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कक्षा 10, हिंदी: सूरदास के पद – राजस्थान बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्न उत्तर (Class 10, Hindi: Surdas ke Pad – Questions and Answers for Rajasthan Board Exams)

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

1. ‘दूत मिल्यौ एक भौर से’ का आशय है:

(क) भँवरा (ख) राधा (ग) गोपिकाएँ

उत्तर: (क) भँवरा

2. ‘नागर नवल किसोर’ विशेषण किसके लिए आया है:

(क) उद्धव (ख) गोप (ग) कृष्ण (घ) श्यामा

उत्तर: (ग) कृष्ण

अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न:

3. कृष्ण ‘गोरी’ संबोधन किसके लिए कर रहे हैं?

उत्तर: कृष्ण ‘गोरी’ संबोधन राधा के लिए कर रहे हैं।

4. सारे बंधन तोड़ कर कौन कहाँ चला गया है?

उत्तर: सारे बंधन तोड़ कर कृष्ण मथुरा चले गए हैं।

5. गोपियों को भ्रमर के रूप में कौन-सा दूत मिला?

उत्तर: गोपियों को उद्धव जी भ्रमर के रूप में दूत मिले।

6. श्याम ने किसको सिखाकर वश में कर लिया?

उत्तर: श्याम ने अपनी बांसुरी से गोपियों को वश में कर लिया।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

7. कृष्ण ने भोली राधा को बातों में कैसे उलझा लिया?

उत्तर: कृष्ण ने भोली राधा को प्रेम की मीठी बातों में उलझा लिया। उन्होंने राधा को प्रकृति के सुंदर दृश्यों से मोहित किया और उन्हें अपनी मधुर बांसुरी की धुन से मंत्रमुग्ध कर दिया।

8. कृष्ण ने एक झलक में ही गोपियों का मन कैसे वश में कर लिया?

उत्तर: कृष्ण ने अपनी मनमोहक मुस्कान और आकर्षक व्यक्तित्व से गोपियों का मन एक झलक में ही वश में कर लिया।

9. मथुरा के कुएँ संदेसों से कैसे भर गए?

उत्तर: गोपियाँ कृष्ण के लिए अपने प्रेम संदेश लिखकर मथुरा के कुओं में डालती थीं। इस तरह मथुरा के कुएँ संदेशों से भर गए।

10. ‘तजि अंगार अघात’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: ‘तजि अंगार अघात’ का अर्थ है “आग के जलने से होने वाले दर्द को छोड़कर”। यह वाक्य इस बात का प्रतीक है कि जो व्यक्ति कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है, वह सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाता है।

निबंधात्मक प्रश्न:

11. कृष्ण एवं राधा की प्रथम भेंट को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए?

उत्तर: कृष्ण एवं राधा की प्रथम भेंट एक अत्यंत सुंदर और दिव्य घटना थी। यह प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिकता का मिलन था।

12. गोपियाँ कृष्ण को चोर क्यों सिद्ध कर रही हैं? विस्तारपूर्वक लिखिए।

उत्तर: गोपियाँ कृष्ण को चोर इसलिए सिद्ध कर रही हैं क्योंकि कृष्ण ने उनका मक्खन चुरा लिया था। गोपियाँ कृष्ण के इस चंचल व्यवहार से नाराज भी हैं और उनसे प्रेम भी करती हैं।

13. निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

सन्देसनि मधुबन कूप भरे

सेवक सूर लिखन कौ आंधौ, पलक कपाट अरे ।।

ऊधौ मन माने की बात सूरदास जाकौ मन जासौ, सोई ताहि सुहात ।।

व्याख्या:

पहली पंक्ति:

सन्देसनि मधुबन कूप भरे

अर्थ: राधा कहती हैं कि उनके “संदेश (sandesh – messages)” मधुबन (Madhuban – forest) में “कूप (koop – well)” की तरह भर गए हैं, यानी वे कृष्ण तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

दूसरी पंक्ति:

सेवक सूर लिखन कौ आंधौ, पलक कपाट अरे ।।

अर्थ: सूरदास जी कहते हैं कि वे कृष्ण के प्रेम में अंधे हो गए हैं और अब उनके लिए कुछ भी दिखाई नहीं देता है, यहां तक कि पलकें भी बंद नहीं कर पाते हैं।

तीसरी पंक्ति:

ऊधौ मन माने की बात सूरदास जाकौ मन जासौ, सोई ताहि सुहात ।।

अर्थ: सूरदास जी कहते हैं कि उद्धव जी मन को समझाने की बात कर रहे हैं, लेकिन मन जिसकी ओर जाता है, वही उसे सुहाता है।

व्याख्या:

इन पंक्तियों में, सूरदास जी राधा और कृष्ण के प्रेम का वर्णन करते हैं। राधा कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का संदेश भेजने के लिए व्याकुल हैं, लेकिन उनके संदेश कृष्ण तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। सूरदास जी कहते हैं कि वे कृष्ण के प्रेम में इतने डूबे हुए हैं कि उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता है, यहां तक कि पलकें भी बंद नहीं कर पाते हैं। वे यह भी कहते हैं कि मन जिसकी ओर जाता है, वही उसे सुहाता है, चाहे वह उचित हो या अनुचित।

यह केवल एक संक्षिप्त व्याख्या है। आप अपनी रचनात्मकता और कल्पना का उपयोग करके इन पंक्तियों की व्याख्या कर सकते हैं।