Site logo

कक्षा 10 विज्ञान: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण – प्रमुख अवधारणाएँ और अभ्यास

रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण (कक्षा 10 विज्ञान)

1. रासायनिक अभिक्रियाओं का परिचय:

आपके आस-पास हर रोज़ ढेर सारी चीज़ें घटित होती हैं. कुछ चीज़ें बदलती हैं, नई चीज़ें बनती हैं और कुछ तो ग़ायब ही हो जाती हैं. ये सारे बदलाव जिन्हें हम देखते हैं, असल में अलग-अलग पदार्थों के आपस में मिलकर नए पदार्थ बनाने की प्रक्रिया का नतीजा होते हैं. इसी प्रक्रिया को रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction) कहते हैं.

रासायनिक अभिक्रियाओं को समझना ज़रूरी है क्योंकि ये न सिर्फ़ हमारे दैनिक जीवन में घटित होती हैं, बल्कि वे प्रकृति के हर स्तर पर अहम भूमिका निभाती हैं. जैसे, पौधों का भोजन बनाना, खाना पचाना, आग जलना, या फिर जंग लगना. यहाँ तक कि आपके शरीर में हर पल लाखों रासायनिक अभिक्रियाएँ हो रही होती हैं, जो आपको ज़िंदा रखती हैं.

रासायनिक अभिक्रियाओं को समझना:

अगर आप किसी नए रेस्टोरेंट में जाते हैं और वहाँ अलग-अलग मसाले देखते हैं, तो क्या आप सीधे ही खाने के लिए मिक्स कर देंगे? बिल्कुल नहीं! आपको ये समझना होगा कि कौन से मसाले एक-दूसरे के साथ अच्छे लगेंगे और किसे मिलाएँगे तो स्वाद बिगड़ जाएगा. ठीक उसी तरह, रासायनिक अभिक्रियाओं को समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि कौन से पदार्थ एक-दूसरे के साथ किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं और क्या नतीजा निकलता है.

अक्सर रासायनिक अभिक्रियाएं दो तरह से घटित होती हैं:

  • संयोजन: जब दो या दो से ज़्यादा अलग-अलग पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं. उदाहरण के लिए, जब हाइड्रोजन (H2) और ऑक्सीजन (O2) आपस में मिलते हैं, तो पानी (H2O) बनता है.
  • विखंडन: जब एक पदार्थ टूटकर दो या दो से ज़्यादा नए, छोटे पदार्थ बनाता है. उदाहरण के लिए, कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) गर्म करने पर चूना (CaO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) में टूट जाता है.

ये सिर्फ दो उदाहरण हैं, लेकिन असल में रासायनिक अभिक्रियाओं के अनगिनत प्रकार होते हैं. हर तरह की अभिक्रिया के अपने नियम और परिणाम होते हैं, जिसके अध्ययन से वैज्ञानिक नई दवाइयां बनाते हैं, उन्नत सामग्री विकसित करते हैं और पर्यावरण की समस्याओं का समाधान खोजते हैं.

रासायनिक परिवर्तनों का अवलोकन:

रासायनिक अभिक्रियाओं का सबसे अच्छा तरीका होता है उनका अवलोकन करना. अपने आस-पास या लैब में ऐसी प्रक्रियाएं खोजें जिनमें किसी तरह का बदलाव दिखाई दे.

ये कुछ संकेत हो सकते हैं कि रासायनिक अभिक्रिया हो रही है:

  • रंग में बदलाव: जैसे, लिटमस पेपर नीले रंग से लाल होता है जब किसी अम्लीय पदार्थ के संपर्क में आता है.
  • गैस का निकलना: जैसे, बेकिंग पाउडर और पानी मिलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है.
  • तापमान में बदलाव: जैसे, जब चूना पानी में मिलाया जाता है, तो तापमान बढ़ जाता है.
  • प्रेसीपिटेट का बनना: जब दो घोल आपस में मिलते हैं और एक अघुलनशील ठोस पदार्थ बनता है.

इन संकेतों को ध्यान से देखिए और उनका रिकॉर्ड बनाइए. इससे आपको रासायनिक अभिक्रियाओं को बेहतर समझने में मदद मिलेगी.

ध्यान दें: रासायनिक प्रयोग करते समय हमेशा सावधानी बरतें. अपने शिक्षक के मार्गदर्शन में ही प्रयोग करें और सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करें.

