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“श्रुति लेखक के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश और सावधानियां: निशक्तता प्रमाणपत्र और डॉक्टर की सलाह की आवश्यकताएं”

श्रुति लेखक: महत्वपूर्ण निर्देश और सावधानियां

प्रथम दृष्टया, यह स्पष्ट किया जाता है कि 75 प्रतिशत या अधिक निशक्तता होने पर ही श्रुतलेख की सुविधा प्रदान की जाएगी। हालाँकि, कुछ अभिभावकों द्वारा इस प्रावधान का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है। वे 45 से 75 प्रतिशत के बीच की निशक्तता वाले प्रमाण पत्रों के आधार पर भी श्रुतिलेखक की मांग कर रहे हैं।

केंद्र अधीक्षकों को इस मामले में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। प्रमाण पत्र के अलावा, यह अनिवार्य है कि डॉक्टर की स्पष्ट अभिशंसा हो कि छात्र दैनिक रूप से राइट हैंड से लिखता है और फैक्चर, गहरे घाव या चोट के कारण अभी इतने दिनों तक लिखने में असमर्थ है। ऐसी अभिशंसा प्राप्त होने पर ही केंद्र अधीक्षक स्क्राइबर के लिए समिति का गठन कर सकते हैं।

यदि बिना चिकित्सक की सलाह के स्क्राइबर नियुक्त किया जाता है, तो छात्र का परिणाम रोक दिया जाएगा, विक्षक का मानदेय देय नहीं होगा, और स्वयं केंद्र अधीक्षक संदेह के घेरे में आ सकते हैं।

इसलिए, सभी केंद्र अधीक्षकों से अनुरोध है कि वे इन निर्देशों का कठोरता से पालन सुनिश्चित करें, ताकि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके।