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कक्षा 10 विज्ञान नोट्स: NCERT, CBSE, RBSE – Unit III: NATURAL PHENΟΜΕΝΑ – हिंदी में विस्तृत गाइड

प्रकाश परावर्तन तथा अपवर्तन

Reflection and Refraction of Light

प्रकाश एक ऊर्जा है जो तरंगों के रूप में यात्रा करता है। प्रकाश की तरंगें विद्युत चुम्बकीय तरंगें होती हैं, जो विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों के दोलनों से बनी होती हैं।

प्रकाश परावर्तन तब होता है जब प्रकाश एक सतह से टकराता है और उसी माध्यम में वापस लौट जाता है। प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं:

  • परावर्तन का नियम: आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है।
  • परावर्तन का नियम: आपतन किरण, अभिलम्ब और परावर्तित किरण एक ही समतल में होती हैं।

Reflection of Light

Reflection of light occurs when light strikes a surface and bounces back into the same medium. There are two laws of reflection of light:

  • Law of reflection: The angle of incidence equals the angle of reflection.
  • Law of reflection: The incident ray, the normal, and the reflected ray are all in the same plane.

प्रकाश अपवर्तन तब होता है जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है। प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं:

  • स्नेल का नियम: अपवर्तित किरण, आपतन किरण और दो माध्यमों के बीच के सीमा सतह के अभिलम्ब के बीच का कोण, दो माध्यमों के अपवर्तनांकों के अनुपात के बराबर होता है।
  • परावर्तन का नियम: आपतन कोण परावर्तन कोण से अधिक होता है या कम होता है।

Refraction of Light

Refraction of light occurs when light enters one medium from another. There are two laws of refraction of light:

  • Snell’s law: The angle of refraction is equal to the ratio of the refractive indices of the two media multiplied by the angle between the incident ray and the normal to the boundary surface between the two media.
  • Reflection of light: The angle of incidence is greater than or less than the angle of reflection.

प्रकाश परावर्तन और अपवर्तन के उदाहरण

Examples of reflection and refraction of light

  • जब आप एक दर्पण में देखते हैं, तो आप अपने आप को देख पाते हैं क्योंकि प्रकाश दर्पण से परावर्तित होता है।
  • जब आप एक गिलास पानी में एक छड़ी डालते हैं, तो छड़ी मुड़ी हुई दिखाई देती है क्योंकि प्रकाश पानी में अपवर्तित होता है।
  • जब आप सूर्योदय या सूर्यास्त के समय आकाश को देखते हैं, तो आकाश लाल दिखाई देता है क्योंकि प्रकाश वायुमंडल में अपवर्तित होता है।

Applications of reflection and refraction of light

  • दर्पण: दर्पण प्रकाश के परावर्तन का उपयोग करके छवियों को बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • लेन्स: लेन्स प्रकाश के अपवर्तन का उपयोग करके छवियों को बनाने या मोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • ऑप्टिकल फाइबर: ऑप्टिकल फाइबर प्रकाश के अपवर्तन का उपयोग करके डेटा को लंबी दूरी तक भेजने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

प्रकाश परावर्तन और अपवर्तन हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें देखने, पढ़ने और अन्य कार्यों को करने में सक्षम बनाते हैं।

प्रकाश का परावर्तन और अपवर्तन

Reflection and Refraction of Light

प्रकाश एक ऊर्जा है जो तरंगों के रूप में यात्रा करता है। प्रकाश की तरंगें विद्युत चुम्बकीय तरंगें होती हैं, जो विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों के दोलनों से बनी होती हैं।

प्रकाश परावर्तन

Reflection of Light

प्रकाश परावर्तन तब होता है जब प्रकाश एक सतह से टकराता है और उसी माध्यम में वापस लौट जाता है। प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं:

  • परावर्तन का नियम: आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है।
  • परावर्तन का नियम: आपतन किरण, अभिलम्ब और परावर्तित किरण एक ही समतल में होती हैं।

Law of reflection: The angle of incidence equals the angle of reflection.

Law of reflection: The incident ray, the normal, and the reflected ray are all in the same plane.

प्रकाश अपवर्तन

Refraction of Light

प्रकाश अपवर्तन तब होता है जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है। प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं:

  • स्नेल का नियम: अपवर्तित किरण, आपतन किरण और दो माध्यमों के बीच के सीमा सतह के अभिलम्ब के बीच का कोण, दो माध्यमों के अपवर्तनांकों के अनुपात के बराबर होता है।

Snell’s law: The angle of refraction is equal to the ratio of the refractive indices of the two media multiplied by the angle between the incident ray and the normal to the boundary surface between the two media.

Glare: Glare is the light reflected from a surface that is too bright. Glare can make it difficult to see objects.

Applications of reflection and refraction of light

Applications of reflection and refraction of light

  • दर्पण: दर्पण प्रकाश के परावर्तन का उपयोग करके छवियों को बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • लेन्स: लेन्स प्रकाश के अपवर्तन का उपयोग करके छवियों को बनाने या मोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • ऑप्टिकल फाइबर: ऑप्टिकल फाइबर प्रकाश के अपवर्तन का उपयोग करके डेटा को लंबी दूरी तक भेजने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

प्रकाश परावर्तन और अपवर्तन हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें देखने, पढ़ने और अन्य कार्यों को करने में सक्षम बनाते हैं।

गोलीय दर्पण

Spherical mirrors

गोलीय दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जो एक गोले के हिस्से से बना होता है। गोलीय दर्पणों को उनके वक्रता के केंद्र (C) और त्रिज्या (R) के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