2. रासायनिक समीकरण लिखना

अब जब हमने रासायनिक अभिक्रियाओं को ज़रा समझ लिया है, तो अगला सवाल ये उठता है कि इन अभिक्रियाओं को हम किस तरह लिखेंगे? आखिर, इतनी सारी चीज़ें आपस में मिलती-जुलती हैं, तो उन्हें किस क्रम में और किस तरह व्यक्त करें? यही हमें रासायनिक समीकरणों की दुनिया में ले जाता है.

रासायनिक अभिक्रियाओं का प्रतिनिधित्व:

रासायनिक समीकरण वह भाषा है जिसके ज़रिए हम पदार्थों के आपस में होने वाले बदलावों को सूत्रों और प्रतीकों के सहारे प्रस्तुत करते हैं. ये समीकरण हमें दिखाते हैं कि:

  • कौन से पदार्थ अभिक्रिया में शामिल हैं (अभिकारक)
  • इन पदार्थों की मात्रा कितनी है
  • अभिक्रिया के बाद कौन से नए पदार्थ बनते हैं (उत्पाद)
  • इन नवनिर्मित पदार्थों की मात्रा कितनी है

इसे समझने के लिए, ज़रा किसी रेसिपी की कल्पना करें. ये रेसिपी हमें बताती है कि कौन से सामग्री चाहिए, उनकी कितनी मात्रा चाहिए और किस क्रम में उन्हें मिलाना है. ठीक उसी तरह, रासायनिक समीकरण हमें अभिकारकों और उत्पादों के रासायनिक सूत्रों और मात्राओं के सटीक विवरण के ज़रिए अभिक्रिया का सारांश देता है.

रासायनिक समीकरण लिखने के कुछ ज़रूरी नियम हैं:

  • हम तत्वों के प्रतीकों और यौगिकों के रासायनिक सूत्रों का इस्तेमाल करते हैं.
  • अभिकारकों को समीकरण के बांये तरफ़ (+) चिन्ह से जोड़ा जाता है.
  • उत्पादों को समीकरण के दांये तरफ़ (+) चिन्ह से जोड़ा जाता है.
  • एक बराबर (=) का चिन्ह दोनों तरफ़ों को अलग करता है, जो दर्शाता है कि अभिकारियों और उत्पादों के द्रव्यमान की मात्रा अभिक्रिया से पहले और बाद में बराबर रहती है.

उदाहरण के लिए, पानी बनने की रासायनिक अभिक्रिया को इस तरह लिखा जाता है:

2H₂ + O₂ → 2H₂O

इस समीकरण में:

  • 2H₂ और O₂ अभिकारक हैं.
  • 2H₂O उत्पाद है.
  • दोनों तरफ़ों के परमाणुओं की संख्या समान है (4 हाइड्रोजन परमाणु और 2 ऑक्सीजन परमाणु).

रासायनिक समीकरणों का संतुलन:

ये तो ठीक है, लेकिन क्या एक तराजू के दोनों पलड़े हमेशा बराबर नहीं होने चाहिए? रासायनिक समीकरणों में भी यही सिद्धांत लागू होता है. हमने ऊपर देखा कि रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान की मात्रा नहीं बदलती, इसलिए समीकरण को संतुलित करना ज़रूरी है.

संतुलन का मतलब है कि दोनों तरफ़ों पर किसी भी तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होनी चाहिए. इसे हासिल करने के लिए हम गुणांक (छोटी संख्याएँ जो प्रतीकों या सूत्रों से पहले लिखी जाती हैं) का इस्तेमाल करते हैं. इन गुणांक को कम से कम पूर्णांक मान दिए जाते हैं जो दोनों तरफ़ों के परमाणुओं की संख्या को बराबर करते हैं.

उदाहरण के लिए, अगर हम मैग्नीशियम के जलने की रासायनिक अभिक्रिया को लिखें, तो बिना संतुलन के यह इस तरह दिखेगा:

Mg + O₂ → MgO

लेकिन ध्यान दीजिए कि एक मैग्नीशियम परमाणु के साथ ज़्यादा ऑक्सीजन परमाणु जुड़ रहे हैं. इससे द्रव्यमान की मात्रा नहीं बचेगी! तो इसे संतुलित करने के लिए हम गुणांक का इस्तेमाल करते हैं:

2Mg + O₂ → 2MgO

अब दोनों तरफ़ों पर मैग्नीशियम और ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या समान हो गई है (4 परमाणु). इसी तरह, हम किसी भी रासायनिक समीकरण को संतुलित कर सकते हैं ताकि यह रासायनिक अभिक्रिया के सही प्रतिनिधित्व को दर्शाए.

3. रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार

अब जबकि हम रासायनिक समीकरणों को लिख लेना जानते हैं, तो अगला सवाल आता है कि आखिर ये अभिक्रियाएँ कितने प्रकार की होती हैं? अलग-अलग पदार्थ किस तरह संयोजित या विघटित होकर नए पदार्थ बनाते हैं? यह जानने के लिए हमें रासायनिक अभिक्रियाओं के विभिन्न प्रकारों का पता लगाना होगा.

यहाँ कुछ मुख्य प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाएँ और उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

1. संयोजन अभिक्रियाएँ (Combination Reactions):

ये सबसे सरल प्रकार की अभिक्रियाएँ हैं जहाँ दो या दो से ज़्यादा पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं. उदाहरण के तौर पर:

  • हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिलकर पानी बनाना: 2H₂ + O₂ → 2H₂O
  • कैल्शियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का मिलकर कैल्शियम कार्बोनेट बनाना: CaO + CO₂ → CaCO₃

2. विखंडन अभिक्रियाएँ (Decomposition Reactions):

इस तरह की अभिक्रियाओं में एक पदार्थ टूटकर दो या दो से ज़्यादा नए पदार्थ बनाता है. उदाहरण के लिए:

  • कैल्शियम कार्बोनेट को गर्म करने पर चूना और कार्बन डाइऑक्साइड बनना: CaCO₃ → CaO + CO₂
  • पानी का विद्युत अपघटन द्वारा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का बनना: 2H₂O → 2H₂ + O₂

3. विस्थापन अभिक्रियाएँ (Displacement Reactions):

यहाँ एक अभिकारक किसी दूसरे यौगिक में मौजूद तत्व को विस्थापित करके उसका स्थान ले लेता है. उदाहरण के लिए:

  • आयरन का जस्ता सल्फेट घोल में डूबने पर जस्ता का घोल में चले जाना और आयरन सल्फेट का बनना: Fe + ZnSO₄ → FeSO₄ + Zn

4. द्वि-विस्थापन अभिक्रियाएँ (Double Displacement Reactions):

इस तरह की अभिक्रियाओं में दो अलग-अलग यौगिक आयनों का आपस में आदान-प्रदान करते हैं, जिससे दो नए यौगिक बनते हैं. उदाहरण के लिए:

  • सोडियम क्लोराइड (NaCl) और सिल्वर नाइट्रेट (AgNO₃) का घोल मिलाने पर सिल्वर क्लोराइड (AgCl) का सफेद अवक्षेप बनना और सोडियम नाइट्रेट (NaNO₃) घोल में रहना: NaCl + AgNO₃ → AgCl↓ + NaNO₃

5. ऑक्सीकरण और अपचयन अभिक्रियाएँ (Oxidation and Reduction Reactions):

ये जटिल अभिक्रियाएँ हैं जहाँ पदार्थों के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण होता है. ऑक्सीकरण में एक पदार्थ इलेक्ट्रॉन खोता है, जबकि अपचयन में एक पदार्थ इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है. यह प्रक्रिया अक्सर ऊर्जा परिवर्तन के साथ होती है. उदाहरण के लिए:

  • लोहे का जंग लगना (ऑक्सीकरण), जहां लोहे के परमाणु ऑक्सीजन अणुओं से इलेक्ट्रॉन खो देते हैं.

ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, रासायनिक अभिक्रियाओं के अनगिनत अन्य प्रकार भी होते हैं. हर तरह की अभिक्रिया की अपनी खासियत होती है, जो पदार्थों के गुणों और उनके बीच होने वाले परस्पर क्रियाओं पर निर्भर करती है. इन विभिन्न प्रकारों को समझना रासायनिक विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आधार है और हमें दैनिक जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है.

ध्यान दें, रासायनिक अभिक्रियाओं के अध्ययन में प्रयोग काफी महत्वपूर्ण होते हैं. हालांकि, सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दें और अपने शिक्षक के मार्गदर्शन में ही प्रयोग करें.

4. ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं का प्रभाव

रासायनिक प्रतिक्रियाओं का एक अहम वर्ग ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ हैं, जिनमें पदार्थों के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण होता है. ये अभिक्रियाएँ न सिर्फ नए पदार्थ बनाती हैं, बल्कि हमारे आसपास की कई परिचित घटनाओं के पीछे भी ज़िम्मेदार होती हैं. आइए आज दो महत्वपूर्ण प्रभावों, जंग (Corrosion) और बासीपन (Rancidity) के बारे में बात करें:

1. जंग (Corrosion):

लौहे का जंग लगना ज़्यादातर लोगों ने देखा होगा. ये हवा में मौजूद ऑक्सीजन के साथ लोहे की प्रतिक्रिया का नतीजा है. इस प्रक्रिया में लोहे के परमाणु इलेक्ट्रॉन खो देते हैं (ऑक्सीकरण) और ऑक्सीजन के परमाणु ग्रहण करते हैं (अपचयन). धीरे-धीरे यह प्रक्रिया बढ़ती है और लोहे की सतह पर भूरे रंग का जंग दिखाई देने लगता है.

जंग सिर्फ लोहे तक ही सीमित नहीं है. कई धातुएँ और एलॉय हवा, नमी या अन्य रासायनिक पदार्थों के संपर्क में ऑक्सीकरण के कारण जंग लगाते हैं. ये धातु की मजबूती कम कर देते हैं, उसकी संरचना को नुकसान पहुंचाते हैं और आर्थिक नुकसान भी कर सकते हैं.

जंग से बचने के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं, जैसे पेंट करना, गैल्वेनाइजिंग (ज़िंक की परत चढ़ाना), क्रोमियम चढ़ाना आदि. ये तकनीक धातु की सतह को ऑक्सीजन के सीधे संपर्क से बचाती हैं और जंग लगने की प्रक्रिया को धीमा करती हैं.

2. बासीपन (Rancidity):

जब हम लंबे समय तक खाने की चर्बी या तेल का इस्तेमाल नहीं करते, तो उसमें एक अप्रिय गंध आने लगती है. इसे बासीपन कहते हैं. यह भी एक ऑक्सीकरण प्रक्रिया है, जिसमें वसा अणुओं के डबल बॉन्ड ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करते हैं.

इस प्रक्रिया के दौरान वसा अणुओं का टूटना होता है और छोटे, गंध वाले यौगिक बनते हैं, जो ही खाने को बासी गंध और अप्रिय स्वाद देते हैं. बासी तेल या चर्बी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

बासीपन से बचने के लिए कुछ सावधानी ज़रूरी हैं:

  • खाने की चर्बी या तेल को सीधे धूप और गर्मी से बचाएं.
  • एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें और ज़्यादा मात्रा में न खरीदें.
  • ठंडे स्थान पर रखें, जैसे रेफ्रिजरेटर में.
  • एक्सपायरी डेट देखकर ही इस्तेमाल करें.

ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा हैं. कुछ मामलों में ये नुकसानदायक हो सकती हैं, जैसे जंग और बासीपन, लेकिन कुछ मामलों में ये फायदेमंद भी होती हैं, जैसे भोजन पचाने में मदद करना या पौधों में फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया. इन दोनों तरह के प्रभावों को समझना रासायनिक विज्ञान का एक महत्वपूर्ण पहलू है और हमें अपने आसपास की दुनिया को बेहतर समझने में मदद करता है.

5. रासायनिक अभिक्रियाओं के व्यावहारिक अनुप्रयोग

रासायनिक अभिक्रियाएं सिर्फ किताबों में लिखे सिद्धांत नहीं हैं, बल्कि वे हमारे दैनिक जीवन और उद्योगों का अभिन्न अंग हैं. रासायनिक प्रक्रियाओं के बिना आधुनिक जीवन की कल्पना भी मुश्किल है. आइए देखें कि कैसे रासायनिक अभिक्रियाएं हमारे आस-पास और उद्योगों में हर रोज़ काम करती हैं:

5.1 दैनिक जीवन में उदाहरण:

