शीतलहर किसे कहते हैं?
शीतलहर से आशय है कि जब एक दिन में या 24 घंटे में तापमान में तेजी से गिरावट होती है व चलने वाली हवा बहुत हो ठंडी हो जाती है, उसे शीतलहर कहते हैं। शीत लहर के कारण कृषि, उद्योग, वाणिज्य और सामाजिक गतिविधियों बहुत अधिक प्रभावित होती हैं। विश्व के कई देशों में एक निश्चित व औसत तापमान के नीचे तक तापमान चला जाता है तब माना जाता है कि शीतलहर आ गया है। शीतलहर में चलने वाली हवाएं बहुत ही शीतल हो जाती हैं। हवाओं की शीतल होने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि सभी वस्तुएं शीतल होती हैं और हवाए जब उनसे स्पर्श करती है तो वह भी शीतल हो जाती हैं। इस प्रकार इन ठंडी हवाओं का जब प्रकोप औसत तापमान से नीचे चला जाता है। अतः ठंडी हवाओं के लहर के कारण अत्यधिक ठंड लगती है और शीतलहर जिसे कहा जाता है।
शीतलहर कौन से महीने में चलती है?
दिसंबर और जनवरी दो ऐसे महीने हैं जब रात का तापमान सामान्य से पांच-छह डिग्री तक नीचे चला जाता है। 15 दिनों में तो कम से कम दो से तीन बार शीतलहर चल जाती है। शीतकालीन संक्रांति पर सूर्य की रोशनी की मात्रा न्यूनतम होती है, जो 22 दिसंबर के आसपास होती है, आप उस दिन को औसतन साल का सबसे ठंडा दिन होने की उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन इसके बजाय, उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे ठंडा समय लगभग 2 महीने बाद फरवरी में होता है।
ठंड का मौसम या सर्दी का मौसम नवंबर के महीने में शुरू होता है और फरवरी, दिसंबर और जनवरी के महीने में समाप्त होता है और ये महीने सबसे ठंडे महीने होते हैं। नोट: देश के अधिकांश हिस्सों में यह मौसम शुष्क मौसम है क्योंकि उत्तर पूर्व की व्यापारिक हवाएं भूमि से समुद्र की ओर चलती हैं।
शीतलहर से बचाव कैसे करे?
शीतलहर से पहले
सर्दियों के कपड़े पर्याप्त मात्रा में रखें। कपड़ों की कई परतें पहनना भी लाभदायक रहता है। आपातकालीन आपूर्तियों के लिए सभी सामान तैयार रखें।
शीतलहर के दौरान
पर्याप्त पानी स्टोर करें क्योंकि पाइपों में पानी जम सकता है जितना संभव हो, घर के अंदर रहें। ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। अपने शरीर को सुखाकर रखें। यदि कपड़े गीले हो जाएँ तो उन्हें तुरंत बदलें। इससे शरीर की उष्मा बनी रहेगी। दस्ताने के बजाय मिन्स को प्राथमिकता दें। मिट्टन्स अधिक गर्मी और तापावरोधन प्रदान करते हैं।
मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें।
नियमित रूप से गर्म पेय पिएं। शराब न पिएं। यह आपके शरीर के तापसान को कम करता है।
बुजुगों और बच्चों का ख्याल रखें। पर्याप्त पानी स्टोर करें क्योंकि पाइपों में पानी जम सकता है।
शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहे।शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें इससे अधिक नुकसान हो सकता है। शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी गर्म नहीं (शरीर के अप्रभावित भागों के लिए स्पर्श के लिए आरामदायक होना चाहिए) में डालें।
कंपकंपी को नजरअंदाज न करें यह एक महत्वपूर्ण अग्रिम संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें।
हाइपोथर्मिया के मामले में मरीज की देखभाल कैसे करे?
व्यक्तिको गर्म स्थान पर ले जाएं और कपड़े बदल दें।
व्यक्ति के शरीर को शारीरिक संपर्क, बिजली के कंबल, सूखे कंबलों, कपड़ों, तौलियों या चादरों से गर्मी दें।
शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय पिलाएं, लेकिन मादक पेय नदे।
जितनी जल्दी हो सके, व्यक्ति को उचित चिकित्सा उपलब्ध कराएं।