल्फेट): इसमें तांबे (Cu) का धनायन (Cu²⁺) और सल्फेट आयन (SO₄²⁻) होता है।
- Fe (आयरन): शुद्ध लोहे का टुकड़ा।
उत्पाद:
- FeSO4 (आयरन सल्फेट): इसमें लोहे (Fe) का धनायन (Fe²⁺) और सल्फेट आयन (SO₄²⁻) होता है।
- Cu (तांबा): ठोस तांबे का टुकड़ा।
7. AgNO₃ + KCl → AgCl + KNO₃ (द्विविस्थापन अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में दो आयनिक यौगिक आदान-प्रदान करके दो नए आयनिक यौगिक बनाते हैं।
- सिल्वर नाइट्रेट (AgNO₃) और पोटेशियम क्लोराइड (KCl) अभिक्रिया करते हैं।
- AgNO₃ से रजत आयन (Ag+) पोटेशियम क्लोराइड (KCl) में पोटेशियम आयन (K+) का स्थान लेता है, जिससे सिल्वर क्लोराइड (AgCl) अवक्षेप बनता है।
- शेष आयन, पोटेशियम आयन (K+) और नाइट्रेट आयन (NO₃-), मिलकर पोटेशियम नाइट्रेट (KNO₃) बनाते हैं।
8. CaO + H₂O → Ca(OH)₂ + ऊष्मा (उदासीनीकरण अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में एक ऑक्साइड पानी के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रॉक्साइड बनाता है और ऊष्मा छोड़ता है।
- कैल्शियम ऑक्साइड (CaO), जिसे चूना भी कहा जाता है, पानी (H₂O) के साथ अभिक्रिया करता है।
- कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)₂), जिसे बुझा हुआ चूना भी कहा जाता है, ऊष्मा ऊर्जा के निकलने के साथ ही बनता है।
9. 2FeSO₄ → FeO + SO₂ + SO₃ (अपघटन अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में एक ही यौगिक दो या दो से अधिक सरल यौगिकों में टूट जाता है।
- तापीय तनाव के तहत आयरन (II) सल्फेट (FeSO₄) विघटित हो जाता है।
- आयरन (II) ऑक्साइड (FeO), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और सल्फर ट्राइऑक्साइड (SO₃) उत्पन्न होते हैं।
10. 2Pb(NO₃)₂ → 2PbO + 4NO₂ + O₂ (अपघटन अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में एक ही यौगिक दो या दो से अधिक सरल यौगिकों में टूट जाता है।
- गरम करने पर लेड (II) नाइट्रेट (Pb(NO₃)₂) विघटित हो जाता है।
- लेड (II) ऑक्साइड (PbO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) और ऑक्सीजन गैस (O₂) बनते हैं।
11. Na₂SO₄ + BaCl₂ → BaSO₄ + 2NaCl (द्विविस्थापन अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में दो आयनिक यौगिक आदान-प्रदान करके दो नए आयनिक यौगिक बनाते हैं।
- सोडियम सल्फेट (Na₂SO₄) और बेरियम क्लोराइड (BaCl₂) अभिक्रिया करते हैं।
- BaCl₂ से बेरियम आयन (Ba²+) सोडियम सल्फेट (Na₂SO₄) में सोडियम आयन (Na+) का स्थान लेता है, जिससे बेरियम सल्फेट (BaSO₄) अवक्षेप बनता है।
- शेष आयन, सोडियम आयन (Na+) और क्लोराइड आयन (Cl-), मिलकर सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनाते हैं।
12. 2PbO + C → Pb + Pb + CO₂ (रेडॉक्स अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।
- लेड (II) ऑक्साइड (PbO) एक ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है, कार्बन (C) से इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करता है।
- कार्बन का ऑक्सीकरण करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनता है, जिससे इलेक्ट्रॉन निकलते हैं।
13. FeO + 2Al → Al₂O₃ + 2Fe (रेडॉक्स अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।
- आयरन (II) ऑक्साइड (FeO) एक ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है, एल्युमिनियम (Al) से इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करता है।
- एल्युमिनियम का ऑक्सीकरण करके एल्युमिनियम ऑक्साइड (Al₂O₃) बनता है, जिससे इलेक्ट्रॉन निकलते हैं।
- ये इलेक्ट्रॉन FeO का अपचयन करके आयरन ध鐵 (Fe) में कर देते हैं।
14. MnO₂ + 4HCl → MnCl₂ + 2H₂O + Cl₂ (रेडॉक्स अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं।
- मैंगनीज डाइऑक्साइड (MnO₂) एक ऑक्सीकारक के रूप में कार्य करता है, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) में क्लोराइड आयनों (Cl-) से इलेक्ट्रॉनों को स्वीकार करता है।
- क्लोराइड आयनों का ऑक्सीकरण करके क्लोरीन गैस (Cl₂) बनता है, जिससे इलेक्ट्रॉन निकलते हैं।
- ये इलेक्ट्रॉन MnO₂ का अपचयन करके मैंगनीज (II) क्लोराइड (MnCl₂) में कर देते हैं और साथ ही पानी (H₂O) भी बनता है।
15. CaCO₃ → CaO + CO₂ (तापीय अपघटन अभिक्रिया):
- इस अभिक्रिया में ऊष्मा के उपयोग से एक ही यौगिक दो सरल यौगिकों में टूट जाता है।
- कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃), जिसे चूना पत्थर भी कहा जाता है, गरम करने पर विघटित हो जाता है।
- कैल्शियम ऑक्साइड (CaO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) बनते हैं।