  • खाना पकाना: खाना पकाने में कई रासायनिक अभिक्रियाएं होती हैं. सब्ज़ियों का पकना, ब्रेड का उगना, मीठा बनना, ये सब रासायनिक प्रक्रियाओं का ही नतीजा हैं.
  • सफाई: साबुन और डिटर्जेंट तेल और गंदगी को हटाने में मदद करते हैं. उनमें मौजूद रसायन गंदगी के साथ मिलकर अघुलनशील यौगिक बनाते हैं, जो पानी से बह जाते हैं.
  • दवाइयां: हमारे शरीर में होने वाली कई जैविक प्रक्रियाएं रासायनिक अभिक्रियाओं पर निर्भर करती हैं. दवाइयां भी इन प्रक्रियाओं को प्रभावित करके बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं.
  • बैटरी: बिजली उत्पादन और भंडारण के लिए हम जिन बैटरियों का इस्तेमाल करते हैं, उनके अंदर भी रासायनिक अभिक्रियाएं होती हैं. ये अभिक्रियाएं रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती हैं.

ये सिर्फ कुछ छोटे उदाहरण हैं. हमारे आस-पास हर तरह की चीज़, चाहे वो हवा में सांस लेना हो, सूरज की रोशनी से पौधों का बढ़ना हो, या फिर पेंट सूखना हो, सबके पीछे रासायनिक अभिक्रियाएं ही काम करती हैं.

5.2 औद्योगिक अनुप्रयोग:

  • रसायन उद्योग: रसायन उद्योग में विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाओं का इस्तेमाल करके दवाइयां, प्लास्टिक, कृषि रसायन, सौंदर्य प्रसाधन, और कई अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं.
  • लोहा और इस्पात उद्योग: धातुओं का शोधन और उनके मिश्र धातु बनाने के लिए रासायनिक अभिक्रियाओं की ज़रूरत होती है. इस्पात का निर्माण, जो आधुनिक बुनियादी ढांचे का अहम हिस्सा है, रासायनिक प्रक्रियाओं का ही नतीजा है.
  • खाद्य उद्योग: खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और पैकेजिंग में रासायनिक अभिक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है. खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने, स्वाद व पोषण बनाए रखने में रसायन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
  • ऊर्जा उत्पादन: बिजली उत्पादन के कई तरीकों, जैसे थर्मल पावर प्लांट, न्यूक्लियर पावर प्लांट, और फ्यूल सेल में, रासायनिक अभिक्रियाएं ही आधार हैं. ये अभिक्रियाएं रासायनिक ऊर्जा को बिजली में बदलती हैं.

इस तरह रासायनिक अभिक्रियाएं विभिन्न उद्योगों में कच्चे माल को मूल्यवान उत्पादों में बदलने, ऊर्जा उत्पादन करने, और आधुनिक जीवन की ज़रूरतों को पूरा करने का काम करती हैं. रासायनिक अभिक्रियाओं के उचित नियंत्रण और विकास के ज़रिए हम एक उन्नत और स्थायी भविष्य का निर्माण कर सकते हैं.

6. सार और प्रमुख अवधारणाएं

अब जब हमने रासायनिक अभिक्रियाओं की दुनिया का एक रोमांचक सफर तय किया है, तो आइए इसे संक्षेप में देखें और कुछ महत्वपूर्ण अवधारणाओं को पुनर्स्थापित करें:

मुख्य विषयों का पुनर्कथन:

  • हमने सीखा कि रासायनिक अभिक्रियाएँ पदार्थों के परिवर्तन का आधार हैं, जहाँ नए पदार्थ पुराने के पुनर्व्यवस्था और संयोजन से बनते हैं.
  • हमने रासायनिक समीकरणों को लिखने का तरीका सीखा, जो भाषा है जिसके ज़रिए हम इन परिवर्तनों को सूत्रों और गुणांक के ज़रिए दर्शाते हैं.
  • हमने विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाओं के बारे में जाना, जैसे संयोजन, विखंडन, विस्थापन, द्वि-विस्थापन, ऑक्सीकरण और अपचयन. ये अभिक्रियाएं अलग-अलग तरीकों से पदार्थों का व्यवहार बदलती हैं.
  • हमने ऑक्सीकरण अभिक्रियाओं के कुछ महत्वपूर्ण प्रभावों, जैसे जंग और बासीपन, के बारे में जाना.
  • हमने देखा कि रासायनिक अभिक्रियाएँ न सिर्फ हमारे दैनिक जीवन में खाना पकाने, सफाई आदि में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि उद्योगों में रसायन, लोहा, खाद्य और ऊर्जा उत्पादन का आधार भी हैं.

