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ऑनलाइन लेनदेन में धोखाधड़ी से बचने का यह आसान तरीका जरूर अपनाए।

हालांकि यह संभव है कि आप में से कुछ लोग इस समय डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग आदि जैसी बैंकिंग सेवाओं का उपयोग नहीं कर रहे हैं, लेकिन समय के साथ आप इन सेवाओं का उपयोग करने लगेंगे। इसके अतिरिक्त एक जागरूक नागरिक के रूप में आपको इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि ऑनलाइन लेनदेन में धोखाधड़ी किस प्रकार होती है ताकि आप अपने परिवार अपने मित्रों को इसकी जानकारी दे सकें।

ऑनलाईन लेनदेन में धोखाधड़ी का मतलब किसी साइबर अपराधी द्वारा आपके बैंक एकाउंट से गैर कानूनी रूप से पैसा निकालना अथवा उसे अन्य बैंक एकाउंट में अंतरित करना है। ऑनलाईन लेनदेन में धोखाधड़ी उस समय हो सकती है जब आपका login अथवा बैंक एकाउंट ब्यौरा अथवा क्रेडिट कार्ड ब्यौरा किसी साइबर अपराधी द्वारा चुरा लिया गया हो।

यह कैसे होता है?

साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से ऑनलाईन धोखाधड़ी करने के लिए। कई तरीके अपनाए जाते हैं। साइबर अपराधी किसी फर्जी एकाउंट से आपको ईमेल भेज सकते हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि वह या तो बैंक अथवा क्रेडिट कार्ड सेवा प्रदाता से प्राप्त हुई है। जब आप ईमेल दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं तो वह आपको ऐसे पेज पर ले जाता है जिसमें आपके बैंक एकाउट, क्रेडिट कार्ड, Card Verification Value (CVV) expiry date आदि जैसी संवेदनशील सूचना मांगी गयी होती है। यह सूचना देने पर आपका एकाउंट compromised हो सकता है।

साइबर अपराधी अपनी फर्जी पहचान से अपने को बैंक कर्मचारी बताकर आपको कॉल कर सकते हैं और आपसे क्रेडिट कार्ड अथवा बैंक ब्यौरा अर्थात् एकाउंट नंबर, Personal Identification Number (PIN) CVV, expiry date, जन्म तारीख पूछने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसा ब्यौरा देने पर आपका एकाउंट compromised हो सकता है ।

क्या आप जानते हैं कि आपका डेबिट / क्रेडिट कार्ड PIN यूनीक नंबर है जिसकी आवश्यकता एटीएम पर अथवा अन्य ऑनलाइन लेनदेन के लिए आपके कार्ड को access करने के लिए होती है। आप अपना पिन नंबर आसानी से बदल सकते हैं। समय-समय पर अपना पिन नंबर बदलते रहना अच्छी आदत है।

ऑनलाइन लेनदेन में धोखाधड़ी से बचने का यह आसान तरीका

आमतौर पर हमारा मोबाइल नंबर हमारे बैंक एकाउंट से लिंक्ड होता है। साइबर अपराधी अपने को मोबाइल सर्विस प्रदाता का कर्मचारी बताकर आपको कॉल भी कर सकते हैं और आपको यह सूचित कर सकते हैं कि यदि आप अपना Subscriber Identification Module अर्थात् सिम को अपडेट नहीं करेंगे तो आपका मोबाइल बंद हो जाएगा। सिम को अपडेट करने के लिए ये लोग आपको लिंक भेजेंगे अथवा आपसे कहेंगे कि आप अपने नंबर से सेवा प्रदाता को SMS भेजें। वास्तव में वे आपसे मोबाइल प्रदाता को SMS इसलिए भिजवाने का प्रयास कर रहे हैं कि आपका मौजूदा सिम block हो जाए और आपका duplicate SIM जारी हो जाए। वे सेवा प्रदाता से duplicate SIM प्राप्त करके आपके मोबाइल नंबर और banking app का इस्तेमाल करके ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए उसका इस्तेमाल करते हैं।

क्या आप जानते हैं कि बैंक, बैंकिंग धोखाधडी की हानि कीभरपाई तभी करता है जब लापरवाही अथवा सुरक्षा में कमी बैंक की ओर से हुई हो?

साल 2017 में केडिट / डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित कुल 1785 मामले दर्ज कराए गए थे। इससे कुल 71.48 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ।

क्या आप ऑनलाइन लेन-देन की धोखाधड़ी को लेकर चिंतित हैं, चिंता मत कीजिए जानकारी और सावधानी से आप स्वयं को ऑनलाइन लेन-देन की धोखाधड़ी से बचा सकते हैं। कृपया याद रखें यदि आप अपने बैंक तथा कार्ड का ब्योरा जैसे कार्ड नंबर PIN, CVV, वैद्यता समाप्ति तिथि, बैंक खाता पासवर्ड इत्यादि किसी के साथ साझा न करें इससे आप स्वयं को ऑनलाइन लेन-देन की धोखाधड़ी से बचा सकते हैं। आपको सतर्क रहने और स्वयं को तथा अपने मित्रों को ऐसी धोखाधड़ी से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को अपनाना होगा।

आइए इस बात पर चर्चा करें कि कैसे आप स्वयं को ऑनलाइन लेन-देन की धोखाधड़ी काशिकार होने से बचा सकते हैं। इन सुझावों को अपने परिवार तथा मित्रों से साझा करना न भूले।

  • अपने बैंक तथा कार्ड का ब्योरा जैसे कि ऑनलाइन एकाउंट पासवर्ड कार्ड नंबर, CVV, वैद्यता समाप्ति तिथि, PIN OTP इत्यादि किसी के साथ साझा न करें। इन व्योरों को साझा करने से आपके खाते को खतरा हो सकता है जिससे अवैध ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन किया जा सकता है।
  • अपने बैंक खाते के ऑनलाइन पासवर्ड तथा अपने डेबिट / क्रेडिट कार्ड के PIN को नियमित रूप से अपडेट करने की आदत बनाए
  • जब भी अपने बैंक खाते में लॉग इन करें तो बैंक की वेबसाइट स्वयं टाइप करने की आदत बनाए। ई-मेल मैसेज अथवा पॉप-अप पर आने वाले बैंक वेबसाइट के लिंक पर कभी क्लिक न करें। ये जाली लिंक हो सकते हैं और आपको जाली साइट पर ले जा सकते हैं। एक बार जब आप जाली साइट से अपने बैंक खाते पर लॉग इन करते हैं आपकी गोपनीय जानकारी जैसे खाता संख्या तथा पासवर्ड चोरी हो सकते हैं।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सुरक्षित बैंक वेबसाइट पर पहुंचे हैं, बैंक के सुरक्षा प्रमाणपत्र ब्यौरें तथा विभिन्न साइनों जैसे ग्रीन एड्रेस लाइन, एड्रेस बार पर लॉक साइन तथा HTTPS की जांच करें।
  • हमेशा ध्यान दे कि वेबसाइट URL HTTPS से शुरू हो रहा हो। HTTPS वाले वेबसाइट URL आपके डाटा को वेबसाइट पर encrypt करके प्रदान करता है तथा उसे किसी प्रकार की हानि से सुरक्षित रखता है। जो वेबसाइट HTTPS से आरंभ नहीं होती है उस पर अपनी गोपनीय सूचना जैसे कि ऑनलाइन एकाउंट पासवर्ड, कार्ड नंबर, CVV वैद्यता समाप्ति तिथि, PIN, OTP इत्यादि साझा न करें।
  • अपने मोबाइल फोन को भी सुरक्षित रखना आवश्यक है क्योंकि आपका मोबाइल नबर आपके बैंक खाते के साथ जुड़ा होता है। अपने मोबाइल फोन को खोलने के लिए हमेशा एक जटिल पासवर्ड प्रयोग करें तथा एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इन्स्टाल करें। अगर आपको आपके मोबाइल सर्विस प्रदाता से कॉल प्राप्त होती
  • है कि यदि आप अपना नंबर अपडेट नहीं करेंगे तो आपका नंबर निष्क्रिय कर दिया जाएगा या ऐसा कोई अन्य संदेश प्राप्त होता है तो सावधान हो जाएं। फोन को काट दे और अपने मोबाइल सेवा प्रदाता के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके पता करें कि वह काल वास्तविक थी या नहीं।
  • अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर में कभी भी चोरी का सॉफ्टवेयर इंस्टाल न करें। यह न केवल गैरकानूनी है बल्कि यह आपके उपकरण की सुरक्षा को नुकसान भी पहुंचा सकता है। हमेशा अपने कम्प्यूटर तथा मोबाइल फोन में अच्छा एंटीवायरस इंस्टाल करें। यह आवश्यक है कि आप अपने कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर तथा एंटीवायरस को up-to-date रखें।
  • कभी भी किसी सार्वजनिक वाय-फाई या साइबर कैफे के कम्प्यूटर का प्रयोग ऑनलाइन लेनदेन के लिए न करें क्योंकि हो सकता है कि साइबर कैफे के कम्प्यूटर में अपडेटिड एंटीवायरस न हो या मैलवेयर से इंफैक्टिड हो जो आपके बैंक विवरण और अन्य महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी प्राप्त कर सकता है जैसे कार्ड नं., कार्ड समाप्ति की तारीख, सी वी वी आदि।
  • अपने बैंक खाते और क्रेडिट कार्डों के मासिक विवरण को नियमित रूप से जांचने की (आदत डालें। यह देखें कि कोई अप्राधिकृत लेनदेन तो नहीं हुआ है।
  • यदि आपको यह पता चले कि आपके बैंक खाते या कार्ड के विवरण किसी के द्वारा प्राप्त कर लिए गए हैं / चुरा लिए गए हैं या आपका डेबिट या क्रेडिट कार्ड गुम हो गया है तो तुरंत बैंक को फोन करे और अपना कार्ड / खाता तुरंत ब्लॉक कर दें। यदि आपके खाते से कोई अप्राधिकृत लेनदेन हुए हैं तो अपने निकटतम पुलिस स्टेशन पर औपचारिक शिकायत दर्ज करवाएं।