कार्मिक को सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत करवाने के पश्चात् ही अपनी यात्रा पर प्रस्थान करना अनिवार्य है। स्वीकृत अवकाश अवधि के दौरान कार्मिक को विदेश में निर्धारित समय से अधिक नहीं ठहरना चाहिए और अवकाश समाप्ति पर समय पर कर्तव्य स्थान पर वापसी सुनिश्चित करनी होगी।
यदि कोई कार्मिक स्वीकृत अवकाश अवधि के पश्चात् भी अपने कर्तव्य स्थान पर अनुपस्थित रहता है, तो उसे कर्तव्य से जानबुझकर अनुपस्थित माना जाएगा और आर.एस.आर. 1951 के नियम 86 के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
सक्षम अधिकारी विदेश यात्रा की अवकाश स्वीकृति से पूर्व निम्नलिखित पुष्टि कर लेंगे:
विदेश यात्रा की अनुमति केवल स्वीकृत अवकाश अवधि के लिए ही मान्य होगी।
विदेश यात्रा पर प्रस्थान करने से पूर्व, संबंधित कार्मिक को अपने विदेश प्रवास का पूर्ण पता, मोबाइल नंबर आदि अपने कार्यालय को सूचित करना होगा।
विदेश यात्रा हेतु या विदेश यात्रा के दौरान राज्य सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी, न ही राजकीय स्रोत से विदेशी मुद्रा उपलब्ध करवाई जाएगी।
विदेश यात्रा के दौरान किसी प्रकार का अध्ययन, व्यवसाय, या नियोजन कार्य स्वीकार नहीं किया जावेगा। किसी भी राजकीय अभिलेख या सूचना की गोपनीयता का भंग नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
उपरोक्त निर्देश और शर्तें कार्मिकों की विदेश यात्रा संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी और आवश्यकताओं को समेटे हुए हैं। इनका पालन सुनिश्चित करने से ही संबंधित कार्मिक और संस्थान के हितों की रक्षा सुनिश्चित होगी। सभी कार्मिकों को इन निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए ताकि विदेश यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा या विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो। यह सुनिश्चित करना भी अत्यंत आवश्यक है कि विदेश यात्रा के उद्देश्य और अवधि को सटीक रूप से पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी या अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचा जा सके।
इसके अलावा, विदेश यात्रा से संबंधित सभी सूचनाओं को समय पर उचित अधिकारियों और विभागों के साथ साझा करना चाहिए। यह कार्मिक और उनके परिवार की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी वापसी और कार्य पर पुनः नियुक्ति को सुनिश्चित करने में मददगार होगा।
कार्मिकों को विदेश यात्रा से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे वीजा, पासपोर्ट, और अन्य आवश्यक अनुमतियाँ अपने साथ रखनी चाहिए। इन दस्तावेज़ों की प्रमाणित प्रतियां संबंधित कार्यालय में भी जमा करनी होंगी।
विदेश यात्रा से वापसी पर, कार्मिक को अपनी यात्रा की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके उसे संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत करनी होगी।