राजस्थान शिक्षा विभाग समाचार 2023

समाचारों की दुनिया

Gandhi’s Vision for a Just Society: Reflections on his Essays

– गांधी जी देश के महान प्रेरकों में से एक थे।
– उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा के माध्यम से श्रमिकों, किसानों और दलितों को संगठित करने का प्रयास किया।
– गांधी जी के महात्मा की संदेश ने थतोत्साह देकर नहीं सिर्फ भारत में बल्कि उनके बाहर के अन्‍य देशों में भी दलितों, छोटे वर्गों व व्यवसायियों के लोगों में एक समानता का महसूस कराया।
– उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा के माध्यम से श्रमिकों, किसानों और दलितों को संगठित करने का प्रयास किया।
– गांधी जी का संदेश भारत स्वतंत्र होने के बाद भी जारी रहा और बहुत से समाज सुधारों के लिए प्रेरक रहा।

गांधी के न्यायपूर्ण समाज के लिए दृष्टिकोण: उनकी निबंधों पर विचारधारा की पराकाष्ठाओं में रूचि

महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे जो अपनी समाजसेवा और आध्यात्मिकता के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। उनकी विचारधारा हम सभी को उनसे प्रभावित करती है और वह निरंतर हमारे लिए एक प्रेरणास्रोत बने रहते हैं। गांधी ने अनेक निबंध लिखे हैं जो उनके समाज के लिए न्यायपूर्ण भविष्य के लिए एक समाज की आवश्यकता को उजागर करते हैं। इस ब्लॉग में हम गांधी जी के न्यायपूर्ण समाज के लिए दृष्टिकोण: उनकी निबंधों पर विचारधारा की पराकाष्ठाओं में रूचि को देखेंगे।

1. समाज के लिए संघर्ष करना आवश्यक है
गांधी जी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नेतृत्व किया था। उन्होंने अपने नैतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उसे एक सफलता बनाया। उन्होंने एक सामाजिक संघर्ष का आह्वान किया था जो समाज को एक साथ लाने और उसे आंदोलन के जरिए बदलने की क्षमता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समाज के लोगों को संघर्ष करना आवश्यक होता है लेकिन वे नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के साथ संघर्ष करें।

2. अन्याय का समाधान घातक नहीं होना चाहिए
गांधी जी को न्याय के विषय में बहुत विशिष्ट विचारधारा थी। उन्होंने कहा कि न्याय का खोज धर्म, मानवता और सत्य के साथ जुड़ा होना चाहिए। उन्होंने अन्याय के सामने खड़े होने के लिए अपने संघर्ष और आंदोलन के जरिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि न्याय को हमेशा दूसरों के हित के लिए देखना चाहिए और उसे घातक नहीं होने देना चाहिए।

3. दुनिया में जीवन जीने के लिए आध्यात्मिकता की जरुरत है
गांधी जी का कहना था कि दुनिया में जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है अगर आप आध्यात्मिक नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आध्यात्मिकता आपके अंतःकरण के निर्माण में मदद करती है और उनकी पहचान को बढ़ाती है। आध्यात्मिकता का महत्व उन्होंने अपने निबंधों में बार-बार उल्लेख किया था।

समापन

गांधी जी ने एक संघर्षपरक जीवन जीवन काटा और उनके निबंधों में उनकी दृष्टिकोण को दिखाया गया है। उनकी निबंधों में न्याय, सत्य, मानवता और आध्यात्मिकता की उच्चता होती है। हम सभी को इन्हीं मूल्यों के साथ चलना चाहिए जो गांधी द्वारा लिखे गए उनके निबंधों में उपलब्ध हैं। यदि आप इस जैसे अधिक लेखों की इच्छा रखते हैं, तो हमारी ईमेल न्यूज़लेटर सदस्यता लें।

Related posts
समाचारों की दुनियास्कूली खेलकूद

World Boxing Championships: नीतू घंघास पहली बार में बनी वर्ल्ड चैंपियन

Social Mediaसमाचारों की दुनियास्कूली खेलकूद

स्विस ओपन 2023 | आज भारतीय पुरुष युगल की भिड़ंत मलेशियाई जोड़ी से साँय 7 बजे से

Educational NewsImportant Ordersसमाचारों की दुनिया

राजस्थान के राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 01-01-2023 की किश्त की मंजूरी

समाचारों की दुनिया

फरहान अख्तर | राजस्थान की फ़िल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति के मुरीद हुए