विज्ञान में रासायनिक अभिक्रियाओं का महत्व:

रासायनिक अभिक्रियाओं को समझना विज्ञान का एक आधारभूत सिद्धांत है. इससे हमें पता चलता है कि पदार्थ कैसे आपस में मिलते हैं, बदलते हैं और नए उत्पाद बनाते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक खोज और नवाचार के लिए रासायनिक अभिक्रियाओं का ज्ञान ज़रूरी है. ये क्षेत्र शामिल हैं:

  • रसायन विज्ञान: नए रसायनों, दवाइयों, सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों के विकास का आधार.
  • जीव विज्ञान: कोशिकाओं में होने वाली जैव रासायनिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण.
  • पर्यावरण विज्ञान: प्रदूषण नियंत्रण, जल उपचार और अन्य पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में कारगर.
  • भौतिक विज्ञान: सामग्रियों के गुणों और उनके रासायनिक व्यवहार के बीच संबंध को समझने में मददगार.

इस तरह, रासायनिक अभिक्रियाओं का अध्ययन न सिर्फ रोचक और ज्ञानवर्धक है, बल्कि वैज्ञानिक प्रगति और समस्याओं के समाधान का एक शक्तिशाली उपकरण भी है.

कक्षा 10 विज्ञान: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण – प्रमुख अवधारणाएँ और अभ्यास

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. रासायनिक अभिक्रिया में, अभिकारकों के अणुओं के बीच नए बंधन बनते हैं या टूटते हैं।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

2. रासायनिक अभिक्रियाओं में, पदार्थों के गुणों में परिवर्तन होता है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

3. रासायनिक अभिक्रियाओं में, ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन हो सकता है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

4. रासायनिक अभिक्रियाओं में, अभिकारकों और उत्पादों की कुल संख्या समान रहती है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

5. संतुलित रासायनिक समीकरण में, अभिकारकों और उत्पादों के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

6. संयोजन अभिक्रिया में, दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

7. वियोजन अभिक्रिया में, एक पदार्थ दो या दो से अधिक पदार्थों में विभाजित हो जाता है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

8. विस्थापन अभिक्रिया में, एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

9. द्विविस्थापन अभिक्रिया में, दो तत्वों के बीच उनके स्थानों का आदान-प्रदान होता है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

10. उपचयन अभिक्रिया में, एक तत्व दूसरे तत्व से इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।

(a) सत्य (b) असत्य

उत्तर: (a)

कक्षा 10 विज्ञान: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण – प्रमुख अवधारणाएँ और अभ्यास

सक्षिप्त प्रश्न और उत्तर

1. रासायनिक अभिक्रिया को परिभाषित करें।

उत्तर: रासायनिक अभिक्रिया दो या दो से अधिक पदार्थों के बीच ऐसा परिवर्तन है जिसमें नए पदार्थ बनते हैं और अभिकारकों के गुणों में परिवर्तन होता है।

2. रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रमुख लक्षण क्या हैं?

उत्तर: रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • अभिकारकों के अणुओं के बीच नए बंधन बनते हैं या टूटते हैं।
  • पदार्थों के गुणों में परिवर्तन होता है।
  • ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन हो सकता है।
  • अभिकारकों और उत्पादों की कुल संख्या समान रहती है।

3. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है?

उत्तर: संतुलित रासायनिक समीकरण में, अभिकारकों और उत्पादों के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है।

4. संयोजन अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: संयोजन अभिक्रिया में, दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं।

5. वियोजन अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: वियोजन अभिक्रिया में, एक पदार्थ दो या दो से अधिक पदार्थों में विभाजित हो जाता है।

6. विस्थापन अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: विस्थापन अभिक्रिया में, एक तत्व दूसरे तत्व को उसके यौगिक से विस्थापित कर देता है।

7. द्विविस्थापन अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: द्विविस्थापन अभिक्रिया में, दो तत्वों के बीच उनके स्थानों का आदान-प्रदान होता है।

8. उपचयन अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: उपचयन अभिक्रिया में, एक तत्व दूसरे तत्व से इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।

9. अपचयन अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: अपचयन अभिक्रिया में, एक तत्व दूसरे तत्व को इलेक्ट्रॉन देता है।

10. ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्या है?

उत्तर: ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया में, ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।