
दिशा-निर्देश (सत्र 2022-23) परामर्शदाताओं को विद्यालयों से जोड़ना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के टास्क 70 के अन्तर्गत प्रत्येक स्कूल क्लस्टर (पीईईओ) के स्तर पर सभी विद्यालय के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने, ठहराव बनाये रखने, उनका भावनात्मक और सामाजिक विकास करने और भविष्य की तैयारी के लिये बच्चों को शिक्षकों और प्रशिक्षित काउन्सलर द्वारा परामर्श सेवाएं प्रदान की जानी है।
उक्त उद्देश्यों के लिये अगामी सत्रों में पीईईओ स्तर पर परामर्श की सेवाओं हेतु सक्षम व्यवस्था बनायी जानी है। सत्र 2022-23 में इसके संदर्भ में निम्नलिखित कार्य किये जाने अपेक्षित हैं-
स्वास्थ्य और स्वच्छता पर परामर्श सत्र
प्रत्येक माह बाल स्वास्थ्य स्वच्छता, माहवारी स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता इत्यादि पर प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक स्तर पर पृथक-पृथक चर्चा सत्रों का आयोजन करना इस हेतु निकटस्थ प्राथमिक उपचार केन्द्र से एएनएएम और आशा सहयोगिनी से विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अर्न्तगत सहयोग लिया जाना अपेक्षित है। ऐसे सत्रों को मासिक आधार पर थीम / विषय तय करते हुए आयोजित किया जाये। विशेष आवश्यकता की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक स्तरीय किशोर स्वास्थ्य काउन्सलर का सहयोग लिया जाये।
करियर गाईडेन्स / करियर काउन्सलिंग पर सत्र
राज्य में बच्चों को करियर गाईडेन्स देने हेतु राजीव गांधी करियर पोर्टल संचालित है। साथ ही व्यावसायिक शिक्षा के अन्तर्गत भी संबंधित व्यवसाय पर गाईडेन्स हेतु माध्यमिक विद्यालयों में कार्य किया जा रहा है। इस संदर्भ में सभी बच्चों को भविष्य की तैयारी हेतु करियर गाईडेन्स के सत्रों का आयोजन किया जाना है। अतः विद्यालय स्तर से न्यूनतम त्रैमासिक स्तर पर कक्षा स्तर पर अथवा विद्यालय स्तर पर बच्चों हेतु परामर्श के सत्रों का आयोजन किया जाये। इस हेतु विद्यालय के शिक्षक एवं निकटतम उच्च शिक्षण संस्थानों से विशेषज्ञ को आमंत्रित किया जाये।
बाल सुरक्षा और संरक्षण पर परामर्श सत्र
बच्चों की सुरक्षा विशेषकर बालिकाओं की सुरक्षा अभिभावकों और शिक्षकों के लिये महत्वपूर्ण विषय है। विभाग द्वारा इसके लिये विभिन्न पहल की जा रही है। इसी कड़ी में प्रत्येक विद्यालय में कक्षा वार एवं सामूहिक परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाये। इस हेतु निकटस्थ थाने से पुलिसकर्मी, प्राथमिकता से महिला पुलिसकर्मी को आमंत्रित किया जाये। इस विषय पर कार्य कर रहे एनजीओ से भी विशेषज्ञ को परामर्श सत्रों के लिये आमंत्रित किया जा सकता है। इन परामर्श सत्रों को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण सत्रों के दौरान भी आयोजित किये जा सकते हैं। विशेष ध्यान रखें कि यौन हिंसा से प्रभावित बालक-बालिका की पहचान उजागर करना पोक्सो एक्ट में अपराध है।
विद्यालय ठहराव पर सामुदायिक परामर्श सत्र
पिछड़े और वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों का विद्यालय में नामांकन उपरांत ठहराव विद्यालयों में अभी भी एक चुनौती है। इस समस्या निराकरण के उद्देश्य से अभिभावकों और प्रभावित बच्चों के साथ परामर्श का आयोजन किया जाये। इस हेतु संस्थाप्रधान स्वयं अध्यापिका मंच की सदस्या, समुदाय में प्रभाव रखने वाले लीडर्स, अन्य विभाग के कर्मी जो समुदाय में प्रभाव रखते हों और एनजीओ के विशेषज्ञ आदि का सहयोग से प्रभावित बच्चों और उनके अभिभावकों के लिये विशेष परामर्शो सत्रों का आयोजन किया जाये ऐसे सत्रों का आयोजन आवश्यकतानुसार मासिक अथवा त्रैमासिक आधार पर किया जाये। सामुदायिक बाल सभा, मीना राजू मंच की सामुदायिक गतिविधियों एवं पीटीए के साथ ऐसे सत्रों का समूह विशेष के साथ पृथक से आयोजन किया जाये।
मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक व सामाजिक विकास पर परामर्श सत्र
वर्तमान संदर्भ में किशोर बच्चों में मानसिक अवसाद, भावनात्मक और सामाजिक तनाव जैसी समस्याओं से जूझते हुए पाया जाने लगा है। इसका परिणाम बच्चों का असामाजिक व्यवहार, विद्यालय में अनियमितता, शिक्षा के स्तर में गिरावट, ड्रॉपआउट जैसे परिणामों में देखने को मिलती है। इसकी पहचान एवं समस्या समाधान के लिए प्रशिक्षित काउन्सलर से परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाना अत्यावश्यक है। साथ ही इस चुनौती से प्रभावित बच्चों के लिए व्यक्तिगत परामर्शो का आयोजन किया जाना प्रभावी है। शिक्षक प्रत्येक कक्षा में प्रति त्रैमास पर मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक व सामाजिक विकास पर गतिविधियों के माध्यम से सत्रों का आयोजन करें। साथ ही समस्या से प्रभावित बच्चों के लिये अभिभावकों का सहयोग लेते हुए प्रशिक्षित काउन्सलर द्वारा परामर्श सत्रों का आयोजन करें। विद्यालय इस हेतु ऐसे विषयों पर प्रशिक्षित व्यक्तियों / संस्थानों / एनजीओ का सहयोग भी ले सकते हैं। विशेष ध्यान रखा जाये कि व्यक्तिगत परामर्श लेने वाले बच्चे की पहचान उजागर यथासंभव नहीं करें।
विद्यालय हेतु गतिविधि कैलेण्डर

नोट:- गतिविधि संचालन के दौरान कोविड-19 के सन्दर्भ में चिकित्सा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा जारी सात तथा राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी समस्त दिशा- पूर्णता से पालन किया जाना सुनिश्चित करें।
परामर्शदाताओं को विद्यालय से जोड़ने के सम्बन्ध दिशा निर्देश सत्र 2022-23 पीडीएफ हेतु-