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भगवान बुद्ध के पावन अवशेषों की प्रदर्शनी बैंकॉक में आयोजित

भगवान बुद्ध के पावन अवशेषों की प्रदर्शनी बैंकॉक में आयोजित

बैंकॉक, 24 फरवरी 2024: भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पावन अवशेषों को बैंकॉक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित मंडप में बड़ी श्रद्धा और पवित्र मंत्रोच्चार के साथ सार्वजनिक पूजा के लिए प्रतिष्ठापित किया गया। बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बुद्ध के पावन अवशेष थाईलैंड के प्रधानमंत्री (अध्यक्ष) श्री श्रेथा थाविसिन को सुपुर्द किया जबकि अरहंत सारिपुत्र और महा मौदगलायन के अवशेष केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री श्री सोमसक थेपसुतिन तथा थाईलैंड के संस्कृति मंत्री को मंडप में प्रतिष्ठापित करने के लिए सुपुर्द किए।

राष्ट्रीय संग्रहालय से प्राप्त अवशेषों की एक राजसी परेड भी आयोजित की गई जिसमें भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पावन अवशेषों की 26 दिवसीय भव्य प्रदर्शनी के एक हिस्से के रूप में बैंकॉक के शाही महल मैदान में थाईलैंड की संस्कृति तथा विरासत को प्रदर्शित किया गया। इस परेड में भारत और थाईलैंड के बीच सौहार्द्र को भी प्रदर्शित किया गया क्योंकि परेड में दोनों देशों की सांस्कृतिक प्रदर्शनी के साथ साथ भारत और थाईलैंड के राष्ट्रीय ध्वज भी शामिल थे।

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सरकारों द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। भारत में आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित ‘‘बुद्धभूमि भारत‘‘ प्रदर्शनी का भी बिहार के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री तथा थाईलैंड के संस्कृति मंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पावन अवशेष बैंकॉक में सार्वजनिक पूजा के लिए प्रतिष्ठापित
  • 26 दिवसीय भव्य प्रदर्शनी का आयोजन
  • भारत और थाईलैंड की संस्कृति और विरासत का प्रदर्शन
  • बुद्धभूमि भारत प्रदर्शनी का उद्घाटन

उद्धरण:

  • बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर: “भगवान बुद्ध करुणा और अहिंसा की प्रतिमूर्ति हैं। भारत एक पावन भूमि है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनके उपदेशों का पालन करते हुए भारत ने हमेशा विश्व को ‘करुणा‘ और ‘अहिंसा‘ का संदेश दिया।”
  • थाईलैंड के संस्कृति मंत्री: “थाईलैंड मानव जाति के लिए भगवान बुद्ध के संदेशों को फैलाने के लिए सभी प्रयत्न करेगा।”

अन्य जानकारी:

  • बिहार के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बैंकॉक में वाट फो मंदिर का दौरा किया।
  • उन्होंने मंगोलिया के कांग्यूर (त्रिपिटिका – बौद्ध धर्म की पवित्र पुस्तकों) की 108 खंडों तथा प्रोफेसर सत्य व्रत शास्त्री द्वारा लिखी 26 पुस्तकों का एक सेट वाट फो के उप मठाधीश मोस्ट वेन डॉ. देबवज्राचार्य को भेंट किया।
  • मोस्ट वेन पुणे विश्वविद्यालय के सम्मानित पूर्व छात्र रहे हैं।

यह प्रदर्शनी भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को दर्शाती है।

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