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कामचोरी का विश्लेषण: कामचोर की कार्यप्रणाली, मंत्र, गाने, हास्य और इससे बचने के प्रभावी तरीके

कई बार हम अपने आस-पास ऐसे लोगों को देखते हैं जो काम से बचने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों को कामचोर कहा जाता है।

कामचोर व्यक्ति की कार्यप्रणाली आमतौर पर चार चरणों में होती है। इन चरणों को ABCD के रूप में जाना जाता है।

कामचोर की कार्यप्रणाली

A – Avoid the Work

कामचोर व्यक्ति का पहला कदम कार्य से बचना होता है। उसे जब भी कोई काम दिया जाता है, तो वह उसे करने से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाता है। वह कह सकता है कि वह किसी अन्य काम में व्यस्त है, या वह कार्य करने के लिए योग्य नहीं है, या कार्य करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।

B – By pass the work

जब कामचोर व्यक्ति को कार्य से बचने में सफल नहीं होता है, तो वह उसे किसी और को सौंपने का प्रयास करता है। वह यह कह सकता है कि कार्य को करने के लिए उससे बेहतर कोई और व्यक्ति है, या वह कार्य को करने के लिए अधिक समय और संसाधनों की आवश्यकता है।

C – Create Confusion

जब कामचोर व्यक्ति को कार्य सौंपने में भी सफल नहीं होता है, तो वह कार्य को पूरा करने में विलंब करने का प्रयास करता है। वह कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक जानकारी या दिशानिर्देशों को अस्पष्ट या गलत बना सकता है। इससे कार्य को पूरा करना मुश्किल हो जाता है।

D – Dangerous finish of work

अंत में, जब कामचोर व्यक्ति को कार्य पूरा करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह कार्य को इस प्रकार पूरा करता है कि इससे नुकसान हो सकता है। वह कार्य को जल्दबाजी में या अत्यधिक लापरवाही से कर सकता है। इससे कार्य में त्रुटियां हो सकती हैं, या कार्य समय पर पूरा नहीं हो सकता है।

कामचोर व्यक्ति के मूल मंत्र निम्नलिखित हैं:

  • बने रहो पगला, काम करेगा अगला।
  • काम की फिक्र नहीं , बस काम का तो जिक्र सही।।
  • काम की मत लेना टेंशन, बस सेफ रखो पेंशन।

कामचोर व्यक्ति के इन मूल मंत्रों का प्रभाव निम्नलिखित है:

  • व्यक्तिगत विकास और सफलता में बाधा बन सकता है।
  • कार्यस्थल पर समस्याएं पैदा कर सकता है।
  • दूसरों पर निर्भरता बढ़ा सकता है।

कामचोर से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • स्पष्ट और विशिष्ट निर्देश दें।
  • कार्य को पूरा करने के लिए आवश्यक जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराएं।
  • कार्य को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित करें।
  • कार्य की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करें।

यदि कोई व्यक्ति कामचोरी कर रहा है, तो उसके साथ बातचीत करनी चाहिए और उसे कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यदि वह कार्य पूरा करने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

एक गीत : कामचोर

प्रथम श्लोक

काम से भागे, बहाने बनाता, कामचोर है वह, कोई ढोंगी। काम को दूसरों पर थोपता, अपना समय बेकार करता।

(कोरस)

कामचोर, कामचोर, तुम क्यों हो इतना बेकार? काम से बचने में माहिर, दूसरों पर भार।

काम को जल्दी से पूरा करने, वह जल्दबाजी में करता। गलतियाँ करता, नुकसान करता, सबका काम बिगाड़ता।

(कोरस)

कामचोर, कामचोर, तुम क्यों हो इतना बेकार? काम से बचने में माहिर, दूसरों पर भार।

तीसरा श्लोक

कामचोर व्यक्ति, व्यक्तिगत विकास में बाधा। कार्यस्थल पर समस्याएं पैदा करता, दूसरों पर निर्भरता बढ़ाता।

(कोरस)

कामचोर, कामचोर, तुम क्यों हो इतना बेकार? काम से बचने में माहिर, दूसरों पर भार।

आउट्रो

कामचोर व्यक्ति, एक कलंक है समाज पर। काम से बचने के लिए, वह हर हथकंडा अपनाता।

(कोरस)

कामचोर, कामचोर, तुम क्यों हो इतना बेकार? काम से बचने में माहिर, दूसरों पर भार।

एक व्यंग कहानी

शीर्षक: कामचोरी की कला

एक बार की बात है, एक कंपनी में एक कामचोर कर्मचारी था। उसका नाम था मोटू। रामू को काम करने में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी। वह हमेशा काम से बचने के लिए बहाने बनाता रहता था।

एक दिन, मोटू के बॉस ने उसे एक महत्वपूर्ण काम दिया। रामू ने सोचा कि इस काम से बचने का यह एक अच्छा मौका है। उसने अपने बॉस से कहा कि वह इस काम को करने के लिए योग्य नहीं है।

मोटू के बॉस ने उसे समझाया कि यह काम उसे करना ही होगा। रामू ने फिर से बहाना बनाया और कहा कि उसे इस काम के लिए आवश्यक जानकारी नहीं है।

मोटू के बॉस ने उसे जानकारी उपलब्ध कराई, लेकिन रामू ने फिर भी काम करने से मना कर दिया। उसने कहा कि उसे इस काम के लिए अधिक समय और संसाधनों की आवश्यकता है।

मोटू के बॉस ने उसे समय और संसाधन उपलब्ध कराए, लेकिन रामू ने फिर भी काम शुरू नहीं किया। वह लगातार बहाने बनाता रहा।

अंत में, मोटू के बॉस ने उसे चेतावनी दी कि यदि वह काम नहीं करेगा तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। रामू को डर लग गया और उसने काम करना शुरू कर दिया।

मोटू ने काम शुरू तो कर दिया, लेकिन वह बहुत धीरे-धीरे काम करता था। वह हर छोटी-छोटी बात में उलझ जाता था। इससे काम पूरा होने में बहुत समय लग गया।

जब काम पूरा हुआ, तो मोटू ने देखा कि उसने बहुत गलतियाँ की हैं। इससे कंपनी को नुकसान हुआ।

मोटू के बॉस को बहुत गुस्सा आया। उन्होंने रामू को नौकरी से निकाल दिया।

मोटू को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने सोचा कि वह अगर पहले से ही काम शुरू कर देता, तो इतनी गलतियाँ नहीं करता। वह नौकरी भी नहीं खोता।

मोटू ने वादा किया कि वह अब कभी भी काम से नहीं भागेगा। वह हमेशा अपना काम समय पर और अच्छी तरह से करेगा।

व्यंग्य एवम शिक्षा

इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कामचोरी कभी भी अच्छी नहीं होती। कामचोर व्यक्ति हमेशा दूसरों पर बोझ होता है। इससे कंपनी को भी नुकसान होता है।

कामचोर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी गलतियों से सीखें और हमेशा अपना काम समय पर और अच्छी तरह से करें।