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स्वप्न से संविधान तक: भारत के संविधान का निर्माण

भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया बताए?

भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया:

1. संविधान सभा का गठन:

  • 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के तहत संविधान सभा का गठन हुआ।
  • इसमें 389 सदस्य थे, जिनमें से 292 सीधे चुने गए थे।
  • बाकी सदस्य राज्यों, रियासतों और विभिन्न समुदायों द्वारा मनोनीत किए गए थे।

2. संविधान सभा की बैठकें:

  • संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी।
  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सभा का अध्यक्ष चुना गया था।
  • सभा ने 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिनों में 166 बैठकें कीं।

3. संविधान का मसौदा:

  • संविधान सभा ने विभिन्न समितियों का गठन किया, जिन्होंने संविधान के विभिन्न भागों का मसौदा तैयार किया।
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
  • उन्होंने संविधान का मसौदा तैयार किया, जिसे सभा ने 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया।

4. संविधान का लागू होना:

  • संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
  • इस दिन को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं:

  • 22 जुलाई 1947 को, संविधान सभा ने “उद्देश्य प्रस्ताव” को अपनाया, जिसमें भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने का संकल्प लिया गया था।
  • 26 नवंबर 1949 को, संविधान सभा ने संविधान को स्वीकार किया।
  • 26 जनवरी 1950 को, संविधान लागू हुआ।

संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण योगदानकर्ता:

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर
  • जवाहरलाल नेहरू
  • सरदार वल्लभभाई पटेल
  • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
  • सरोजिनी नायडू
  • हंसराज गुप्ता

संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां:

  • भारत की विविधता
  • सांप्रदायिकता
  • भाषा का प्रश्न
  • राज्यों के अधिकारों का प्रश्न
  • सामाजिक-आर्थिक न्याय का प्रश्न

संविधान निर्माण की प्रक्रिया भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी।

यह एक ऐसा दस्तावेज है जो भारत के लोगों को स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व प्रदान करता है।