वक्रता के केंद्र (C): वक्रता का केंद्र वह बिंदु होता है जिससे गोलीय दर्पण का वक्रता होता है।

त्रिज्या (R): त्रिज्या वक्रता के केंद्र से दर्पण के किनारे तक की दूरी होती है।

गोलीय दर्पणों के प्रकार

  • उत्तल दर्पण: उत्तल दर्पण का वक्रता बाहर की ओर होता है। उत्तल दर्पण वास्तविक और आवर्धित छवियां बना सकते हैं।
  • अवतल दर्पण: अवतल दर्पण का वक्रता अंदर की ओर होता है। अवतल दर्पण वास्तविक, आभासी और आवर्धित छवियां बना सकते हैं।

गोलीय दर्पणों के उपयोग

  • उत्तल दर्पण: उत्तल दर्पण का उपयोग कार के हेडलैंप, रोशनी के लैंप और सौर कुकर में किया जाता है।
  • अवतल दर्पण: अवतल दर्पण का उपयोग टेलीस्कोप, माइक्रोस्कोप और सर्जिकल उपकरणों में किया जाता है।

प्रकाश का परावर्तन और अपवर्तन और गोलीय दर्पण प्रकाशिकी के दो महत्वपूर्ण विषय हैं। ये विषय हमारे दैनिक जीवन में कई उपयोगी अनुप्रयोगों में पाए जाते हैं।

मानव नेत्र

The Human Eye

मानव नेत्र एक जटिल अंग है जो हमें देखने की क्षमता प्रदान करता है। नेत्र का मुख्य कार्य प्रकाश को एकत्र करना और इसे एक छवि में परिवर्तित करना है। नेत्र में निम्नलिखित भाग होते हैं:

  • कॉर्निया: कॉर्निया नेत्र की सबसे बाहरी परत होती है। यह प्रकाश को नेत्र में प्रवेश करने में मदद करता है।
  • आइरिस: आइरिस एक मांसपेशियों से बना होता है जो कॉर्निया के पीछे होता है। यह कॉर्निया के आकार को नियंत्रित करता है, जिससे प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है जो नेत्र में प्रवेश करती है।
  • प्यूपिल: प्यूपिल आइरिस का केंद्र होता है। यह प्रकाश को नेत्र में प्रवेश करने के लिए एक छोटा सा छेद प्रदान करता है।
  • लेंस: लेंस नेत्र के पीछे एक पारदर्शी अंग होता है। यह प्रकाश को फोकस करने में मदद करता है।
  • रेटिना: रेटिना नेत्र की सबसे अंदरूनी परत होती है। यह प्रकाश को तंत्रिका आवेगों में परिवर्तित करता है, जिन्हें मस्तिष्क द्वारा छवि के रूप में समझा जाता है।

दृष्टि दोष तथा उनका संशोधन

Defects of vision and their correction

दृष्टि दोष तब होते हैं जब नेत्र ठीक से काम नहीं करता है और छवियों को स्पष्ट रूप से नहीं देख सकता है। दृष्टि दोष के कुछ सामान्य प्रकार हैं:

  • दूरदृष्टि: दूरदृष्टि में, वस्तुएँ पास में स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसे दूरदर्शी लेंस का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है।
  • निकटदृष्टि: निकटदृष्टि में, दूर की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसे अवतल लेंस का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है।
  • अस्टिग्मैटिज्म: अस्टिग्मैटिज्म में, वस्तुएँ सभी दिशाओं में समान रूप से स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसे गोलाकार लेंस का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है।
  • प्रतिवर्ती दृष्टि: प्रतिवर्ती दृष्टि में, वस्तुएँ उलटी दिखाई देती हैं। इसे लेंस या सर्जरी का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है।

प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन

Refraction of light through a prism

प्रिज्म एक बहुभुज होता है जिसमें दो समतल सतहें होती हैं जो एक तीव्र कोण पर मिलती हैं। प्रिज्म से गुजरने वाला प्रकाश अपवर्तित होता है, जिसका अर्थ है कि यह अपनी दिशा बदलता है।

प्रिज्म से प्रकाश के अपवर्तन के कारण, श्वेत प्रकाश अपने घटक रंगों में विभाजित हो जाता है। इस घटना को विक्षेपण कहा जाता है।

काँच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण

Dispersion of white light by a glass prism

काँच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के विक्षेपण के कारण, लाल रंग सबसे कम विचलित होता है, जबकि बैंगनी रंग सबसे अधिक विचलित होता है। इसका कारण यह है कि विभिन्न रंगों के प्रकाश के लिए काँच का अपवर्तनांक भिन्न होता है।

वायुमंडलीय अपवर्तन

Atmospheric refraction

वायुमंडलीय अपवर्तन वह घटना है जिसमें प्रकाश वायुमंडल के माध्यम से यात्रा करते समय अपवर्तित होता है। वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण, दूर की वस्तुएँ उनके वास्तविक स्थान से ऊपर दिखाई दे सकती हैं।

प्रकाश का प्रकीर्णन

Scattering of light

प्रकाश का प्रकीर्णन वह घटना है जिसमें प्रकाश विभिन्न दिशाओं में फैल जाता है। प्रकाश का प्रकीर्णन विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि धूल के कण, गैस के अणु और अन्य पदार्थ।

प्रकाश का प्रकीर्णन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आसमान को लाल दिखाने के लिए जिम्मेदार है। इसका कारण यह है कि सूर्य के प्रकाश को वायुमंडल में यात्रा करने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है, और इस दौरान अधिकांश नीला और हरा प्रकाश प्रकीर्णित हो जाता है।