चैक संबंधी प्रभावी नियम: सरकारी कार्यालयों के लिए अच्छी प्रथाएँ
मुख्य बिंदु:
कपट से बचने के लिए:
राजकीय कार्यालयों में चैक का प्रयोग वित्तीय लेन-देन के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। चैक से संबंधित प्रक्रियाओं को सुचारु और सुरक्षित बनाने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाना चाहिए:
चैक बुकों को सुरक्षित रखना और उनकी नियमित जांच करना अनिवार्य है। इससे चैक बुक के दुरुपयोग या चोरी होने की संभावना कम होती है।
राशि को शब्दों और अंकों में स्पष्ट रूप से लिखना और अंत में ‘ONLY’ जोड़ना चाहिए। इससे राशि में अनधिकृत परिवर्तन की संभावना कम होती है।
किसी भी परिवर्तन या सुधार को अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए।
चैक पर राशि लिखते समय अंतराल न छोड़ें और शब्दों के बीच में रेखा खींचें ताकि कोई अतिरिक्त शब्द न जोड़ा जा सके।
चैक को ‘अकाउंट पेयी’ बनाने के लिए चैक पर दो समानांतर रेखाएं खींचनी चाहिए। इससे चैक केवल उसी व्यक्ति के खाते में जमा हो सकता है जिसके नाम पर चैक जारी किया गया है।
यह सुनिश्चित करता है कि चैक का भुगतान सही व्यक्ति को ही किया जाए।
बड़ी राशि के चैकों के लिए यह प्रक्रिया अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है।
यह नियम छोटी राशियों के लिए चैक के अनावश्यक प्रयोग को रोकता है।
चैक की वैधता सीमित समय के लिए होती है, जिससे वित्तीय लेन-देन में स्पष्टता रहती है।
यह सुनिश्चित करता है कि सभी कर संबंधी दायित्वों का पालन किया जाए।
यदि चैक को निरस्त किया जाता है, तो इसे चैक बुक में उल्लेखित करना चाहिए।
यह नियम लंबे समय तक अनुपयोगी चैकों को निरस्त करने के लिए है।
खोए हुए या चोरी हुए चैक के लिए बैंक को सूचित करना और आवश्यक कार्रवाई करना जरूरी है।
पोस्ट-डेटेड चैकों के लिए यह नियम लागू होता है, जिससे निर्धारित तारीख से पहले भुगतान नहीं किया जा सकता।इन नियमों का पालन करके राजकीय कार्यालय वित्तीय लेन-देन को सुरक्षित और प्रभावी बना सकते हैं।
व्यक्तिगत विवादों के लिए:
सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के पक्ष में चैकों को रेखांकित करना।
1000/- रुपए या उससे अधिक के चैकों की सूचना को कोषागार/बैंक में भेजना।
सामान्यत: 100/- रुपए से कम की राशि के चैक जारी नहीं करना।
विधि मान्यता:
जारी किए गए चैकों को जारी दिनांक से 3 महीने तक ही मान्यता देना।
चैक द्वारा भुगतान करते समय बिक्रीकर और आयकर की कटौती करना।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश:
निरस्त चैक को प्रतिपड़त पर निरस्त करने का उल्लेख करना।
12 महीने तक बिना भुगतान किए रहने पर चैक को निरस्त करना।
खोए हुए चैक की सूचना संबंधित बैंक शाखा को देना और खोए हुए चैक के लिए क्षतिपूर्ति बंध भराना।
जिन चैकों पर किसी विशेष तारीख से पूर्व भुगतान नहीं किया गया, उन्हें लेखों पर उस दिन तक प्रभारित नहीं करना।
यही नियम आपके कार्यालय के चैक प्रक्रिया को सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखने के लिए हैं।